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भोपाल में वॉलेंटियर्स को आज से दिया जाएगा कोवैक्सीन का डोज - People Medical University

भोपाल में शुक्रवार से कोरोन वैक्सीन के थर्ड फेज का ट्रायल आज से शुरू होगा. 100 लोगों पर यह ट्रायल आज किया जाएगा. वैक्सीन के डोज को लेकर सभी तरह की तैयारियां कर ली गई है.

Corona vaccine trial
कोरोना वैक्सीन का ट्रायल
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Published : Nov 27, 2020, 11:32 AM IST

भोपाल। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और भारत बायोटेक इंटरनेशनल की कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुक्रवार को भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में शुरू होगा. इसके लिए भारत बायोटेक ने कॉलेज को अपनी कोवैक्सीन के एक हजार डोज भेज दिए हैं, यहां रजिस्ट्रेशन कराने वाले पहले वॉलेंटियर को टीका लगेगा. इसका बूस्टर डोज 28 दिन बाद लगाया जाएगा.

Corona vaccine trial
कोरोना वैक्सीन का ट्रायल

दो अस्पतालों में होगा ट्रायल

कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए मध्य प्रदेश के 2 मेडिकल कॉलेज पीपुल्स मेडिकल कॉलेज और गांधी मेडिकल कॉलेज को चुना गया है. इसमें से पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार से कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू होगा. ट्रायल को लेकर पीपुल्स मेडिकल यूनिवर्सिटी ने तैयारियां पूरी कर ली है. शुक्रवार को वैक्सीन का डोज देने के लिए जो 100 वॉलिंटियर्स चुने गए हैं, उनमें से कुछ वॉलिंटियर्स को डोज देने का सिलसिला शुरू होगा.

ट्रायल से प्रदेश सरकार की दूरी

पीपुल्स मेडिकल यूनिवर्सिटी में होने वाले ट्रायल को मध्य प्रदेश सरकार नहीं मान रही है. क्योंकि पीपुल्स मेडिकल यूनिवर्सिटी सरकार के अधीन नहीं आती है. बता दें जिन लोगों पर ट्रायल होगा उनकी डेढ़ महीने तक निगरानी की जाएगी. इसके बाद इसकी रिपोर्ट WHO को सौंपी जाएगी. इन सभी को अलग-अलग ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा.

अगले हफ्ते से जीएमसी में ट्रायल

गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में ट्रायल अगले हफ्ते शुरू होगा. जीएमसी प्रबंधन ने इसके लिए संस्थान में नई साइट तैयार की है. इसके दस्तावेज इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को भेज दिया गया है. कॉलेज डीन डॉ. अरुणा कुमार के मुताबिक आईसीएमआर ने संस्थान में कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल की साइट पर असहमति जताई थी.

हमीदिया में भी होना था ट्रायल

कंपनी की तरफ से हमीदिया अस्पताल में भी एक हजार लोगों पर ट्रायल किया जाना था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की तरफ से उपलब्ध कराई गई जगह भारत बायोटेक को पसंद नहीं आई है. इसके चलते कंपनी ने अभी ट्रायल की अनुमति नहीं दी है.

भारत बायोटेक और आईसीएमआर के सहयोग से बनी है वैक्सीन

स्वदेशी कोवैक्सीन को हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक आईसीएमआर के सहयोग से बनाया गया है. देश की पहली स्वदेशी टीका कोवैक्सीन के थर्ड फेस का ट्रायल शुरू कर रहा है. कोवैक्सीन देश में बनने वाली कोरोना की पहली वैक्सीन है.

इन अन्य वैक्सीन का ट्रायल जारी

कोवैक्सीन के अलावा भारत में चार अन्य टीकों का अलग-अलग चरणों में परीक्षण चल रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनका के कोविड-19 टीके के तीसरे चरण का परीक्षण कर रहा है, जबकि जाइडस-कैडिला के देश में निर्मित टीके के दूसरे चरण का परीक्षण पूरा हो चुका है.

भोपाल। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और भारत बायोटेक इंटरनेशनल की कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुक्रवार को भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में शुरू होगा. इसके लिए भारत बायोटेक ने कॉलेज को अपनी कोवैक्सीन के एक हजार डोज भेज दिए हैं, यहां रजिस्ट्रेशन कराने वाले पहले वॉलेंटियर को टीका लगेगा. इसका बूस्टर डोज 28 दिन बाद लगाया जाएगा.

Corona vaccine trial
कोरोना वैक्सीन का ट्रायल

दो अस्पतालों में होगा ट्रायल

कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए मध्य प्रदेश के 2 मेडिकल कॉलेज पीपुल्स मेडिकल कॉलेज और गांधी मेडिकल कॉलेज को चुना गया है. इसमें से पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार से कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू होगा. ट्रायल को लेकर पीपुल्स मेडिकल यूनिवर्सिटी ने तैयारियां पूरी कर ली है. शुक्रवार को वैक्सीन का डोज देने के लिए जो 100 वॉलिंटियर्स चुने गए हैं, उनमें से कुछ वॉलिंटियर्स को डोज देने का सिलसिला शुरू होगा.

ट्रायल से प्रदेश सरकार की दूरी

पीपुल्स मेडिकल यूनिवर्सिटी में होने वाले ट्रायल को मध्य प्रदेश सरकार नहीं मान रही है. क्योंकि पीपुल्स मेडिकल यूनिवर्सिटी सरकार के अधीन नहीं आती है. बता दें जिन लोगों पर ट्रायल होगा उनकी डेढ़ महीने तक निगरानी की जाएगी. इसके बाद इसकी रिपोर्ट WHO को सौंपी जाएगी. इन सभी को अलग-अलग ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा.

अगले हफ्ते से जीएमसी में ट्रायल

गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में ट्रायल अगले हफ्ते शुरू होगा. जीएमसी प्रबंधन ने इसके लिए संस्थान में नई साइट तैयार की है. इसके दस्तावेज इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को भेज दिया गया है. कॉलेज डीन डॉ. अरुणा कुमार के मुताबिक आईसीएमआर ने संस्थान में कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल की साइट पर असहमति जताई थी.

हमीदिया में भी होना था ट्रायल

कंपनी की तरफ से हमीदिया अस्पताल में भी एक हजार लोगों पर ट्रायल किया जाना था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की तरफ से उपलब्ध कराई गई जगह भारत बायोटेक को पसंद नहीं आई है. इसके चलते कंपनी ने अभी ट्रायल की अनुमति नहीं दी है.

भारत बायोटेक और आईसीएमआर के सहयोग से बनी है वैक्सीन

स्वदेशी कोवैक्सीन को हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक आईसीएमआर के सहयोग से बनाया गया है. देश की पहली स्वदेशी टीका कोवैक्सीन के थर्ड फेस का ट्रायल शुरू कर रहा है. कोवैक्सीन देश में बनने वाली कोरोना की पहली वैक्सीन है.

इन अन्य वैक्सीन का ट्रायल जारी

कोवैक्सीन के अलावा भारत में चार अन्य टीकों का अलग-अलग चरणों में परीक्षण चल रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनका के कोविड-19 टीके के तीसरे चरण का परीक्षण कर रहा है, जबकि जाइडस-कैडिला के देश में निर्मित टीके के दूसरे चरण का परीक्षण पूरा हो चुका है.

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