भोपाल। केंद्र की सरकार ने हाल ही में आदेश जारी करके अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते और एरियर पर जुलाई 2021 तक रोक लगा दी है. मध्य प्रदेश की सरकार पहले ही कमलनाथ सरकार द्वारा दिए गए 5 प्रतिशत डीए पर रोक लगा चुकी है. इस मामले में कर्मचारी संगठन सरकार के विरोध में उतर आए हैं. मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ का कहना है कि, प्रदेश में अधिकारियों- कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर रोक लगाकर सरकार जहां कोरोना महामारी से लड़ने की तैयारी कर रही है. वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत और नगर पालिका में महापौर और पार्षदों को अधिकार संपन्न बनाकर उनकी सुविधा और भत्तों पर करोड़ों रुपए खर्च करने जा रही है. संघ ने इस निर्णय पर आपत्ति जताते हुए मांग की है कि, नगरीय समितियों को भंग कर पूर्व की कमलनाथ सरकार की भांति प्रशासक प्रणाली लागू किया जाए. जिससे सरकार के करोड़ों रुपए बचेंगे और महामारी है से लड़ने के काम आएंगे.
प्रदेश की तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा का कहना है कि, केंद्र सरकार ने कल एक बैठक कर आर्थिक आपातकाल के दृष्टिगत केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी है. यह रोक जुलाई 2021 तक लगाई गई है. कर्मचारी अधिकारियों को इस अवधि का एरियर भी नहीं दिया जाएगा. मध्य प्रदेश की सरकार पूर्व में ही 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता, जो कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों को दिया था, उसके भुगतान को स्थगित कर चुकी है. निश्चित रूप से मध्यप्रदेश में भी केंद्र सरकार की तरह कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते और एरियर स्थिगित कर दिया जाएगा.