ETV Bharat / state

BJP का बंगाल फतह के बाद, पार्टी में इन छह नेताओं की हो सकती है बल्ले-बल्ले

पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनावी नतीजों का असर प्रदेश के इन बीजेपी नेताओं के राजनीतिक भविष्य पर भी दिखाई देगा. पश्चिम बंगाल के खेला में यदि बीजेपी जीती, तो इन नेताओं की भी बल्ले-बल्ले निश्चित मानी जा रही है.

Amit Shah
अमित शाह
author img

By

Published : May 1, 2021, 6:03 PM IST

भोपाल। बीजेपी (BJP) के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बने पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Legislative Assembly) के चुनावी नतीजे रविवार को आएंगे. पश्चिम बंगाल में सत्ता पाने के लिए बीजेपी ने पिछले दस सालों से मेहनत की है. चुनावी तैयारियों में बीजेपी के केन्द्रीय नेताओं के अलावा मध्यप्रदेश के भी आधा दर्जन नेताओं ने जमकर पसीना बहाया है. बंगाल के चुनावी नतीजों का असर प्रदेश के इन बीजेपी नेताओं के राजनीतिक भविष्य पर भी दिखाई देगा. पश्चिम बंगाल के खेला में यदि बीजेपी जीती, तो इन नेताओं की भी बल्ले-बल्ले निश्चित मानी जा रही है.

प्रदेश के इन नेताओं इसलिए मिली थी जिम्मेदारी

पश्चिम बंगाल में चुनावी जीत दर्ज करने के लिए मध्यप्रदेश के आधा दर्जन नेताओं ने भी खूब पसीना बहाया है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने तो बंगाल चुनाव (Bengal election) अभियान की शुरूआत से ही अगुवाई की है. पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके बेहतर प्रदर्शन के चलते बंगाल में महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में 42 में से 18 सीटों पर जीत मिली थी. यहां पार्टी को मिलने वाले वोटों का प्रतिशत 40 फीसदी से ज्यादा रहा था, यही वजह है कि पार्टी ने उन पर बंगाल चुनाव में भरोसा जताया.

Amit Shah
पश्चिम बंगाल विधानसभा

कमलनाथ ने नहीं दी छिंदवाड़ा को फूटी कौड़ी- मंत्री अरविंद भदौरिया

नरोत्तम मिश्रा: मध्यप्रदेश की गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की छवि संकटमोचक की रही है. माना जाता है कि उपचुनाव में उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उसे उन्होंने बखूबी निभाया था. यही वजह है कि उन्हें मिशन बंगाल के लिए चुना गया, चुनाव में उन्होंने पसीना भी खूब बहाया.

प्रहलाद पटेल: केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का दूसरे राज्यों में चुनाव का बेहतर अनुभव रहा है. यही वजह है कि उन्हें मिशन बंगाल के लिए चुनाव गया. इसके पहले उन्हें मणिपुर का प्रभारी बनाकर भेजा गया था, जहां बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की थी. पश्चिम बंगाल में भी पार्टी को उनके इसी परफार्मेंस की उम्मीद है.

विश्वास सारंग: मध्यप्रदेश के युवा नेता विश्वास सारंग की गिनती प्रतिभाशाली नेताओं में होती है. उनके ओजपूर्ण भाषण और युवाओं में उनकी अच्छी पकड़ रही है. पूर्व में भी उन्हें दूसरे राज्यों में चुनाव की जिम्मेदारी दी जा चुकी है. यही वजह है कि उन्हें बंगाल के तीन जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई.

अरविंद सिंह भदौरियाः संघ पृष्ठभूमि से होने की वजह से मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया का जमीन पर काम करने का अच्छा अनुभव रहा है. मध्यप्रदेश में पिछले साल मार्च में मचे सियासी बवाल में अरविंद सिंह भदौरिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर केन्द्रीय नेताओं के नजर पर अपनी बेहतर जगह बनाई है. यही वजह है कि उन्हें बंगाल चुनाव में संगठनात्मक भूमिका सौंपी गई.

वहीं मध्यप्रदेश में लगातार चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बंगाल चुनाव में लगातार कई रैलियां की. रैलियों के दौरान उन्होंने कांग्रेस और ममता बैनर्जी सरकार को खूब घेरा था. मध्यप्रदेश की छह नेताओं की टीम ने बंगाल चुनाव में खूब पसीना बहाया है.

नतीजे अनुकूल आए तो बढ़ेगा प्रदेश के नेताओं का कद

राजनीतिक पंडितों की मानें तो पश्चिम बंगाल के चुनावी नतीजों का असर प्रदेश के इन छह नेताओं के राजनीतिक कैरियर पर भी दिखाई देगा. खासतौर से केन्द्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को पार्टी अच्छा प्रतिसाद दे सकती है. उन्होंने चुनाव में खूब पसीना बहाया है. वहीं मध्यप्रदेश के गृहमंत्री और सरकार में नंबर 2 की पाॅजीशन रखने वाले नरोत्तम मिश्रा का कद भी पार्टी में बढ़ सकता है. केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, प्रतिभाशाली युवा नेता के रूप में उभरे विश्वास सारंग और अरविंद सिंह भदौरिया को भी पार्टी भविष्य में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकती है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो पश्चिम बंगाल चुनाव में पार्टी ने चुन-चुनकर अपने प्रतिभाशाली नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी थी, जिसका आगामी चुनावों में भी इसका लाभ मिलेगा. जाहिर है प्रदेश के इन नेताओं को आगामी चुनावों में कई और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएंगी.

भोपाल। बीजेपी (BJP) के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बने पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Legislative Assembly) के चुनावी नतीजे रविवार को आएंगे. पश्चिम बंगाल में सत्ता पाने के लिए बीजेपी ने पिछले दस सालों से मेहनत की है. चुनावी तैयारियों में बीजेपी के केन्द्रीय नेताओं के अलावा मध्यप्रदेश के भी आधा दर्जन नेताओं ने जमकर पसीना बहाया है. बंगाल के चुनावी नतीजों का असर प्रदेश के इन बीजेपी नेताओं के राजनीतिक भविष्य पर भी दिखाई देगा. पश्चिम बंगाल के खेला में यदि बीजेपी जीती, तो इन नेताओं की भी बल्ले-बल्ले निश्चित मानी जा रही है.

प्रदेश के इन नेताओं इसलिए मिली थी जिम्मेदारी

पश्चिम बंगाल में चुनावी जीत दर्ज करने के लिए मध्यप्रदेश के आधा दर्जन नेताओं ने भी खूब पसीना बहाया है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने तो बंगाल चुनाव (Bengal election) अभियान की शुरूआत से ही अगुवाई की है. पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके बेहतर प्रदर्शन के चलते बंगाल में महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में 42 में से 18 सीटों पर जीत मिली थी. यहां पार्टी को मिलने वाले वोटों का प्रतिशत 40 फीसदी से ज्यादा रहा था, यही वजह है कि पार्टी ने उन पर बंगाल चुनाव में भरोसा जताया.

Amit Shah
पश्चिम बंगाल विधानसभा

कमलनाथ ने नहीं दी छिंदवाड़ा को फूटी कौड़ी- मंत्री अरविंद भदौरिया

नरोत्तम मिश्रा: मध्यप्रदेश की गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की छवि संकटमोचक की रही है. माना जाता है कि उपचुनाव में उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उसे उन्होंने बखूबी निभाया था. यही वजह है कि उन्हें मिशन बंगाल के लिए चुना गया, चुनाव में उन्होंने पसीना भी खूब बहाया.

प्रहलाद पटेल: केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का दूसरे राज्यों में चुनाव का बेहतर अनुभव रहा है. यही वजह है कि उन्हें मिशन बंगाल के लिए चुनाव गया. इसके पहले उन्हें मणिपुर का प्रभारी बनाकर भेजा गया था, जहां बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की थी. पश्चिम बंगाल में भी पार्टी को उनके इसी परफार्मेंस की उम्मीद है.

विश्वास सारंग: मध्यप्रदेश के युवा नेता विश्वास सारंग की गिनती प्रतिभाशाली नेताओं में होती है. उनके ओजपूर्ण भाषण और युवाओं में उनकी अच्छी पकड़ रही है. पूर्व में भी उन्हें दूसरे राज्यों में चुनाव की जिम्मेदारी दी जा चुकी है. यही वजह है कि उन्हें बंगाल के तीन जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई.

अरविंद सिंह भदौरियाः संघ पृष्ठभूमि से होने की वजह से मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया का जमीन पर काम करने का अच्छा अनुभव रहा है. मध्यप्रदेश में पिछले साल मार्च में मचे सियासी बवाल में अरविंद सिंह भदौरिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर केन्द्रीय नेताओं के नजर पर अपनी बेहतर जगह बनाई है. यही वजह है कि उन्हें बंगाल चुनाव में संगठनात्मक भूमिका सौंपी गई.

वहीं मध्यप्रदेश में लगातार चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बंगाल चुनाव में लगातार कई रैलियां की. रैलियों के दौरान उन्होंने कांग्रेस और ममता बैनर्जी सरकार को खूब घेरा था. मध्यप्रदेश की छह नेताओं की टीम ने बंगाल चुनाव में खूब पसीना बहाया है.

नतीजे अनुकूल आए तो बढ़ेगा प्रदेश के नेताओं का कद

राजनीतिक पंडितों की मानें तो पश्चिम बंगाल के चुनावी नतीजों का असर प्रदेश के इन छह नेताओं के राजनीतिक कैरियर पर भी दिखाई देगा. खासतौर से केन्द्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को पार्टी अच्छा प्रतिसाद दे सकती है. उन्होंने चुनाव में खूब पसीना बहाया है. वहीं मध्यप्रदेश के गृहमंत्री और सरकार में नंबर 2 की पाॅजीशन रखने वाले नरोत्तम मिश्रा का कद भी पार्टी में बढ़ सकता है. केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, प्रतिभाशाली युवा नेता के रूप में उभरे विश्वास सारंग और अरविंद सिंह भदौरिया को भी पार्टी भविष्य में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकती है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो पश्चिम बंगाल चुनाव में पार्टी ने चुन-चुनकर अपने प्रतिभाशाली नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी थी, जिसका आगामी चुनावों में भी इसका लाभ मिलेगा. जाहिर है प्रदेश के इन नेताओं को आगामी चुनावों में कई और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएंगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.