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अध्यक्ष का नाम तय नहीं, प्रभारी दीपक बाबरिया के बदले जाने की अटकलें तेज

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Published : Aug 31, 2019, 12:01 AM IST

पीसीसी चीफ के नाम की चर्चा के बीच मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव दीपक बाबरिया से भी मध्यप्रदेश का प्रभार लिया जा रहा है, इस तरह की अटकलों ने शुक्रवार को जोर पकड़ लिया, फिलहाल कांग्रेस की तरफ इस बात की पुष्टी नहीं की गई है.

प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव दीपक बाबरिया

भोपाल। मप्र कांग्रेस अध्यक्ष को बदले जाने की कवायद के बीच इन अटकलों ने जोर पकड़ लिया है कि मध्यप्रदेश के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव दीपक बाबरिया से भी मध्यप्रदेश का प्रभार लिया जा रहा है और उनकी जगह नए प्रभारी महासचिव को मध्यप्रदेश का प्रभार दिया जा रहा है.


प्रभारी महासचिव बदले जाने की अटकलों ने शुक्रवार को तेजी से जोर पकड़ा, कई उत्साही कांग्रेसियों ने तो सोशल मीडिया पर नए प्रभारी महासचिव का ऐलान भी कर दिया, लेकिन कांग्रेस संगठन का कहना है कि लोकसभा चुनाव के समय दीपक बाबरिया की तबीयत खराब होने पर उनकी सक्रियता तो कम हुई है, लेकिन इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि उन्हें प्रदेश की जगह कहीं का प्रभार दिया गया है. मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय के पास भी ऐसी कोई जानकारी नहीं है.

कांग्रेस का प्रदेश प्रभारी बदले जाने की अटकलें तेज


मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रदेशाध्यक्ष के चयन को लेकर चर्चा कर रहे थे, तभी प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में पीसीसी के एक बड़े पदाधिकारी की जिम्मेदारी बदले जाने की अटकलें जोर पकड़ रही थीं. चारों तरफ चर्चा थी कि मध्यप्रदेश के प्रभारी महासचिव दीपक बावरिया से मध्यप्रदेश का प्रभार लेकर किसी और नेता को दिया गया है.
प्रभारी बदले जाने की ये खबर इतनी तेजी से फैली कि कुछ उत्साही कांग्रेसियों ने तो महाराष्ट्र के अशोक चाव्हाण और मुकुल वासनिक जैसे नेताओं को मध्यप्रदेश का नया प्रभारी बता दिया. हालांकि, आधिकारिक पुष्टि ना होने के कारण दिनभर अटकलों का बाजार गर्म रहा, लेकिन कांग्रेस की तरफ से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली.


इन अटकलों को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है. ये सही है कि जब लोकसभा चुनाव के समय दीपक बाबरिया यहां भोपाल में थे, तो उनका स्वास्थ्य अचानक खराब हुआ था, जिसके बाद से उनकी सक्रियता निश्चित रूप से कम हुई है, लेकिन प्रभारी बदलने जैसी कोई भी बात नहीं है. ये फैसला एआईसीसी को करना है वे जब जिस पदाधिकारी को जो जिम्मेदारी देंगे, वह निभाना होता है. फिलहाल दीपक बावरिया मध्यप्रदेश के प्रभारी हैं.

भोपाल। मप्र कांग्रेस अध्यक्ष को बदले जाने की कवायद के बीच इन अटकलों ने जोर पकड़ लिया है कि मध्यप्रदेश के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव दीपक बाबरिया से भी मध्यप्रदेश का प्रभार लिया जा रहा है और उनकी जगह नए प्रभारी महासचिव को मध्यप्रदेश का प्रभार दिया जा रहा है.


प्रभारी महासचिव बदले जाने की अटकलों ने शुक्रवार को तेजी से जोर पकड़ा, कई उत्साही कांग्रेसियों ने तो सोशल मीडिया पर नए प्रभारी महासचिव का ऐलान भी कर दिया, लेकिन कांग्रेस संगठन का कहना है कि लोकसभा चुनाव के समय दीपक बाबरिया की तबीयत खराब होने पर उनकी सक्रियता तो कम हुई है, लेकिन इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि उन्हें प्रदेश की जगह कहीं का प्रभार दिया गया है. मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय के पास भी ऐसी कोई जानकारी नहीं है.

कांग्रेस का प्रदेश प्रभारी बदले जाने की अटकलें तेज


मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रदेशाध्यक्ष के चयन को लेकर चर्चा कर रहे थे, तभी प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में पीसीसी के एक बड़े पदाधिकारी की जिम्मेदारी बदले जाने की अटकलें जोर पकड़ रही थीं. चारों तरफ चर्चा थी कि मध्यप्रदेश के प्रभारी महासचिव दीपक बावरिया से मध्यप्रदेश का प्रभार लेकर किसी और नेता को दिया गया है.
प्रभारी बदले जाने की ये खबर इतनी तेजी से फैली कि कुछ उत्साही कांग्रेसियों ने तो महाराष्ट्र के अशोक चाव्हाण और मुकुल वासनिक जैसे नेताओं को मध्यप्रदेश का नया प्रभारी बता दिया. हालांकि, आधिकारिक पुष्टि ना होने के कारण दिनभर अटकलों का बाजार गर्म रहा, लेकिन कांग्रेस की तरफ से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली.


इन अटकलों को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है. ये सही है कि जब लोकसभा चुनाव के समय दीपक बाबरिया यहां भोपाल में थे, तो उनका स्वास्थ्य अचानक खराब हुआ था, जिसके बाद से उनकी सक्रियता निश्चित रूप से कम हुई है, लेकिन प्रभारी बदलने जैसी कोई भी बात नहीं है. ये फैसला एआईसीसी को करना है वे जब जिस पदाधिकारी को जो जिम्मेदारी देंगे, वह निभाना होता है. फिलहाल दीपक बावरिया मध्यप्रदेश के प्रभारी हैं.

Intro:भोपाल। मप्र कांग्रेस अध्यक्ष को बदले जाने की कवायद के बीच प्रदेश अध्यक्ष चयन को लेकर घमासान मचा हुआ है और दूसरी तरफ इन अटकलों ने जोर पकड़ लिया है कि मध्यप्रदेश के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव दीपक बाबरिया से भी मध्यप्रदेश का प्रभार लिया जा रहा है और उनकी जगह पर नए प्रभारी महासचिव को मध्यप्रदेश का प्रभार दिया जा रहा है।आज शुक्रवार को प्रभारी महासचिव बदले जाने की अटकलों ने तेजी से जोर पकड़ा। कई उत्साही कांग्रेसियों ने तो सोशल मीडिया पर नए प्रभारी महासचिव का ऐलान भी कर दिया। लेकिन मप्र कांग्रेस संगठन का कहना है कि लोकसभा चुनाव के समय दीपक बावरिया की तबीयत खराब हो गई थी। तब से उनकी सक्रियता तो कम हुई है। लेकिन उन्हें मप्र की जगह और कहीं का प्रभार दिया गया है, ऐसी सूचना अभी मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय के पास नहीं है और ना ही कोई जानकारी है।


Body:आज मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रदेशाध्यक्ष के चयन को लेकर चर्चा कर रहे थे। तभी मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में मप्र कांग्रेस के एक बड़े पदाधिकारी की जिम्मेदारी बदले जाने की अटकलें जोर पकड़ रही थी। चारों तरफ चर्चा थी कि मध्यप्रदेश के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया से मध्यप्रदेश का प्रभार लेकर किसी और नेता को दिया गया है। ये खबर इतनी तेजी से फैली कि कुछ उत्साही कांग्रेसियों ने तो महाराष्ट्र के अशोक चाव्हाण और मुकुल वासनिक जैसे नेताओं को मध्यप्रदेश का नया प्रभारी बता दिया। हालांकि अधिकारिक पुष्टि ना होने के कारण दिनभर अटकलों का बाजार गर्म रहा, लेकिन कांग्रेस की तरफ से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली। दरअसल इन खबरों ने इस आधार पर जोर पकड़ा कि पिछले दिनों लोकसभा चुनाव के समय दीपक बाबरिया की भोपाल में ही अचानक तबीयत बिगड़ गई थी और उन्हें एअरलिफ्ट करके दिल्ली ले जाया गया था। जहां कई दिनों तक उनका इलाज चला था। तब से उनकी सक्रियता मध्यप्रदेश में कम हो गई है।


Conclusion:इन अटकलों को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है। यह सही है कि जब लोकसभा चुनाव के समय दीपक बाबरिया यहां भोपाल में थे, तो उनका स्वास्थ्य अचानक खराब हुआ था।उनकी थोड़ी सक्रियता निश्चित रूप से कम हुई है, कोई भी इंसान हो अगर उसको शारीरिक परेशानी आती है, तो ऐसा होता है।लेकिन ऐसा कुछ नहीं चल रहा है, वह लगातार संपर्क में रहते हैं। लगातार पीसीसी में बात होती है, मुख्यमंत्री से बात होती रहती है। यह फैसला तो एआईसीसी को करना है। अध्यक्षा महोदय जब जिस पदाधिकारी को जो जिम्मेदारी देंगे, वह निभाना होता है। फिलहाल दीपक बावरिया मध्यप्रदेश के प्रभारी हैं और मैं समझता हूं कि प्रदेश की गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं।
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