भोपाल। क्राइम ब्रांच ने विगत दिनों नवाबों के समय के दस्तावेज बरादम किए थे. इन दस्तावेजों को भोपाल से गुजरात ट्रक में भरकर बेचने के लिए ले जाया जा रहा था. वो दस्तावेज लगभग 100 साल पुराने बताए जा रहे हैं. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने इस दस्तावेज की जानकारी पुरातत्व विभाग को दी थी, लेकिन पुरातत्व विभाग ने दस्तावेज देखने के बाद साफ इनकार कर दिया था. विभाग का कहना है कि ये हमारे काम का नहीं है. ये अभिलेखागार विभाग के काम का है. वहीं अभिलेखागार की टीम दस्तावेजों की जांच करने दिल्ली से भोपाल पहुंची है.
बता दें कि दस्तावेजों की जांच के समय 1946 में भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह खान ने महात्मा गांधी और जिन्ना के बीच चल रहे मसले की खटास कम हो इसको लेकर एक उर्दू में पत्र लिखा था. उस पत्र और ड्राफ्ट को अभिलेखागार की टीम ने उन दस्तावेजों में पाया. उस उर्दू लिखित ड्राफ्ट में गांधी और जिन्ना के बीच हुए विवाद को सुलझाने का प्रपोजल भोपाल नवाब ने भेजा था. आर्काइव के विशेषज्ञों ने बताया कि दस्तावेज को इतिहास के मध्य नजर रखते हुए बहुत महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही कई जीवनी और महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.
वहीं ब्लैक स्टैंप भी रद्दी में बरामद हुए है, जिसका भोपाल नवाब की संपत्तियों को लेकर गलत इस्तेमाल हो सकता है. इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि यदि इन्हें कबाड़ में ही भेजना था तो इन्हें गुजरात ले जाने की क्या आवश्यकता थी. भोपाल में भी एक से बढ़कर एक कबाड़ी हैं. भोपाल में इतना बड़ा कबाड़खाना है. जहां पर बड़ी-बड़ी चीजें बिक जाती हैं तो क्या एक रद्दी नहीं बिक सकती.
पुलिस ने इस मामले में एंटीक्विटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है. बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश में यह केस पहली बार दर्ज हुआ है. क्राइम पुलिस ने गुजरात के दोनों व्यापारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और अब पुलिस एंटीक्विटी एक्ट के तहत इनके ऊपर कार्रवाई करेगी.