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कांग्रेस के स्टार प्रचारक बने रहेंगे कमलनाथ, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर लगाई रोक

पूर्व सीएम कमनलाथ के विवादित बयान के बाद इलेक्शन कमीशन ने उनसे स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया था,जिसके बाद कांग्रेस ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, वहीं आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इलेक्शन कमीशन के फैसले को पलट दिया है,

Supreme Court-Kamal Nath
सुप्रीम कोर्ट-कमलनाथ
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Published : Nov 2, 2020, 2:32 PM IST

Updated : Nov 2, 2020, 2:59 PM IST

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप से कमलनाथ का नाम हटाने के चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगा दी है, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने कहा कि किसी का नाम स्टार प्रचारक की सूची से हटाना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है

दरअसल, 30 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया था. कमलनाथ पर की गई इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए थे. कमलनाथ पर कार्रवाई का चुनाव आयोग ने जो आधार बताया है, उसको लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. कमलनाथ पर जिन बयानों को लेकर कार्रवाई की गई है. उस बयान पर पहले कमलनाथ को हिदायत दी गई थी कि वह इस तरह के बयान ना दें. लेकिन उसके 4 दिन बाद कमलनाथ पर उन बयानों को आधार बनाते हुए कार्रवाई की गई.

कमलनाथ इमरती देवी पर दिए गए बयान के बाद से लगातार चर्चा में बने हुए हैं. कमलनाथ के बयान को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी. चुनाव आयोग में शिकायत के बाद प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट को आधार बनाया था. वहीं कांग्रेस ने कहा था कि बिना नोटिस दिए स्टार प्रचारक का दर्जा छीनना पूरी तरह से गलत है.

कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट जाने की कही थी बात

चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए बीजेपी प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी ने कहा कि मैं चुनाव आयोग का बहुत बहुत धन्यवाद करना चाहता हूं. क्योंकि जिस तरह से प्रदेश में कमलनाथ इस तरह से बयान और भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे वो काफी निंदनीय है.

पढ़ें:कमलनाथ को स्टार प्रचारक की लिस्ट से हटाने का मामला: सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस

बीजेपी ने किया था चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने इलेक्शन कमीशन के फैसले पर सवाल खड़े किए थे. विवेक तन्खा ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि वे कोर्ट में फ्रीडम आफ स्पीच और एक्सप्रेशन को लेकर मुद्दे को रखेंगे. विवेक तन्खा के कहा था कि स्टार प्रचारक कौन होगा, ये पार्टी तय करती है और इलेक्शन कमिशन उसमें निर्णय नहीं ले सकता है.

पढ़ें:कैसे छीना गया कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा, इस रणनीति से भाजपा ने कमलनाथ को घेरा

स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने के बाद क्या बोले थे कमलनाथ

वहीं स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने पर कमलनाथ ने कहा था कि 'न मैं स्टार प्रचारक हूं, न कोई कद है और न ही कोई पद है. मैं चुनाव आयोग पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. 10 तारीख के बाद बात करेंगे, क्योंकि जनता सबसे ऊंची है.' इसके साथ ही कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा था कि सत्य को परेशान किया जा सकता है,लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता.

  • अब जनता फ़ैसला करेगी।

    मेरी आवाज़ को रोकने का, दबाने का प्रयास है।

    कांग्रेस की आवाज़ को कुचलने का प्रयास है।

    सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।

    जनता सच्चाई का साथ देगी।

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इमरती देवी का कहा था आइटम

बता दें विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के दौरान 18 अक्टूबर को कमलनाथ ग्वालियर के डबरा में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के लिए चुनावी सभा करने गए थे, वहां पर उन्होंने इमरती देवी का नाम लिए बगैर कहा था कि मुझे आपको पहले ही सावधान कर देना चाहिए था कि यह क्या 'आइटम' है. कमलनाथ के इस बयान के बाद बीजेपी सक्रिय हुई और सड़क पर विरोध प्रदर्शन के अलावा चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया और राष्ट्रीय महिला आयोग में भी शिकायत की गई.

पढ़ें:यहां पर सब 'आइटम' हैं, सच-झूठ के बीच होने वाले चुनाव को गुमराह कर रही बीजेपी: कमलनाथ

क्या होती है स्टार प्रचारक की भूमिका

स्टार प्रचारकों पर सबकी नजरें होती हैं. ये ऐसे नेता और सिलेब्रिटी होते हैं, जिन्हें देखने और सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है. इनका लोगों पर खासा प्रभाव होता है. स्टार प्रचारक अपने दमदार भाषणों से अपनी पार्टी और उम्मीदवार के लिए वोट खींचने का काम करते हैं. इनकी सभाएं ऐसे इलाकों में रखी जाती हैं, जहां वोट मिलने की संभावना ज्यादा होती है. चुनाव कोई भी हो, इसे जीतने के लिए पार्टी ऐसे नेताओं और सिलेब्रिटी को प्रचार के लिए उतारती है, जिन्हें देखने सुनने भारी भीड़ उमड़े. स्टार प्रचारक को कोई भी दल अपनी स्वेच्छा से उसकी सहमति मिलने पर चुन सकता है.

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप से कमलनाथ का नाम हटाने के चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगा दी है, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने कहा कि किसी का नाम स्टार प्रचारक की सूची से हटाना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है

दरअसल, 30 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया था. कमलनाथ पर की गई इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए थे. कमलनाथ पर कार्रवाई का चुनाव आयोग ने जो आधार बताया है, उसको लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. कमलनाथ पर जिन बयानों को लेकर कार्रवाई की गई है. उस बयान पर पहले कमलनाथ को हिदायत दी गई थी कि वह इस तरह के बयान ना दें. लेकिन उसके 4 दिन बाद कमलनाथ पर उन बयानों को आधार बनाते हुए कार्रवाई की गई.

कमलनाथ इमरती देवी पर दिए गए बयान के बाद से लगातार चर्चा में बने हुए हैं. कमलनाथ के बयान को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी. चुनाव आयोग में शिकायत के बाद प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट को आधार बनाया था. वहीं कांग्रेस ने कहा था कि बिना नोटिस दिए स्टार प्रचारक का दर्जा छीनना पूरी तरह से गलत है.

कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट जाने की कही थी बात

चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए बीजेपी प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी ने कहा कि मैं चुनाव आयोग का बहुत बहुत धन्यवाद करना चाहता हूं. क्योंकि जिस तरह से प्रदेश में कमलनाथ इस तरह से बयान और भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे वो काफी निंदनीय है.

पढ़ें:कमलनाथ को स्टार प्रचारक की लिस्ट से हटाने का मामला: सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस

बीजेपी ने किया था चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने इलेक्शन कमीशन के फैसले पर सवाल खड़े किए थे. विवेक तन्खा ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि वे कोर्ट में फ्रीडम आफ स्पीच और एक्सप्रेशन को लेकर मुद्दे को रखेंगे. विवेक तन्खा के कहा था कि स्टार प्रचारक कौन होगा, ये पार्टी तय करती है और इलेक्शन कमिशन उसमें निर्णय नहीं ले सकता है.

पढ़ें:कैसे छीना गया कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा, इस रणनीति से भाजपा ने कमलनाथ को घेरा

स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने के बाद क्या बोले थे कमलनाथ

वहीं स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने पर कमलनाथ ने कहा था कि 'न मैं स्टार प्रचारक हूं, न कोई कद है और न ही कोई पद है. मैं चुनाव आयोग पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. 10 तारीख के बाद बात करेंगे, क्योंकि जनता सबसे ऊंची है.' इसके साथ ही कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा था कि सत्य को परेशान किया जा सकता है,लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता.

  • अब जनता फ़ैसला करेगी।

    मेरी आवाज़ को रोकने का, दबाने का प्रयास है।

    कांग्रेस की आवाज़ को कुचलने का प्रयास है।

    सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।

    जनता सच्चाई का साथ देगी।

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इमरती देवी का कहा था आइटम

बता दें विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के दौरान 18 अक्टूबर को कमलनाथ ग्वालियर के डबरा में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के लिए चुनावी सभा करने गए थे, वहां पर उन्होंने इमरती देवी का नाम लिए बगैर कहा था कि मुझे आपको पहले ही सावधान कर देना चाहिए था कि यह क्या 'आइटम' है. कमलनाथ के इस बयान के बाद बीजेपी सक्रिय हुई और सड़क पर विरोध प्रदर्शन के अलावा चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया और राष्ट्रीय महिला आयोग में भी शिकायत की गई.

पढ़ें:यहां पर सब 'आइटम' हैं, सच-झूठ के बीच होने वाले चुनाव को गुमराह कर रही बीजेपी: कमलनाथ

क्या होती है स्टार प्रचारक की भूमिका

स्टार प्रचारकों पर सबकी नजरें होती हैं. ये ऐसे नेता और सिलेब्रिटी होते हैं, जिन्हें देखने और सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है. इनका लोगों पर खासा प्रभाव होता है. स्टार प्रचारक अपने दमदार भाषणों से अपनी पार्टी और उम्मीदवार के लिए वोट खींचने का काम करते हैं. इनकी सभाएं ऐसे इलाकों में रखी जाती हैं, जहां वोट मिलने की संभावना ज्यादा होती है. चुनाव कोई भी हो, इसे जीतने के लिए पार्टी ऐसे नेताओं और सिलेब्रिटी को प्रचार के लिए उतारती है, जिन्हें देखने सुनने भारी भीड़ उमड़े. स्टार प्रचारक को कोई भी दल अपनी स्वेच्छा से उसकी सहमति मिलने पर चुन सकता है.

Last Updated : Nov 2, 2020, 2:59 PM IST
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