भोपाल। महिला दिवस यानि 8 मार्च को विधानसभा में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पर चर्चा होगी. विधेयक पर चर्चा के लिए डेढ़ घंटे का समय निर्धारित किया गया है. शिवराज सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस नेताओं को चुनौती दी है कि यदि वे सही मायने में महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं और उनका सम्मान करते हैं, तो विधानसभा में लव जिहाद के खिलाफ आ रहे इस विधेयक का समर्थन करें. विश्वास सारंग ने महिला कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सोमवार को किया जा रहा प्रदर्शन सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए किया जा रहा है.
सोमवार को होगी विधेयक पर चर्चा
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक मार्च को विधानसभा में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2021 को पेश किया था. इस विधेयक पर 5 मार्च को चर्चा की जानी थी, लेकिन बजट पर चर्चा होने की वजह से इस पर चर्चा शुरू नहीं की गई थी, लिहाजा महिला दिवस के दिन सोमवार को इस विधेयक पर चर्चा की जाएगी. सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि सोमवार को इस विधेयक पर चर्चा होनी है, देखना रोचक होगा कि महिला दिवस पर पेश हो रहे इस विधेयक पर विपक्ष के नेता कमलनाथ इस कानून का समर्थन करते हैं या फिर लव जिहाद के विरोध में खड़े होते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाओं से जुड़े हर मुददे पर शिवराज सरकार महिलाओं के साथ खड़ी है. सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए हर स्तर पर काम भी किया जा रहा है.
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कांग्रेस का प्रदर्शन सिर्फ राजनीतिक
महिला कांग्रेस द्वारा 8 मार्च को किए जा रहे प्रदर्शन को लेकर मंत्री ने कहा कि राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए महिलाएं आंदोलन करेंगी. महिलाओं का अपमान करने का काम कांग्रेस ने किया है.
क्या हैं विधेयक के प्रावधान
- बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबरदस्ती धर्मांतरण और विवाह पर 10 साल की सजा का प्रावधान होगा.
- इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले सभी आरोपियों के खिलाफ मुख्य आरोपी की तरह ही न्यायिक कार्रवाई की जाएगी.
- धर्मांतरण और धर्मांतरण के पश्चात होने वाले विवाह के 1 माह पूर्व डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन प्रस्तुत करना होगा.
- बगैर आवेदन प्रस्तुत किए धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को 5 साल तक की सजा का प्रावधान होगा.
- इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्थाओं का पंजीयन भी निरस्त होगा.
- धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत स्वयं पीड़ित, माता- पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकती है.
- जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया जाएगा.
धर्म स्वातंत्र्य विधेयक में क्या
प्रस्तावित 'मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य विधेयक' में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कानून की तर्ज पर ही सजा का प्रावधान किया गया है. बहला-फुसलाकर या फिर जबरन धर्मांतरण और विवाह करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं और उन्हें वित्तीय सहायता देने वाली संस्थाओं के पंजीयन निरस्त होंगे.