भोपाल। प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में पिछले कई सालों से कार्यरत अतिथि विद्वान अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर पिछले 44 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. जिस पर अब तक सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है. ऐसे में आंदोलनरत अतिथि विद्वानों का कहना है कि, 'मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास विदेश घूमने के लिए समय है, लेकिन मर रहे अतिथि विद्वानों की सुध लेने का समय नहीं है'.
अतिथि विद्वान के मीडिया प्रभारी जीपीएस चौहान का कहना है कि, वे लोग पिछले 44 दिनों से आग, पानी, कोहरा, पाला झेल रहे हैं, लेकिन शासन- प्रशासन को उनकी सुध लेने की फुर्सत नहीं है. उन्होंने कहा,' सीएम कमलनाथ के पास विदेश जाने का समय है, घूमने के लिए समय है, लेकिन अतिथि विद्वानों का हाल जानने के लिए समय नहीं है'.
जीपीएस चौहान ने कहा कि, 'कांग्रेस की सरकार ने वचन दिया था कि, अतिथि विद्वानों को नियमित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि, इस आंदोलन में उनके कुछ साथियों की जान चली गई है, कुछ को लकवा मार गया है. वहीं किसी के बच्चे की कोख में ही मौत हो गई है. आखिर सरकार कब उनकी सुध लेगी और अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का वादा पूरा करेगी'.