भोपाल। शहर के आवासीय प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिये भोपाल विकास प्राधिकरण कई आवासीय योजनाओं को संचालित कर रहा है. इसी के तरह मिसरोद में चल रहे आवासीय प्रोजेक्ट का किसानों द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है. किसानों का आरोप है कि भोपाल विकास प्राधिकरण पहले से जारी प्रोजेक्ट को ही पूरा नहीं कर पा रहा है. ऐसे में नए प्रोजेक्ट लेकर प्राधिकरण किसानों की जमीन के साथ खिलवाड़ कर रहा है.
किसानों की तरफ से भोपाल विकास प्राधिकरण के प्रोजेक्ट का विरोध करने के लिये बडी संख्या लोग वीडीए ऑफिस सहित नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से मिलने पहुंचे. इस दौरान किसनो ने ग्रामीणों सहित नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा..
किसानों का कहना है कि बीडीए द्वारा पहले ही दो प्रोजेक्ट को मिसरोद मे 2011 पूरा किया जाना था, जिसको अभी तक केवल 45% ही पूरा किया जा सका है. जिसके चलते मिसरोद के दो प्रोजेक्ट के किसान विकास के लिए आज तक परेशान हो रहे हैं.
आर्थिक समस्या से जूझ रहा भोपाल विकास प्राधिकरण
भोपाल विकास प्राधिकरण आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है. कर्मचारियों के वेतन देने में भी समस्याएं बीडीए के सामने आ रही है. ऐसे मे किसानों के अनुसार मिसरोद चरण 3 प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अनुमानित लागत 750 करोड़ है, जबकी बीडीए ने मात्र 235 करोड़ रूपये इस योजना के लिये रखा है. ऐसे में भविष्य में प्रोजेक्ट पूरा करने में समस्या का सामना करना पड़ेगा.
नो प्रॉफिट नो लॉस के नाम पर अधिकारी भरते है जेब
किसान अजय पाटीदार का कहना है खेती के जमीनों की आज शहर के नजदीक होने के कारण कीमत बढ़ गई है, इसलिए प्रशासन बीडीए के माध्यम से बिल्डिंग बनाने के नाम जमीन सस्ते मे खरीद रहा है. बीडीए को जमीन देने के चलते कलेक्टर गाइडलाइन से मिलने वाली सुविधाएं से किसान वंचित हो जाएंगे साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर प्रोजेक्ट कोभी समय पर पूरा नहीं किया जा सकेगा.
अजय पाटीदार ने कगहा नो प्रॉफिट नो लॉस की प्राधिकरण की स्कीम जरिये अधिकारी अपनी जेब भरते रहते हैं. किसान को फायदा नहीं हो पाता है इसी के चलते मिसरोद सहित सलिया क्षेत्र के ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं.