भोपाल। इस साल का पहला और आखिरी सूर्यग्रहण रविवार को दिखा. इससे पहले सूतक के चलते सभी मंदिरों को बंद कर दिया गया था. सूतक काल खत्म होने के बाद मंदिरों में साफ-सफाई और भगवान को स्नान कराकर उनका श्रंगार किया गया, जिसके बाद पूजा-पाठ किया गया. सूतककाल 12 घंटे पहले शनिवार रात 10 बजे शुरू हुआ था और दोपहर 2 बजे मोक्ष के बाद अब मंदिरों के दरवाजे खुल गए हैं.
सूतक के समय कोई भी काम करना शुभ नहीं माना जाता है. देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने सूर्यग्रहण देखा. कुछ लोगों ने एक्सरे से तो कुछ ने बर्तन में पानी भरकर सूर्यग्रहण का नजारा देखा. भारत में सबसे पहले सूर्यग्रहण मुंबई-पुणे में देखा गया. भारत के अलावा पाकिस्तान, नेपाल और अन्य देशों में भी सूर्यग्रहण देखा गया. देश के कई जगहों पर खंडग्रास (आंशिक) ग्रहण देखा गया है.
सूर्यग्रहण की वजह
विज्ञान के अनुसार सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है. जब चंद्रमा घूमते-घूमते सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा की वजह से नहीं दिखती है, जिसे सूर्यग्रहण कहा जाता है.