भोपाल। महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr Sarvepalli Radhakrishnan) का जन्मदिन 5 सितंबर को प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस (Teachers Day) के रूप में मनाया जाता है. शिक्षक दिवस (Teachers Day) के मौके पर राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान (National Teachers Award) होता है, तो प्रदेश स्तर पर राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान होता है. ऐसे में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए किन मापदंडों का उपयोग किया जाता है और किस आधार पर इसका चयन होता है आइए आपको बताते हैं.
अब ऐसे होता है चयन
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource Development) राष्ट्रीय पुरस्कारों (National Awards) के लिए शिक्षकों (Teachers) के चयन के लिए नए दिशा-निर्देश (new guidelines) जारी करता है. सरकारी स्कूलों के शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए सीधे तौर पर अपनी प्रवष्टियां भेज सकते हैं. इसमें कोई संदेह नहीं हैं कि यह एक नई पहल है. इससे पहले चयन राज्य सरकार द्वारा किया जाता था.
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार क्या है?
पुरस्कार (Awards) का उद्देश्य देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों (Teachers) के अद्वितीय योगदान का उत्सव मनाना और उन शिक्षकों का सम्मान करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और परिश्रम के माध्यम से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता (Education quality) में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्र/छात्राओं के जीवन को भी सवारा है. शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार (National Award) देने की योजना 1958-59 में शुरू की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य था शिक्षकों की प्रतिष्ठा को बढ़ाना और प्राथमिक, मध्यम और माध्यमिक विद्यालयों में काम कर रहे मेधावी शिक्षकों को सार्वजनिक मान्यता देना. इसके लिए हर साल 5 सितंबर (शिक्षक दिवस) पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाता है.
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किन टीचर्स को किया जाता है नामित
(i) मान्यता प्राप्त प्राथमिक/मध्यमिक/उच्च/ उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में काम कर रहे स्कूलों (Schools) के शिक्षक (teachers) और स्कूलों के प्रमुखों को पुरस्कार के लिए नामित किया जाता है. इसके अलावा राज्य सरकार/ केन्द्र शासित प्रशासन द्वारा चलाए जाने वाले स्कूल, स्थानीय निकायों के स्कूल, राज्य सरकार तथा केन्द्र से सहायता प्राप्त स्कूल आदि.
कौन नहीं हैं पात्र
सामान्य रूप से सेवा निवृत्त शिक्षक पुरस्कार (Teachers Award) के पात्र (Eligibility) नहीं होते, लेकिन कैलेंडर वर्ष (कम से कम छह महीनों के लिए यानी जिस वर्ष का राष्ट्रीय पुरस्कार है उस वर्ष के 30 अप्रैल तक) में सेवा देने वाले शिक्षक (Teachers) की पात्रता पर विचार किया जाता है. बशर्ते ऐसे शिक्षक अन्य शर्तें पूरी करते हों. शिक्षक/हेडमास्टर ट्यूशन की गतिविधि में शामिल नहीं होने चाहिए. केवल नियमित शिक्षक और स्कूल (Schools) के प्रमुख पात्र होंगे. संविदा शिक्षक और शिक्षा मित्र पुरस्कार के पात्र नहीं होंगे.
आवेदन के लिए मूल्यांकन मापदंड क्या हैं
मूल्यांकन मैट्रिक्स के आधार पर शिक्षकों का मूल्यांकन (Evaluation) किया जाता है, जिसमें दो प्रकार के मापदंड (Criteria) होते हैं.
1- वस्तुनिष्ठक मापदंड:
इसके तहत शिक्षकों को प्रत्येक वस्तुनिष्ठ मापदंड (Criteria) के सामने स्पष्ट रूप से दिए गए तर्क के अनुसार अंक (Number) दिए जाते हैं. इन मापदंडों को 100 में से 20 का अंकभार दिया जाता है.
2- कार्य प्रदर्शन पर आधारित मापदंड:
इसके तहत, शिक्षकों (teachers) को प्रदर्शन (Performances) पर आधारित मापदंडों (Criteria) के अनुसार अंक (number) दिए जाते. जैसे सीखने के परिणामों में सुधार करने के लिए पहल, नवाचारी प्रयोग, पाठ्येत्तर एवं सह-पाठ्यचर्यात्मक गतिविधियों का आयोजन, शिक्षण-अधिगम सामग्री का प्रयोग, सामाजिक सक्रियता, प्रयोगात्मक लर्निंग सुनिश्चित करना, छात्र/छात्राओं को शारीरिक शिक्षा सुनिश्चित करने के अनूठे तरीके आदि. इन मापदंडों को 100 में से 80 का भार दिया गया है.