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भोपाल के विट्टन मार्केट में बनाया गया मदुरई का मीनाक्षी मंदिर, 30 बड़ी मूर्तियों की भी होगी स्थापना

भोपाल के विट्टन मार्केट के हाट बाजार व्यापारी संघ द्वारा इस साल मदुरई के मीनाक्षी मंदिर की झांकी बनाई गई है. जिसमें दो पंडाल निर्मित किए गए हैं. इन पंडालों में 30 बड़ी मूर्तियों को स्थापित किया गया है.

विट्टन मार्केट पर बनाया गया मदुरई का मीनाक्षी मंदिर
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Published : Sep 29, 2019, 9:37 AM IST

भोपाल। नौ दिनों तक चलने वाले दुर्गा उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. देशभर में दुर्गा उत्सव को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. सुबह से ही श्रद्धालु मूर्तियों को लेने के लिए मूर्तिकार के पास पहुंच रहे हैं. राजधानी में सभी बड़ी झांकियों पर देर शाम विधिवत पूजन के बाद दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की जाएगी. लगातार हो रही बारिश की वजह से झांकियों का काम भी रुका हुआ है. वहीं बारिश ने झांकियों का खर्चा भी बढ़ा दिया है. अब लोगों को झांकियों में वाटरप्रूफ इंतजाम भी करना पड़ रहे हैं.

राजधानी भोपाल की सबसे बड़ी झांकी पिछले कई सालों से विट्टन मार्केट में बिठाई जा रही है. विट्टन मार्केट के हाट बाजार व्यापारी संघ द्वारा हर साल की तरह इस साल भी एक भव्य झांकी का निर्माण किया गया है. समिति का ये 13वां साल है. इन 13 सालों में समिति के द्वारा देश के अलग-अलग प्राचीन मंदिरों की प्रतिकृति को हुबहू झांकी के स्वरूप में बनाने का प्रयास किया जाता है. जिसे न केवल राजधानी के लोग बल्कि प्रदेशभर के लोगों की सराहना मिलती है. समिति के द्वारा इस साल भी मदुरई के मीनाक्षी मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई है. जिसमें दो पंडाल निर्मित किए गए हैं. इन पंडालों में 30 बड़ी मूर्तियों को स्थापित किया गया है.

विट्टन मार्केट पर बनाया गया मदुरई का मीनाक्षी मंदिर

समिति के संयोजक हरिओम खटीक ने बताया कि मदुरई के मीनाक्षी मंदिर की इस प्रतिकृति को झांकी स्वरूप बनाने में लगभग 50 लाख रुपए का खर्च आ रहा था. लेकिन निरंतर हो रही बारिश की वजह से ये खर्चा बढ़कर अब लगभग 60 लाख रुपए के आसपास पहुंच गया है. उन्होंने ये भी बताया कि राजधानी के खटला पुरा में हुई घटना के बाद समिति ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए बड़ी मूर्तियों को विसर्जित ना करने का संकल्प लिया है, ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो सके.

समिति के संरक्षक सुनील पांडे ने बताया कि पूरी झांकी में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इन सीसीटीवी कैमरे की मॉनिटरिंग करने के लिए 24 घंटे एक टीम तैनात रहेगी. इसके लिए अलग से कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. उन्होंने बताया कि इस साल समिति के द्वारा दिव्यांग जनों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, जिसमें न केवल दिव्यांग जनों के लिए कुर्सी बल्कि एक वॉलिंटियर को भी तैनात किया गया है. यदि बारिश लगातार जारी रहती है तो वालंटियर के द्वारा छाता ले जाकर दिव्यांग जनों को झांकी के दर्शन कराए जाएंगे.

वहीं लगातार हो रही बारिश को देखते हुए झांकी पर वाटरप्रूफ पंडाल बनाया गया है, ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बारिश का सामना ना करना पड़े. साथ ही यहां उनके बैठने की व्यवस्था भी की गई है.

भोपाल। नौ दिनों तक चलने वाले दुर्गा उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. देशभर में दुर्गा उत्सव को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. सुबह से ही श्रद्धालु मूर्तियों को लेने के लिए मूर्तिकार के पास पहुंच रहे हैं. राजधानी में सभी बड़ी झांकियों पर देर शाम विधिवत पूजन के बाद दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की जाएगी. लगातार हो रही बारिश की वजह से झांकियों का काम भी रुका हुआ है. वहीं बारिश ने झांकियों का खर्चा भी बढ़ा दिया है. अब लोगों को झांकियों में वाटरप्रूफ इंतजाम भी करना पड़ रहे हैं.

राजधानी भोपाल की सबसे बड़ी झांकी पिछले कई सालों से विट्टन मार्केट में बिठाई जा रही है. विट्टन मार्केट के हाट बाजार व्यापारी संघ द्वारा हर साल की तरह इस साल भी एक भव्य झांकी का निर्माण किया गया है. समिति का ये 13वां साल है. इन 13 सालों में समिति के द्वारा देश के अलग-अलग प्राचीन मंदिरों की प्रतिकृति को हुबहू झांकी के स्वरूप में बनाने का प्रयास किया जाता है. जिसे न केवल राजधानी के लोग बल्कि प्रदेशभर के लोगों की सराहना मिलती है. समिति के द्वारा इस साल भी मदुरई के मीनाक्षी मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई है. जिसमें दो पंडाल निर्मित किए गए हैं. इन पंडालों में 30 बड़ी मूर्तियों को स्थापित किया गया है.

विट्टन मार्केट पर बनाया गया मदुरई का मीनाक्षी मंदिर

समिति के संयोजक हरिओम खटीक ने बताया कि मदुरई के मीनाक्षी मंदिर की इस प्रतिकृति को झांकी स्वरूप बनाने में लगभग 50 लाख रुपए का खर्च आ रहा था. लेकिन निरंतर हो रही बारिश की वजह से ये खर्चा बढ़कर अब लगभग 60 लाख रुपए के आसपास पहुंच गया है. उन्होंने ये भी बताया कि राजधानी के खटला पुरा में हुई घटना के बाद समिति ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए बड़ी मूर्तियों को विसर्जित ना करने का संकल्प लिया है, ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो सके.

समिति के संरक्षक सुनील पांडे ने बताया कि पूरी झांकी में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इन सीसीटीवी कैमरे की मॉनिटरिंग करने के लिए 24 घंटे एक टीम तैनात रहेगी. इसके लिए अलग से कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. उन्होंने बताया कि इस साल समिति के द्वारा दिव्यांग जनों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, जिसमें न केवल दिव्यांग जनों के लिए कुर्सी बल्कि एक वॉलिंटियर को भी तैनात किया गया है. यदि बारिश लगातार जारी रहती है तो वालंटियर के द्वारा छाता ले जाकर दिव्यांग जनों को झांकी के दर्शन कराए जाएंगे.

वहीं लगातार हो रही बारिश को देखते हुए झांकी पर वाटरप्रूफ पंडाल बनाया गया है, ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बारिश का सामना ना करना पड़े. साथ ही यहां उनके बैठने की व्यवस्था भी की गई है.

Intro:दुर्गा उत्सव की हुई शुरुआत , विट्ठल मार्केट पर बनाया गया मदुरई का मीनाक्षी मंदिर , बारिश की वजह से 50 लाख रुपए की झांकी पहुंची 60 लाख पर

भोपाल। 9 दिनों तक चलने वाले दुर्गा उत्सव की शुरुआत हो चुकी है . देशभर में दुर्गा उत्सव को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है . सुबह से ही श्रद्धालु मूर्तियों को लेने के लिए मूर्तिकार के पास पहुंच रहे हैं . राजधानी में सभी बड़ी झांकियों पर देर शाम विधिवत पूजा अर्चना के बाद दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की जाएगी .लगातार हो रही बारिश की वजह से झांकियों का काम भी रुका पड़ा हुआ है वहीं बारिश ने झांकियों का खर्चा भी बढ़ा दिया है . अब लोगों को झांकियों में वाटरप्रूफ इंतजाम भी करना पड़ रहे हैं .

राजधानी की सबसे बड़ी झांकी विगत कई वर्षों से विट्ठल मार्केट में बिठाई जा रही है . जय मां वैष्णो दुर्गा उत्सव समिति विट्ठल मार्केट हॉट बाजार व्यापारी संघ के द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी एक भव्य झांकी का निर्माण किया गया है .समिति का यह 13 वर्ष है .इन 13 वर्षों में समिति के द्वारा देश के अलग-अलग प्राचीन मंदिरों की प्रतिकृति को हुबहू झांकी के स्वरूप में बनाने का प्रयास किया गया है .जिसे ना केवल राजधानी के लोग बल्कि प्रदेशभर के लोगों की सराहना मिली है . समिति के द्वारा इस वर्ष भी मदुरई के मीनाक्षी मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई है .जिसमें दो पंडाल निर्मित किए गए हैं . इन पंडालों में 30 बड़ी मूर्तियों को स्थापित किया गया है .




Body:समिति के संयोजक हरिओम खटीक ने बताया कि मदुरई के मीनाक्षी मंदिर की इस प्रतिकृति को झांकी स्वरूप बनाने में लगभग 50 लाख रुपए का खर्च आ रहा था .लेकिन निरंतर हो रही बारिश की वजह से यह खर्चा बढ़कर अब लगभग 60 लाख रुपए के आसपास पहुंच गया है . उन्होंने बताया कि इस वर्ष झांकी में स्थापित की जाने वाली मूर्तियां लगभग साढे 4 लाख रुपए में मूर्तिकार से बनवाई गई है . यह सभी मूर्तियां इतनी सुंदर है कि हर एक व्यक्ति इन मूर्तियों को देखता ही रह जाएगा .

उन्होंने बताया कि राजधानी की खटला पुरा में हुई घटना के बाद समिति ने एक बढ़ा निर्णय लेते हुए बड़ी मूर्तियों को विसर्जित ना करने का संकल्प लिया है , ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो सके साथ ही पर्यावरण को बचाने और जल संरक्षण के लिए देवी भक्तों ने एक और नई पहल की है .माता के भक्त अब झांकी में स्थापित की गईं सभी प्रतिमाओं को तालाब में विसर्जित नहीं करेंगे, केवल एक छोटी मां दुर्गा की प्रतिमा तालाब में विसर्जित की जाएगी जो झांकी में प्राण प्रतिष्ठित की जाएगी .बाकी की सभी मूर्तियां नवरात्र महोत्सव के बाद मूर्तिकार को वापस कर दी जाएंगी .
Conclusion:समिति के संरक्षक सुनील पांडे ने बताया कि पूरी झांकी में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं इन सीसीटीवी कैमरे की मॉनिटरिंग करने के लिए 24 घंटे एक टीम तैनात रहेगी इसके लिए अलग से कंट्रोल रूम भी बनाया गया है . उन्होंने बताया कि इस वर्ष समिति के द्वारा दिव्यांग जनों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है जिसमें ना केवल दिव्यांग जनों के लिए कुर्सी बल्कि एक वॉलिंटियर को भी तैनात किया गया है यदि बारिश लगातार जारी रहती है तो वालंटियर के द्वारा छाता ले जाकर दिव्यांग जनों को झांकी के दर्शन कराने उपरांत वापस छोड़ने तक की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है . उन्होंने बताया कि झांकी पर सुरक्षा व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए फायर सिस्टम को भी सभी जगह पर लगाया गया है ताकि किसी प्रकार की आगजनी की घटना ना हो इसके अलावा झांकी में लगाई गई सुसज्जित विद्युत व्यवस्था को भी काफी बेहतर किया गया है अब झांकी में कहीं भी खुला हुआ वायर या केबल नजर नहीं आएगी इन सभी को एक पाइप के अंदर व्यवस्थित कर लगाया गया है ताकि किसी प्रकार का शार्ट सर्किट का खतरा ना हो .

समिति के संरक्षक ने बताया कि लगातार हो रही बारिश को दृष्टिगत रखते हुए झांकी पर वाटरप्रूफ पंडाल बनाया गया है , ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बारिश का सामना ना करना पड़े साथ ही यहां उनके बैठने की व्यवस्था भी की गई है .समिति के द्वारा लोगों के खान-पान और उपवास को दृष्टिगत रखते हुए वाटरप्रूफ दुकानों का निर्माण भी किया गया है नवरात्र पर आने वाले छोटे बच्चों को भी ध्यान में रखते हुए झूलों की व्यवस्था की गई .
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