भोपाल। सेना की 1971 की युद्ध के इतिहास को नव पीढ़ी तक पहुंचाने और राष्ट्रभक्ति की भावना को जागृत करने के लिए शुरू की गई स्वर्णिम विजय मशाल भोपाल स्थित एनसीसी के हेड क्वार्टर पहुंची. जहां भव्य कार्यक्रम के बीच 1971 के युद्ध की गाथा और सेना के पराक्रम को एनसीसी कैडेट्स के बीच बताया गया. एनसीसी हेड क्वार्टर के ग्रुप कमांडेंट ब्रिगेडियर संजय घोष को फंडिंग विजय मसाल सौंपी गई.
एनसीसी हेड क्वार्टर पहुंची विजय मशाल
स्वर्णिम विजय मशाल भोपाल में पिछले 4 जनवरी से भोपाल के अलग-अलग रक्षा से जुड़े हुए मुख्यालयों मे पहुंची है. जहां 1971 के युद्ध के वीर जवानों का सम्मान के साथ आम लोगों को युद्ध के पराक्रम के बारे में बताने के लिए यह पिछले 11 दिनों से अलग-अलग मुख्यालय पर जा रही थी. जहां पर कई कार्यक्रम किए जा रहे थे. अंतिम दिन यह विजय मशाल एनसीसी मुख्यालय पहुंची जो यहां से अब इटारसी जाएगी. एनसीसी हैडक्वाटर के ग्रुप कमांडेंट ब्रिगेडियर संजय घोष को स्वर्णिम विजय मशाल सेना के अधिकारियों द्वारा सौंपी गई. आयोजित कार्यक्रम को ब्रिगेडियर संजय घोष ने संबोधित किया. ब्रिगेडियर संजय घोष का कहना है कि 1971 के युद्ध को आज 50 साल होने जा रहे हैं. इसी के चलते प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम शुरू किया था. साल भर युद्ध के जीत के उपलक्ष में हम सेलिब्रेट करेंगे.
16 दिसंबर 2021 को होगा समापन
16 दिसंबर 2020 को स्वर्णिम विजय मशाल को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलाया गया था. 1971 भारत पाक युद्ध में भारत की जीत को याद दिलाती हुई चार स्वर्णिम विजय मशाल को देश के चारों दिशाओं में भेजा गया था. जो भोपाल सीआरपीएफ मुख्याल, बीएसएफ मुख्यालय, पुलिस मुख्यालय, शौर्य स्मारक से होती हुई एनसीसी मुख्यालय में पहुंची. वहीं स्मारक में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा भी वीर सैनिकों को मशाल के सामने श्रद्धांजलि दी गई. स्वर्णिम विजय मशाल 16 दिसंबर 2021 को पूरे 1 साल बाद दिल्ली पहुंचेगी,जो हर छोटे बड़े प्रांतों शहरों और गांवों में राष्ट्रभक्ति की अलख जगाएगी.