भोपाल। कोरोना काल में गरीबों को घटिया चावल दिए जाने के मामले में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. अब पूर्व मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर आरोप लगाते हुए कहा है कि शिवराज सरकार में जब वह खाद्य मंत्री थे, तब यह घोटाला हुआ है. उन्होंने कहा है कि इस मामले पर गोविंद सिंह राजपूत को चुप्पी तोड़नी चाहिए और जनता के सामने सच लाना चाहिए.
सुरेंद्र चौधरी ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर प्रहार करते हुए कहा है कि यह वही गोविंद सिंह राजपूत हैं, जो कभी कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे थे और कहते थे कि हमारी नहीं चलती, लेकिन शिवराज सिंह सरकार में गोविंद सिंह राजपूत के खाद्य मंत्री रहते हुए करोड़ों के चावल घोटाले से इनकी दक्षता उजागर हुई है.
चावल घोटाले पर चुप्पी तोड़े मंत्री राजपूत
सुरेंद्र चौधरी ने कहा है कि कोरोना वायरस के चलते जरूरतमंद लोग शासन की ओर निहारते हैं और शासन में बैठे गोविंद सिंह राजपूत जैसे जिम्मेदार लोगों की आंख बंद कर लेने से इस तरीके के घोटालेबाजों के हौसले बुलंद हैं. सुरेंद्र चौधरी ने मंत्री राजपूत से कहा है कि बालाघाट, मंडला शहर, सागर जिले के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिले में हुए चावल घोटाले पर चुप्पी तोड़ें.
ये भी पढ़े- चावल घोटाला : बालाघाट पहुंची EOW की टीम, 18 राइस मिल सील, दस्तावेज जब्त
30 जुलाई से 2 अगस्त तक हुई थी जांच
बता दें कि केंद्रीय उपायुक्त की टीम ने मंडला और बालाघाट जिले की पीडीएस की दुकानों से 30 जुलाई से 2 अगस्त के बीच 32 नमूने लिए थे. इनकी जांच कृषि भवन नई दिल्ली स्थित सेंट्रल लैब में कराई गई. जांच रिपोर्ट के अनुसार सभी नमूनों के चावल खराब निकले.
ये भी पढ़े- घटिया चावल बांटने वाले रसूखदार जेल जाने की करें तैयारी : बीजेपी
कमलनाथ ने की निंदा
केंद्रीय समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे अमानवीय कृत्य करार दिया है. उन्होंने कहा कि ये मानवता को तार-तार करने वाला है, उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
सरकार ने की कार्रवाई
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है और गुणवत्ताविहीन चावल प्रदाय के लिए गुणवत्ता नियंत्रकों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. जिला प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है. मिलर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.