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उद्योग और व्यवसाय के नियम बनाने से पहले लिए जाएंगे सुझाव - मध्य प्रदेश की सरकार

मध्य प्रदेश की सरकार उद्योग और व्यवसाय के लिए बनने वाले नियम को लेकर भी लोगों से सुझाव मांगेगी.

making rules of industry and business in madhya pradesh
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Published : Jan 17, 2021, 7:26 PM IST

Updated : Jan 17, 2021, 7:47 PM IST

भोपाल: आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए तैयार हो रहे आगामी बजट के बाद राज्य सरकार अब उद्योग और व्यवसाय के लिए बनने वाले नियम को लेकर भी लोगों से सुझाव मांगेगी. बगैर लोगों के सुझाव लिए विभाग अपनी तरफ से नियम कानून नहीं बना सकेंगे. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी विभागों को पत्र जारी कर दिया है.


विभागों को बताना होगा

सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुसार नए नियम, अधिनियम बनाने के लिए विभागों को कितने सुझाव मिले और सुझाव किस तरह के हैं, उन्हें यह सरकार को बताना होगा. विभागों को यह भी बताना होगा कि प्राप्त हुए सुझावों पर क्या कार्रवाई की गई और किन-किन सुझावों को माना गया है. जाहिर तौर पर यदि कोई विभाग कोई नियम, अधिनियम या विनियम बनाना चाहता है तो पहले उसे यह बताना होगा कि इसका वैधानिक आधार क्या है और किस आधार और औचित्य के कारण उन्हें नया नियम बनाने की जरूरत पड़ रही है, नए बनाए जाने वाली नियमों से प्रदेश के नागरिकों व्यवसायियों और उद्यमियों को क्या फायदा होगा. इसकी जानकारी होने विभाग की वेबसाइट पर डालनी होगी. ताकि नियम बनने से पहले व्यवसाई, उद्यमी इसे जान सकें.

नियमों का प्रारूप वेबसाइट पर अपलोड करना होगा

नए नियम बनाते समय अफसरों के सुझावों के अलावा आम लोगों के सुझावों को भी पूरी तवज्जो दी जाएगी. कोई भी नियम अधिनियम बनाने से पहले उसका पूरा प्रारूप 30 दिन पहले विभाग की वेबसाइट पर डालना होगा. इसके संबंध में लोगों से सुझाव मांगे जाएंगे. राज्य सरकार इसके जरिए सरकार की नीतियों में पारदर्शिता और सुशासन लाना चाहती है. आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोड मैप में सुशासन को भी शामिल किया गया है. राज्य सरकार के नए आदेश इसी दिशा में एक कदम है.

भोपाल: आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए तैयार हो रहे आगामी बजट के बाद राज्य सरकार अब उद्योग और व्यवसाय के लिए बनने वाले नियम को लेकर भी लोगों से सुझाव मांगेगी. बगैर लोगों के सुझाव लिए विभाग अपनी तरफ से नियम कानून नहीं बना सकेंगे. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी विभागों को पत्र जारी कर दिया है.


विभागों को बताना होगा

सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुसार नए नियम, अधिनियम बनाने के लिए विभागों को कितने सुझाव मिले और सुझाव किस तरह के हैं, उन्हें यह सरकार को बताना होगा. विभागों को यह भी बताना होगा कि प्राप्त हुए सुझावों पर क्या कार्रवाई की गई और किन-किन सुझावों को माना गया है. जाहिर तौर पर यदि कोई विभाग कोई नियम, अधिनियम या विनियम बनाना चाहता है तो पहले उसे यह बताना होगा कि इसका वैधानिक आधार क्या है और किस आधार और औचित्य के कारण उन्हें नया नियम बनाने की जरूरत पड़ रही है, नए बनाए जाने वाली नियमों से प्रदेश के नागरिकों व्यवसायियों और उद्यमियों को क्या फायदा होगा. इसकी जानकारी होने विभाग की वेबसाइट पर डालनी होगी. ताकि नियम बनने से पहले व्यवसाई, उद्यमी इसे जान सकें.

नियमों का प्रारूप वेबसाइट पर अपलोड करना होगा

नए नियम बनाते समय अफसरों के सुझावों के अलावा आम लोगों के सुझावों को भी पूरी तवज्जो दी जाएगी. कोई भी नियम अधिनियम बनाने से पहले उसका पूरा प्रारूप 30 दिन पहले विभाग की वेबसाइट पर डालना होगा. इसके संबंध में लोगों से सुझाव मांगे जाएंगे. राज्य सरकार इसके जरिए सरकार की नीतियों में पारदर्शिता और सुशासन लाना चाहती है. आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोड मैप में सुशासन को भी शामिल किया गया है. राज्य सरकार के नए आदेश इसी दिशा में एक कदम है.

Last Updated : Jan 17, 2021, 7:47 PM IST
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