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ताले तोड़कर मैनिट के  हॉस्टल नंबर 11 से निकाला गया समान, सोशल मीडिया पर छात्र जता रहे नाराजगी

भोपाल के मौलाना आज़ाद इंस्टीटूट के होस्टल नम्बर 11 को कोविड सेंटर के लिए चिन्हित किया गया. जिसके 300 रूम के ताले तोड़ दिए गए. जिसके विरोध में मेनिट के हज़ारो छात्र सोशल मीडिया पर हेश टैग कैंपेन चला रहे हैं.

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Published : May 30, 2020, 5:04 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए जिला प्रसाशन द्वारा कई इलाकों में कोविड केअर सेंटर चिन्हित किये जा रहे हैं. अब हालात ये हैं कि कॉलेज के होस्टल्स को भी चिन्हित किया जा रहा है. जिससे छात्रों में खासा नाराजगी है. भोपाल के मौलाना आज़ाद इंस्टीटूट के होस्टल नम्बर 11 को कोविड सेंटर के लिए चिन्हित किया गया. जिसके 300 रूम के ताले तोड़ दिए गए. जिसके विरोध में मैनिट के हजारों छात्र सोशल मीडिया पर हेश टैग कैंपेन चला रहे हैं.

सोशल मीडिया पर छात्र जता रहे नाराजगी

मैनिट में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि 600 एकड़ में कॉलेज बना हुआ है. कई सारे डिपार्टमेंट्स हैं, कई सारे ऐसे रूम हैं जो किसी काम के नहीं है. कॉलेज प्रशासन ने उनको चिन्हित ना करके बच्चों के हॉस्टल को ही क्यों निशाना बनाया. छात्रों में यह चिंता है कि जब वापस आएंगे और उन्हीं हॉस्टलों में रहेंगे. जहां संक्रमित मरीज रह रहे हैं. ऐसे में उनको संक्रमण का खतरा हो सकता है. छात्रों का कहना है कि हॉस्टल के रूम के ताले तोड़ने से पहले उन्हें जानकारी भी नहीं की गई.

छात्रों ने कहा कि हॉस्टल के रूम में उनके जरूरी कागजात ,गाड़ी की चाबी, लैपटॉप जैसी सामग्री थी. उसे कॉलेज प्रशासन ने किस तरह से रखा है. यह भी छात्रों को नहीं पता. अगर उन समान को कुछ होता है तो क्या कॉलेज उसकी भरपाई करेगा. जो डाक्यूमेंट्स रूम में थे, अगर वह खो गए तो छात्रों के भविष्य पर बात आ जाएगी. ऐसे में कॉलेज किस तरह से ज़िम्मेदारी लेगा यह भी छात्रों को नहीं बताया गया. इस बात से छात्रों में नाराजगी है. छात्र सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे हैं, जिस पर प्रदेश के अन्य छात्र भी उन्हें समर्थन कर रहे हैं.

भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए जिला प्रसाशन द्वारा कई इलाकों में कोविड केअर सेंटर चिन्हित किये जा रहे हैं. अब हालात ये हैं कि कॉलेज के होस्टल्स को भी चिन्हित किया जा रहा है. जिससे छात्रों में खासा नाराजगी है. भोपाल के मौलाना आज़ाद इंस्टीटूट के होस्टल नम्बर 11 को कोविड सेंटर के लिए चिन्हित किया गया. जिसके 300 रूम के ताले तोड़ दिए गए. जिसके विरोध में मैनिट के हजारों छात्र सोशल मीडिया पर हेश टैग कैंपेन चला रहे हैं.

सोशल मीडिया पर छात्र जता रहे नाराजगी

मैनिट में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि 600 एकड़ में कॉलेज बना हुआ है. कई सारे डिपार्टमेंट्स हैं, कई सारे ऐसे रूम हैं जो किसी काम के नहीं है. कॉलेज प्रशासन ने उनको चिन्हित ना करके बच्चों के हॉस्टल को ही क्यों निशाना बनाया. छात्रों में यह चिंता है कि जब वापस आएंगे और उन्हीं हॉस्टलों में रहेंगे. जहां संक्रमित मरीज रह रहे हैं. ऐसे में उनको संक्रमण का खतरा हो सकता है. छात्रों का कहना है कि हॉस्टल के रूम के ताले तोड़ने से पहले उन्हें जानकारी भी नहीं की गई.

छात्रों ने कहा कि हॉस्टल के रूम में उनके जरूरी कागजात ,गाड़ी की चाबी, लैपटॉप जैसी सामग्री थी. उसे कॉलेज प्रशासन ने किस तरह से रखा है. यह भी छात्रों को नहीं पता. अगर उन समान को कुछ होता है तो क्या कॉलेज उसकी भरपाई करेगा. जो डाक्यूमेंट्स रूम में थे, अगर वह खो गए तो छात्रों के भविष्य पर बात आ जाएगी. ऐसे में कॉलेज किस तरह से ज़िम्मेदारी लेगा यह भी छात्रों को नहीं बताया गया. इस बात से छात्रों में नाराजगी है. छात्र सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे हैं, जिस पर प्रदेश के अन्य छात्र भी उन्हें समर्थन कर रहे हैं.

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