भोपाल। राजधानी के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित शासकीय विद्यालय मध्य प्रदेश का पहला ऐसा स्कूल बन गया है, जहां छात्रों के साथ ही शिक्षक भी ड्रेस कोड में नजर आ रहे हैं. इस सरकारी स्कूल में हर वो सुविधा है जो एक प्राइवेट स्कूल में दी जाती है. यहां छात्रों के लिए कंप्यूटर लैब से लेकर प्रैक्टिकल लैब, लाइब्रेरी और कैंटीन जैसी तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं और इसका श्रेय स्कूल की प्राचार्य निशा कमरानी को जाता है.
लगाई जा रही एक्सट्रा क्लास
प्राचार्य को शासकीय स्कूल की बेहतरी और नवाचार के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने सम्मानित भी किया है. इस स्कूल में 10वीं और 12वीं कक्षा का बेहतर रिजल्ट आ सके, इसके लिए स्कूल में अतिरिक्त कक्षाएं भी लगाई जा रही हैं. शासकीय स्कूल में वैसे तो लैब कम ही देखी जाती है, लेकिन इस स्कूल में प्राचार्य और शिक्षकों के प्रयासों से बच्चों को एक बेहतरीन लैब की सुविधा भी मुहैया कराई गई हैं.
छात्रों के लिए टाइम टेबल तैयार
स्कूल की प्राचार्य ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले छात्र बेहद गरीब परिवारों से आते हैं और ज्यादातर छात्र छात्रावास में रहते हैं. ऐसे छात्रों के लिए हमने स्कूल में टाइम टेबल तैयार किया है. जिसमें छात्रों की दिनचर्या तय की गई है, सुबह उठने से लेकर रात को 11 बजे तक पढ़ाई करने तक की दिनचर्या छात्रों की स्कूल द्वारा तय की गई है. जिसका पालन भी शिक्षकों द्वारा छात्रों से कराया जाता है.
स्कूल में शिक्षकों का भी ड्रेस कोड
प्राचार्य निशा अरोड़ा ने बताया कि शासकीय स्कूल को प्राइवेट की तर्ज पर तैयार करना एक चुनौती थी, उन्होंने बताया जब वो स्कूल में आईं तो उन्होंने सबसे पहले स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्कूल में साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया और इसके बाद स्कूल में ड्रेस कोड लागू किया. जिससे सभी शिक्षक एक जैसे दिखें और शिक्षकों को ड्रेस में देख कर छात्रों को भी स्कूल ड्रेस में आने की प्रेरणा मिले. उन्होंने बताया अगले सत्र से स्कूली छात्रों के लिए भी अलग ड्रेस तैयार की जाएगी.