भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले तेजी से सामने आ रहे हैं, ऐसे में जिला प्रशासन ने भोपाल के मेनिट हॉस्टल को क्वॉरेंटाइन सेंटर बना दिया है, जिसके विरोध में छात्रों का आंदोलन जारी है. छात्रों द्वारा तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाने के बाद अब छात्र शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं. जिसमें छात्र श्रमदान कर रहे हैं और पेड़-पौधे लगाकर अनोखे तरीके से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.
छात्रों के हॉस्टल को बनाया क्वॉरेंटाइन सेंटर
दरअसल 22 मार्च के बाद जब पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन हो गया था, तब छात्र कॉलेज को छोड़कर अपने घर चले गए. ऐसे में छात्रों का सामान हॉस्टल में ही रह गया, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि छात्र अपने घरों में होंगे और उनके हॉस्टल के ताले तोड़ दिए जाएंगे. जिला प्रशासन ने मेनिट के हॉस्टल नंबर 11 को क्वॉरेंटाइन सेंटर बना दिया है और हॉस्टल के 300 रूम के ताले तोड़कर छात्रों का सामान वहां से बाहर निकाल दिया है. जिसके बाद से ही छात्र सोशल मीडिया पर इसका विरोध जता रहे हैं.
छात्र कर रहे विरोध
छात्रों का कहना है कि हम मेनिट के हॉस्टल को क्वॉरेंटाइन सेंटर से हटाने के लिए विरोध कर रहे हैं. जिसके लिए कई प्रयास कर चुके हैं, इसके बावजदू कॉलेज प्रशासन और सरकार उनकी बात नहीं सुन रहे हैं. छात्रों का कहना है कि बहुत बड़ा कॉलेज है, कई सारी बिल्डिंग हैं, बच्चों के हॉस्टल को छोड़कर किसी भी हॉल को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. छात्रों ने कहा कि उनका सामान रूम से निकाल कर फेंक दिया गया, जिसके विरोध में छात्र आंदोलन कर रहे हैं.
छात्रों का कहना है कि ना जाने ये क्वॉरेंटाइन सेंटर कब तक रहेगा, ऐसे में उनकी कक्षाएं भी नहीं लग पाएंगी. कॉलेज स्टार्ट होने का भी कोई प्रोसेस अब तक स्टूडेंट्स को पता नहीं चला है. छात्रों ने कहा कि ये माह छात्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इन दिनों कॉलेज में प्लेसमेंट आते हैं, लाखों रुपए की पढ़ाई करने के बाद छात्र प्लेसमेंट की आस में बैठा होता है, लेकिन जिस तरह से मेनिट के हॉस्टलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है. ऐसे में छात्रों को आगे कोई आस दिखाई नहीं दे रही है.
छात्रों ने कलेक्टर से की अपील
ऐसे में छात्र कई मांगों को लेकर सत्याग्रह कर रहे हैं. जिसमें छात्रों द्वारा श्रमदान किया जा रहा है और बड़ी संख्या में पेड़ पौधे लगाए जा रहे हैं. छात्र शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन और अनोखे प्रयास कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. छात्र भोपाल कलेक्टर से अपील कर रहे हैं कि वे हॉस्टल को क्वॉरेंटाइन सेंटर से मुक्त कर दें, जिससे छात्र हॉस्टल वापस लौट सकें और अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकें.