भोपाल। जामिया इस्लामिया अरबिया मदरसा भोपाल से 25 किलोमीटर दूर तूमड़ा गांव में स्थित है. इस मदरसे में बच्चों को इस्लामी तालीम के अलावा गौ सेवा का पाठ भी पढ़ाया जाता है. इस मदरसे में 250 बच्चे पढ़ते हैं, जो यहीं हॉस्टल में रहकर इस्लामी तालीम हासिल करते हैं और साथ ही गौशाला में मौजूद गायों का ध्यान भी रखते हैं.
मौलाना मोहम्मद अहमद साहब जो कि इस मदरसे के संचालक हैं. वे बताते हैं कि इस गौशाला का निर्माण 1980 में उनके पिता मौलाना अब्दुल रज्जाक साहब द्वारा किया गया था. तब से निरंतर यहां गायों की सेवा की जा रही है. इस मदरसे के परिसर में एक निशुल्क डिस्पेंसरी भी है, जहां आस-पास के गांव के लोग निशुल्क उपचार एवं दवाएं प्राप्त करते हैं. गायों के उपचार के लिए भी यहां नियमित रूप से डॉक्टर आते रहते हैं.
मदरसे के उस्ताद हाफिज मोहम्मद रईस खान बताते हैं कि गौशाला मे रोड पर घूमने वाली गायों को भी शरण दी जाती है. खाने-पीने का इंतजाम किया जाता है. अगर उन्हें उपचार की जरूरत है तो डॉक्टर भी उपलब्ध कराया जाता है. अब्दुल रशीद जो कि 25 वर्षों से इसी मदरसे में रहते हैं और गायों की निरंतर सेवा करते आ रहे हैं.
तूमड़ा गांव के लोगों की नजर में ये मदरसा भी है और मंदिर भी, जहां नमाज भी पढ़ी जाती है, बच्चों को तालीम भी दी जाती है और गौ माता की सेवा का पाठ भी पढ़ाया जाता है. यहां के लोगो को बिना किसी भेदभाव के निशुल्क उपचार तो मिलता ही है साथ मे लोग मदरसे की और मदरसा प्रबंधन लोंगो की हर संभव मदद करते हैं.