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छात्र ने सोशल मीडिया पर चलाया 'नो रेंट फॉर एमपी स्टूडेंट्स' कैंपेन

छात्रों द्वारा ट्विटर पर 'नो रेंट फॉर एमपी स्टूडेंट्स' के नाम से कैंपेन चलाया जा रहा है. छात्रों का कहना है कि, कोरोना संक्रमण के चलते कई छात्र हॉस्टल्स और रूम में फंसे हुए हैं. उनके घर से आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है. जिस वजह से छात्रों ने सरकार से किराया माफ करने की मांग की है.

Students launched a campaign on social media
सोशल मीडिया पर छात्रों ने चलाया अभियान
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Published : May 29, 2020, 4:12 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बीच मध्य प्रदेश के छात्र सरकार से हॉस्टल और रूम का किराया माफ करने की मांग कर रहे हैं. छात्रों द्वारा ट्विटर पर 'नो रेंट फॉर एमपी स्टूडेंट्स' के नाम से कैंपेन चलाया जा रहा है. दरअसल कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में जो छात्र हॉस्टल और रूम में फंसे हुए हैं. उनके घर से आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है. जिस वजह से छात्र सरकार से किराया माफ करने की मांग कर रहे हैं.

सोशल मीडिया पर छात्रों ने चलाया अभियान

छात्रों का कहना है कि, लॉकडाउन के चलते उनके घर की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है, वो हॉस्टल और रूम का किराया नहीं दे सकते हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार को छात्रों की मदद करनी चाहिए. जिसके लिए छात्र सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री को टैग कर रहे हैं.

सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश के हजारों छात्र 'नो रेंट फॉर एमपी स्टूडेंट्स' के हैशटैग के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और देश के प्रधानमंत्री को टैग कर हॉस्टल और रूम का किराया माफ करने की मांग कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि, हमारे पास हॉस्टल का किराया देने के लिए पैसे नहीं है. हम जॉब नहीं करते, घर से पैसे आते हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते घर की भी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. जिस वजह से पैसा नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में छात्रों का कहना है कि, किराया देना मुश्किल हो गया है. छात्र ट्विटर पर इस तरह के नारों के साथ पोस्ट लिख रहे हैं. 'माफ करो भाई ,माफ करो, छात्रों का किराया माफ करो', बच्चे लिख रहे हैं कि, 'प्रदेश के मुख्यमंत्री हमारे मामा जी से निवेदन है कि, बच्चों पर दया करो और किराया माफ करो'.

प्रदेशभर के छात्र इस कैंपेन को समर्थन कर रहे हैं, भोपाल, इंदौर जबलपुर, ग्वालियर समेत अन्य जिलों के छात्र इस कैंपेन से जुड़े हुए हैं. साथ ही अन्य राज्यों के छात्र जो मध्य प्रदेश में हॉस्टल या रूम में रहते हैं, वो भी इस कैंपेन के माध्यम से सरकार से किराया माफ करने की मांग कर रहे हैं.

भोपाल। कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बीच मध्य प्रदेश के छात्र सरकार से हॉस्टल और रूम का किराया माफ करने की मांग कर रहे हैं. छात्रों द्वारा ट्विटर पर 'नो रेंट फॉर एमपी स्टूडेंट्स' के नाम से कैंपेन चलाया जा रहा है. दरअसल कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में जो छात्र हॉस्टल और रूम में फंसे हुए हैं. उनके घर से आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है. जिस वजह से छात्र सरकार से किराया माफ करने की मांग कर रहे हैं.

सोशल मीडिया पर छात्रों ने चलाया अभियान

छात्रों का कहना है कि, लॉकडाउन के चलते उनके घर की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है, वो हॉस्टल और रूम का किराया नहीं दे सकते हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार को छात्रों की मदद करनी चाहिए. जिसके लिए छात्र सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री को टैग कर रहे हैं.

सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश के हजारों छात्र 'नो रेंट फॉर एमपी स्टूडेंट्स' के हैशटैग के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और देश के प्रधानमंत्री को टैग कर हॉस्टल और रूम का किराया माफ करने की मांग कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि, हमारे पास हॉस्टल का किराया देने के लिए पैसे नहीं है. हम जॉब नहीं करते, घर से पैसे आते हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते घर की भी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. जिस वजह से पैसा नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में छात्रों का कहना है कि, किराया देना मुश्किल हो गया है. छात्र ट्विटर पर इस तरह के नारों के साथ पोस्ट लिख रहे हैं. 'माफ करो भाई ,माफ करो, छात्रों का किराया माफ करो', बच्चे लिख रहे हैं कि, 'प्रदेश के मुख्यमंत्री हमारे मामा जी से निवेदन है कि, बच्चों पर दया करो और किराया माफ करो'.

प्रदेशभर के छात्र इस कैंपेन को समर्थन कर रहे हैं, भोपाल, इंदौर जबलपुर, ग्वालियर समेत अन्य जिलों के छात्र इस कैंपेन से जुड़े हुए हैं. साथ ही अन्य राज्यों के छात्र जो मध्य प्रदेश में हॉस्टल या रूम में रहते हैं, वो भी इस कैंपेन के माध्यम से सरकार से किराया माफ करने की मांग कर रहे हैं.

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