ETV Bharat / state

Languages of profit: करियर में चार चांद लगा रहीं फॉरेन लैंग्वेज - फ्रेंच सीख रहे छात्र

एमपी के भोपाल में छात्रों में विदेशी भाषाओं को सीखने का काफी क्रेज देखने को मिल रहा है. छात्र विदेशी भाषाएं ग्लोबलाइजेशन के दौर में करियर संवारने के रूप में सीख रहे हैं.

foreign languages
फॉरेन लैंग्वेज
author img

By

Published : Apr 11, 2021, 9:46 PM IST

भोपाल। विदेशों में नौकरियों की चाहत रखने वाले युवाओं ने अब विदेशी भाषाओं की तरफ भी रुख करना शरू कर दिया है. यही वजह है कि शहरों में इन भाषाओं के ट्रेनिंग सेंटर्स की तादाद लगातार बढ़ रही है. वैश्वीकरण ने विदेशों में पढ़ने और नौकरियों के दरवाजे खोल दिए हैं. युवाओं ने पढ़ाई-लिखाई के दौरान ही विदेशी भाषाओं के कोर्स या ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया है. युवा करियर बनाने के लिए विदेशी भाषाओं पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. इस खास रिपोर्ट में ईटीवी भारत आपको बताएगा विदेशी भाषा के लिए आप क्या कर सकते हैं और कहां से विदेशी भाषा सीख सकते हैं.

छात्रों में विदेशी भाषाओं का क्रेज.

बच्चे सीख रहे विदेशी भाषाएं
विदेशों में नौकरियां तलाश कर रहे युवाओं का रुझान अब विदेशी भाषाओं की तरफ आ रहा है. पहले विदेश में नौकरी करने का मतलब माना जाता था कि उसका ओहदा बड़ा होगा. टेक्नोलॉजी के चलते दुनिया छोटी होती जा रही है, जिसके चलते अब करियर बनाने और नौकरियों की डिमांड भी ज्यादा आने लगी है. हालांकि विदेशों में जाने के लिए उस देश की भाषा का आना बहुत जरूरी है. यदि भाषा आपने सीख ली तो राहें आसान हो जाती है. वहीं विदेश में नौकरी करने में भी दिक्कत नहीं होती है. कुछ इसी तरह का नजारा राजधानी भोपाल में भी देखने को मिल रहा है. जहां बच्चे विदेशी भाषा सीख रहे हैं.

छात्रों में दिख रहा विदेशी भाषाओं का क्रेज
भोपाल में विदेशी भाषाओं के बढ़ रहे क्रेज को लेकर ईटीवी भारत ने विदेशी भाषाएं सीख रहे बच्चों और अध्यापकों से बातचीत की. अध्यापक ने बताया कि कुछ बच्चों ने करियर के हिसाब से भाषाओं का चुनाव किया है तो वहीं कुछ बच्चों ने इंटरेस्ट के हिसाब से भाषा का चुनाव किया है. हालांकि बच्चे फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मनी और अंग्रेजी भाषा का ज्यादा चुनाव कर रहे हैं.

foreign language
फॉरेन लैंग्वेज के लिए हैं कई कोर्स.

प्रैक्टिस से आती है कोई भी भाषा
बच्चों ने ईटीवी भारत को बातचीत में बताया कि कोई भी भाषा को सीखने में बहुत मेहनत लगती है. विदेशी भाषा बिना प्रैक्टिस के नहीं आती है. वहीं हर शब्द का प्रोनन्सिएशन सीखना पड़ता है. इसके अलावा किसी भी भाषा के एक्सेन्ट को कैच करने के लिए तो बहुत समय लग जाता है. वहीं शब्दों का प्रयोग और शब्दों के उच्चारण की ट्रेनिंग ली जाती है.

विदेशी भाषा सीखने के लिए आवश्यक क्वालिफिकेशन
फॉरन लैंग्वेज में डिग्री, सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस्ड डिप्लोमा कोर्स किए जा सकते हैं. इसके लिए आपको 12वीं पास या उसके समकक्ष होना जरूरी है. इसके अलावा कई कोर्स ग्रेजुएशन करने के बाद भी किये जा सकते हैं.

foreign language
12वीं पास भी सीख सकते हैं भाषा.

विदेशी भाषा सीखने के लिए आवश्यक स्किल्स
जिस भी विदेशी भाषा को आप सीखना चाहते हैं, उसके प्रति रुचि होनी चाहिए. भाषा को उसके संदर्भ में समझने की क्षमता होनी चाहिए. प्रेजेंस ऑफ माइंड तो आवश्यक है ही इसके अलावा मौखिक क्षमता भी जरूरी है. वहीं भाषा को अभिव्यक्त करने का सही अंदाज भी होना चाहिए.

कोर्सेस की अधिकतम समय सीमा
किसी भी भाषा के सर्टिफिकेट की अवधि छह महीने से एक साल तक होती है. इसके अलावा तरह-तरह के एक या दो साल के डिप्लोमा कोर्स भी बनाए गए हैं. वहीं अगर भाषा में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करना हो तो उसके लिए क्रमशः तीन साल और दो साल का समय निर्धारित है.

foreign language
फ्रेंच की ही सबसे अधिक डिमांड.

भाषा सीखकर इन जॉब प्रोफाइल के लिए कर सकते हैं एप्लाई

टीचर: फॉरेन लैंग्वेज में करियर संवारना हो तो टीचिंग एक बेहतरीन जॉब ऑप्शन हो सकता है. इसके लिए पीएचडी के साथ नेट भी क्वालीफाई होना जरूरी है. कई इंस्टीट्यूट फॉरेन लैंग्वेज में कोर्स कराते हैं, जहां आप टीचर के रूप में अच्छी कमाई कर सकते हैं.

इंटरप्रेटर (दुभाषिया): टेली कॉन्फ्रेंसिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी तकनीकों के आने से अब दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति या व्यक्तियों के साथ मीटिंग या कॉन्फ्रेंस की जा सकती है. इसके लिए फॉरन लैंग्वेज एक्सपर्ट्स की मदद ली जाती है, जो इंटरप्रेटर का काम करते हैं. इंटरप्रेटर बनने के लिए आपको दो या इससे अधिक भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए. इसमें भाषाओं के अच्छे ज्ञान के अलावा वर्बल कम्युनिकेशन स्किल्स और एटिकेट्स भी अच्छे होना चाहिए.

ट्रांसलेटर: कई कंपनियों को अपने बिजनस पार्टनर्स या क्लाइंट्स से कम्युनिकेट करने के लिए ट्रांसलेटर्स की जरूरत होती है. आप रेग्युलर, फुल टाइम या पार्ट टाइम ट्रांसलेटर के तौर पर काम कर सकते हैं. कई एजेंसियां फॉरेन लैंग्वेज एक्सपर्ट्स को ट्रांसलेटर के रूप में आपको नौकरी पर रखती हैं. ट्रांसलेशन किताबों, लेख, फिल्म स्क्रिप्टिंग, प्रोग्रामिंग के लिए हो सकता है. एक अच्छे ट्रांसलेटर को भाषाओं के अलावा संबंधित विषय की भी जानकारी होना आवश्यक है.

foreign language
चयनित भाषा में रुचि लेकर छात्र बना सकते हैं करियर.

बीपीओ: इस वक्त दुनिया की नजर भारत के युवाओं पर है. बीपीओ इंडस्ट्री के तेजी से बढ़ने की एक बड़ी वजह फॉरन लैंग्वेज के स्किल्ड प्रोफेशनल्स हैं. लोग डेटा प्रोसेसिंग से लेकर दूसरे जॉब्स में बखूबी अपना हुनर दिखा रहे हैं.

फॉरेन सर्विसेज: फ्रैंच, जर्मन या रशियन लैंग्वेज में मास्टर्स करने वाले संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होकर आईएएस या आईएफएस में जा सकते हैं.

कहां मिलेंगे मौके
विश्व व्यापार संगठन, संयुक्त राष्ट्र संगठन, विश्व बैंक, यूनिसेफ जैसे कई और संगठनों के अलावा एयरलाइन्स में भी आप को अच्छा मौका मिल सकता है. इसके अलावा पर्यटन, होटल, इंटरनेशनल मीडिया हाउस में न्यूज ट्रांसलेटर या बतौर रिपोर्टर भी करियर बना सकते हैं.

मिलती है अच्छी पगार
ट्रांसलेटर को 250 से 400 रुपये प्रति पेज मिल सकता है. साथ ही लोकप्रिय विदेशी भाषाओं जैसे जर्मन और फ्रेंच भाषा के लिए 500 से 800 रुपये प्रति पेज तक भी मिल जाते हैं. वहीं जापानी और अरबी भाषा के लिए 700 से 1000 रुपये प्रति पेज भी मिल सकता है.

foreign language
फॉरेन लैंग्वेज सीखकर कई क्षेत्रों में बना सकते हैं करियर.

कोरियन भाषा सीख रहे युवा
काउंसिलर्स जिगर पंडया की माने तो आजकल युवा कोरियन भाषा भी सीख रहे हैं. उसमें भी खासा पैसा मिलता है. जापानी और चीनी भाषा कठिन होने के बाद उसकी तरफ खिंच रहे हैं. विदेशी भाषा के जानकार टूर ऑपरेटर, व्याख्याकार से लेकर अनुवादक के रूप में अपना करियर शुरू कर सकते हैं.

इन विदेशी भाषाओं की है डिमांड
जर्मन, स्पेनिश, फ्रेंच, अरबी, चाइनीज, कोरियन भाषाओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी मांग है. इनमें से कोई एक भाषा चुनकर उसमें डिप्लोमा या डिग्री ले सकते हैं.

दो साल में मिल सकती है निपुणता
किसी भाषा को सीखने के लिए कोई विशेष शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता नहीं है. आप स्कूली शिक्षा के दौरान भी कोई एक विशेष देशी या विदेशी भाषा एक विषय के रूप में पढ़ सकते हैं. 12वीं के बाद आप भाषा विशेष में विशेषज्ञता हासिल भी कर सकते हैं. कई भाषाओं को आप छह महीने में और कई को एक साल से दो साल में निपुणता हासिल कर सकते हैं.

भोपाल। विदेशों में नौकरियों की चाहत रखने वाले युवाओं ने अब विदेशी भाषाओं की तरफ भी रुख करना शरू कर दिया है. यही वजह है कि शहरों में इन भाषाओं के ट्रेनिंग सेंटर्स की तादाद लगातार बढ़ रही है. वैश्वीकरण ने विदेशों में पढ़ने और नौकरियों के दरवाजे खोल दिए हैं. युवाओं ने पढ़ाई-लिखाई के दौरान ही विदेशी भाषाओं के कोर्स या ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया है. युवा करियर बनाने के लिए विदेशी भाषाओं पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. इस खास रिपोर्ट में ईटीवी भारत आपको बताएगा विदेशी भाषा के लिए आप क्या कर सकते हैं और कहां से विदेशी भाषा सीख सकते हैं.

छात्रों में विदेशी भाषाओं का क्रेज.

बच्चे सीख रहे विदेशी भाषाएं
विदेशों में नौकरियां तलाश कर रहे युवाओं का रुझान अब विदेशी भाषाओं की तरफ आ रहा है. पहले विदेश में नौकरी करने का मतलब माना जाता था कि उसका ओहदा बड़ा होगा. टेक्नोलॉजी के चलते दुनिया छोटी होती जा रही है, जिसके चलते अब करियर बनाने और नौकरियों की डिमांड भी ज्यादा आने लगी है. हालांकि विदेशों में जाने के लिए उस देश की भाषा का आना बहुत जरूरी है. यदि भाषा आपने सीख ली तो राहें आसान हो जाती है. वहीं विदेश में नौकरी करने में भी दिक्कत नहीं होती है. कुछ इसी तरह का नजारा राजधानी भोपाल में भी देखने को मिल रहा है. जहां बच्चे विदेशी भाषा सीख रहे हैं.

छात्रों में दिख रहा विदेशी भाषाओं का क्रेज
भोपाल में विदेशी भाषाओं के बढ़ रहे क्रेज को लेकर ईटीवी भारत ने विदेशी भाषाएं सीख रहे बच्चों और अध्यापकों से बातचीत की. अध्यापक ने बताया कि कुछ बच्चों ने करियर के हिसाब से भाषाओं का चुनाव किया है तो वहीं कुछ बच्चों ने इंटरेस्ट के हिसाब से भाषा का चुनाव किया है. हालांकि बच्चे फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मनी और अंग्रेजी भाषा का ज्यादा चुनाव कर रहे हैं.

foreign language
फॉरेन लैंग्वेज के लिए हैं कई कोर्स.

प्रैक्टिस से आती है कोई भी भाषा
बच्चों ने ईटीवी भारत को बातचीत में बताया कि कोई भी भाषा को सीखने में बहुत मेहनत लगती है. विदेशी भाषा बिना प्रैक्टिस के नहीं आती है. वहीं हर शब्द का प्रोनन्सिएशन सीखना पड़ता है. इसके अलावा किसी भी भाषा के एक्सेन्ट को कैच करने के लिए तो बहुत समय लग जाता है. वहीं शब्दों का प्रयोग और शब्दों के उच्चारण की ट्रेनिंग ली जाती है.

विदेशी भाषा सीखने के लिए आवश्यक क्वालिफिकेशन
फॉरन लैंग्वेज में डिग्री, सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस्ड डिप्लोमा कोर्स किए जा सकते हैं. इसके लिए आपको 12वीं पास या उसके समकक्ष होना जरूरी है. इसके अलावा कई कोर्स ग्रेजुएशन करने के बाद भी किये जा सकते हैं.

foreign language
12वीं पास भी सीख सकते हैं भाषा.

विदेशी भाषा सीखने के लिए आवश्यक स्किल्स
जिस भी विदेशी भाषा को आप सीखना चाहते हैं, उसके प्रति रुचि होनी चाहिए. भाषा को उसके संदर्भ में समझने की क्षमता होनी चाहिए. प्रेजेंस ऑफ माइंड तो आवश्यक है ही इसके अलावा मौखिक क्षमता भी जरूरी है. वहीं भाषा को अभिव्यक्त करने का सही अंदाज भी होना चाहिए.

कोर्सेस की अधिकतम समय सीमा
किसी भी भाषा के सर्टिफिकेट की अवधि छह महीने से एक साल तक होती है. इसके अलावा तरह-तरह के एक या दो साल के डिप्लोमा कोर्स भी बनाए गए हैं. वहीं अगर भाषा में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करना हो तो उसके लिए क्रमशः तीन साल और दो साल का समय निर्धारित है.

foreign language
फ्रेंच की ही सबसे अधिक डिमांड.

भाषा सीखकर इन जॉब प्रोफाइल के लिए कर सकते हैं एप्लाई

टीचर: फॉरेन लैंग्वेज में करियर संवारना हो तो टीचिंग एक बेहतरीन जॉब ऑप्शन हो सकता है. इसके लिए पीएचडी के साथ नेट भी क्वालीफाई होना जरूरी है. कई इंस्टीट्यूट फॉरेन लैंग्वेज में कोर्स कराते हैं, जहां आप टीचर के रूप में अच्छी कमाई कर सकते हैं.

इंटरप्रेटर (दुभाषिया): टेली कॉन्फ्रेंसिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी तकनीकों के आने से अब दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति या व्यक्तियों के साथ मीटिंग या कॉन्फ्रेंस की जा सकती है. इसके लिए फॉरन लैंग्वेज एक्सपर्ट्स की मदद ली जाती है, जो इंटरप्रेटर का काम करते हैं. इंटरप्रेटर बनने के लिए आपको दो या इससे अधिक भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए. इसमें भाषाओं के अच्छे ज्ञान के अलावा वर्बल कम्युनिकेशन स्किल्स और एटिकेट्स भी अच्छे होना चाहिए.

ट्रांसलेटर: कई कंपनियों को अपने बिजनस पार्टनर्स या क्लाइंट्स से कम्युनिकेट करने के लिए ट्रांसलेटर्स की जरूरत होती है. आप रेग्युलर, फुल टाइम या पार्ट टाइम ट्रांसलेटर के तौर पर काम कर सकते हैं. कई एजेंसियां फॉरेन लैंग्वेज एक्सपर्ट्स को ट्रांसलेटर के रूप में आपको नौकरी पर रखती हैं. ट्रांसलेशन किताबों, लेख, फिल्म स्क्रिप्टिंग, प्रोग्रामिंग के लिए हो सकता है. एक अच्छे ट्रांसलेटर को भाषाओं के अलावा संबंधित विषय की भी जानकारी होना आवश्यक है.

foreign language
चयनित भाषा में रुचि लेकर छात्र बना सकते हैं करियर.

बीपीओ: इस वक्त दुनिया की नजर भारत के युवाओं पर है. बीपीओ इंडस्ट्री के तेजी से बढ़ने की एक बड़ी वजह फॉरन लैंग्वेज के स्किल्ड प्रोफेशनल्स हैं. लोग डेटा प्रोसेसिंग से लेकर दूसरे जॉब्स में बखूबी अपना हुनर दिखा रहे हैं.

फॉरेन सर्विसेज: फ्रैंच, जर्मन या रशियन लैंग्वेज में मास्टर्स करने वाले संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होकर आईएएस या आईएफएस में जा सकते हैं.

कहां मिलेंगे मौके
विश्व व्यापार संगठन, संयुक्त राष्ट्र संगठन, विश्व बैंक, यूनिसेफ जैसे कई और संगठनों के अलावा एयरलाइन्स में भी आप को अच्छा मौका मिल सकता है. इसके अलावा पर्यटन, होटल, इंटरनेशनल मीडिया हाउस में न्यूज ट्रांसलेटर या बतौर रिपोर्टर भी करियर बना सकते हैं.

मिलती है अच्छी पगार
ट्रांसलेटर को 250 से 400 रुपये प्रति पेज मिल सकता है. साथ ही लोकप्रिय विदेशी भाषाओं जैसे जर्मन और फ्रेंच भाषा के लिए 500 से 800 रुपये प्रति पेज तक भी मिल जाते हैं. वहीं जापानी और अरबी भाषा के लिए 700 से 1000 रुपये प्रति पेज भी मिल सकता है.

foreign language
फॉरेन लैंग्वेज सीखकर कई क्षेत्रों में बना सकते हैं करियर.

कोरियन भाषा सीख रहे युवा
काउंसिलर्स जिगर पंडया की माने तो आजकल युवा कोरियन भाषा भी सीख रहे हैं. उसमें भी खासा पैसा मिलता है. जापानी और चीनी भाषा कठिन होने के बाद उसकी तरफ खिंच रहे हैं. विदेशी भाषा के जानकार टूर ऑपरेटर, व्याख्याकार से लेकर अनुवादक के रूप में अपना करियर शुरू कर सकते हैं.

इन विदेशी भाषाओं की है डिमांड
जर्मन, स्पेनिश, फ्रेंच, अरबी, चाइनीज, कोरियन भाषाओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी मांग है. इनमें से कोई एक भाषा चुनकर उसमें डिप्लोमा या डिग्री ले सकते हैं.

दो साल में मिल सकती है निपुणता
किसी भाषा को सीखने के लिए कोई विशेष शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता नहीं है. आप स्कूली शिक्षा के दौरान भी कोई एक विशेष देशी या विदेशी भाषा एक विषय के रूप में पढ़ सकते हैं. 12वीं के बाद आप भाषा विशेष में विशेषज्ञता हासिल भी कर सकते हैं. कई भाषाओं को आप छह महीने में और कई को एक साल से दो साल में निपुणता हासिल कर सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.