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शस्त्र माफियाओं पर एसटीएफ ने कसा शिकंजा, 14 दिनों में 112 FIR दर्ज

शस्त्र माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मध्य प्रदेश एसटीएफ ने 37 नए मामले दर्ज किए हैं. 14 दिनों में कुल 112 FIR दर्ज की गई है. माना जा रहा है कि इस मामले में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.

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शस्त्र माफियाओं के खिलाफ एसटीएफ की कार्रवाई
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Published : Feb 27, 2020, 4:19 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश एसटीएफ ने शस्त्र माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 37 और FIR दर्ज की है. इनमें 11 मामले जम्मू कश्मीर और नागालैंड से जुड़े हुए हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जम्मू कश्मीर और नागालैंड के शस्त्र लाइसेंस बिना वेरीफिकेशन के मध्यप्रदेश में शामिल कर लिए गए हैं. हालांकि इस मामले के चारों आरोपियों को एसटीएफ अब तक भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

शस्त्र माफियाओं के खिलाफ एसटीएफ की कार्रवाई

बता दें कि, एसटीएफ ने शस्त्र माफियाओं के खिलाफ पिछले 14 दिनों में 112 एफआईआर दर्ज की है. इससे पहले एसटीएफ 75 एफआईआर दर्ज कर चुका है. अधिकारियों के मुताबिक इनमें करीब 11 मामले जम्मू कश्मीर और नागालैंड से जुड़े हैं, जिनमें तत्कालीन अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर और नागालैंड के शस्त्र लाइसेंस को बिना किसी वेरिफिकेशन के सतना जिले में शामिल कर लिए और नवीनीकरण भी कर दिया.

अधिकारियों को शक है कि, यह काम सिर्फ कर्मचारियों के स्तर पर नहीं हो सकता है, कहीं ना कहीं इसमें तत्कालीन अधिकारियों की भी मिलीभगत हो सकती है जिस की बारीकी से जांच की जा रही है. शस्त्र लाइसेंस में गड़बड़ी करने के मामले में 25 FIR दर्ज की गई थी, इन मामलों में सतना जिले के 4 स्वास्थ्य कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है.

भोपाल। मध्य प्रदेश एसटीएफ ने शस्त्र माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 37 और FIR दर्ज की है. इनमें 11 मामले जम्मू कश्मीर और नागालैंड से जुड़े हुए हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जम्मू कश्मीर और नागालैंड के शस्त्र लाइसेंस बिना वेरीफिकेशन के मध्यप्रदेश में शामिल कर लिए गए हैं. हालांकि इस मामले के चारों आरोपियों को एसटीएफ अब तक भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

शस्त्र माफियाओं के खिलाफ एसटीएफ की कार्रवाई

बता दें कि, एसटीएफ ने शस्त्र माफियाओं के खिलाफ पिछले 14 दिनों में 112 एफआईआर दर्ज की है. इससे पहले एसटीएफ 75 एफआईआर दर्ज कर चुका है. अधिकारियों के मुताबिक इनमें करीब 11 मामले जम्मू कश्मीर और नागालैंड से जुड़े हैं, जिनमें तत्कालीन अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर और नागालैंड के शस्त्र लाइसेंस को बिना किसी वेरिफिकेशन के सतना जिले में शामिल कर लिए और नवीनीकरण भी कर दिया.

अधिकारियों को शक है कि, यह काम सिर्फ कर्मचारियों के स्तर पर नहीं हो सकता है, कहीं ना कहीं इसमें तत्कालीन अधिकारियों की भी मिलीभगत हो सकती है जिस की बारीकी से जांच की जा रही है. शस्त्र लाइसेंस में गड़बड़ी करने के मामले में 25 FIR दर्ज की गई थी, इन मामलों में सतना जिले के 4 स्वास्थ्य कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है.

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