भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार अब जरूरतमंद अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता देने जा रही है, जिसके लिए मध्य प्रदेश अधिवक्ता सहायता योजना शुरू की है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के अधिवक्ताओ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में न्यायालयों के बंद होने से बहुत से अधिवक्ताओं को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उनको सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश अधिवक्ता सहायता योजना बनाई गई है, साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि इस योजना के लिए गठित फंड की सीमा को एक करोड़ रुपए से दो करोड़ रुपए कर दिया जाए, जिससे अधिक से अधिक जरूरतमंद अधिवक्ताओं को इस योजना का फायदा मिल सके.
अधिवक्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारा यही प्रयास होगा कि अधिक से अधिक जरूरतमंद अधिवक्ताओं को इस योजना का लाभ मिल सके. इसके लिए उन्होंने प्रस्तावित योजना में पात्र अधिवक्ताओं की संख्या बढ़ाए जाने की बात कही, वहीं सीएम ने कहा प्रसार के कारण अधिवक्तागणों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
जिसके चलते कमजोर आर्थिक स्थिति वाले अधिवक्तागणों को अपना जीवन यापन करने और उन्हें आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से "मध्य प्रदेश अधिवक्ता सहायता प्राकृतिक आपदा एवं अप्रत्याशित परिस्थिति योजना 2020" बनाई गई है. यह योजना मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा नामांकित अधिवक्ताओं पर लागू होगी, पात्र अधिवक्ता को किसी विशेष परिस्थिति में यह राशि देय होगी, जिसे अधिवक्ता परिषद की सलाह पर ही समिति समय पर निर्धारित करेगी. किसी परिस्थिति विशेष में यह राशि 5000 से अधिक नहीं होगी.
इसके पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अलग-अलग क्षेत्र के लोगों से बातचीत कर उनको उचित सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया था. और अब लॉकडाउन के चलते पिछले 1 महीने से ज्यादा समय से न्यायालय बंद हैं. ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर अधिवक्ताओं की सहायता के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह योजना शुरू की है.