भोपाल। प्रदेश में बीते सप्ताह बाढ़ से आई तबाही ने हजारों आशियाने उजाड़ दिए. लाखों को बेघर कर दिया. हालांकि अब जब बारिश का सिलसिला धीमा पड़ गया है तो हालात भी सामान्य होने लगे हैं. राज्य सरकार के राजस्व विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक बाढ़ से 10 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. सरकार ने रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है. ऐसे में अब केंद्र की सर्वे टीम राज्य में आएगी, जिसकी रिपोर्ट के बाद ही केंद्र सरकार की ओर से राहत पैकेज जारी किया जाएगा.
बाढ़ से 36 लोगों की मौत
दरअसल, बाढ़ से आई तबाही से सबसे अधिक नुकसान ग्वालियर चंबल संभाग में रिपोर्ट किया गया है. हालांकि अन्य जिलों में भी नुकसान हुआ है, लेकिन वह ग्लावियर-चंबल संभाग के अपेक्षा कम है. राज्य में किए गए सर्वे के मुताबिक, लगभग 36 हजार से अधिक घरों को भारी नुकसान हुआ है. इसके अलावा करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल बाढ़ से खराब हो चुकी है. बाढ़ और उससे जुड़ी घटनाओं में अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा दो हजार से अधिक जानवर बाढ़ में लापता हो गए.
207 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान
राजस्व विभाग की रोपोर्ट के मुताबिक, बाढ़ में तबाह हुए सड़क, पुल-पुलिया आदि की मरम्मत और निर्माण कार्य में करीब 207 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. बाढ़ से बेघर हुए लोगों के लिए राज्य सरकार ने आवास की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए फिलहाल, 6-6 हजार रुपए देने का फैसला लिया है.
एमपी में अब तक 8800 लोगों को रेस्क्यू
मीडिया रिपोर्ट से मिले आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में बाढ़ के समय लगभग 29 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था, जबकि बाढ़ प्रभावित इलाकों से 8800 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. यहां अलग-अलग इलाकों में राहत और बचाव कार्य के लिए सरकार ने एनडीआरएफ की आठ यूनिट तैनात की गई. इसके अलावा एयरफोर्स के 3 हेलीकॉप्टर और एसडीआरएफ की 29 टीम तैनात हैं.