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व्यापम घोटाले की जांच के लिए स्पेशल टीम तैयार, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई- कांग्रेस - व्यापम महाघोटाला

कमलनाथ सरकार व्यापम घोटाले की जांच कराने जा रही है. गृह विभाग के आदेश पर एमपी एसटीएफ की करीब 20 अफसरों की एक स्पेशल टीम तैयार की गई है, जो लंबित शिकायतों की जांच पड़ताल करेगी.

व्यापम घोटाले की जांच
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Published : Jul 31, 2019, 3:58 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ई-टेंडर घोटाले के बाद व्यापम महाघोटाले की नए सिरे से जांच करने जा रही है. मध्यप्रदेश सरकार ने एसटीएफ को उन लंबित मामलों की जांच के आदेश दिए हैं, जिनकी जांच सीबीआई नहीं कर रही है. इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश की जनता ने उन्हें इसीलिए जनादेश दिया है कि वह व्यापम, ई-टेंडर और नर्मदा घोटाले जैसे भ्रष्टाचार को उजागर करे.

व्यापम घोटाले की जांच के लिए स्पेशल टीम तैयार

गृह विभाग के आदेश पर एमपी एसटीएफ की टीम यह जांच शुरू करने जा रही है. इसके लिए एमपी एसटीएफ की करीब 20 अफसरों की एक स्पेशल टीम तैयार की गई है, जो लंबित शिकायतों की जांच पड़ताल करेगी. सरकार ने इस टीम के लिए 3 महीने का समय दिया है. चर्चा है कि व्यापम घोटाले की लंबित 197 शिकायतों में से करीब 80 प्रकरण ऐसे हैं, जिनकी जांच होने पर कई रसूखदार सलाखों के पीछे पहुंच सकते हैं.

'आरोपियों के बेनकाब कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा'
सूत्रों की मानें तो इन मामलों में कई बड़े नेता अफसर और व्यापम घोटाले में दलाली का काम करने वाले लोग शामिल हैं. मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि व्यापमं, ई टेंडर और नर्मदा घोटाले जैसे सभी घोटालों की जांच कराई जाएगी और आरोपियों के बेनकाब कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा.

'व्यापम घोटाले में 50 से ज्यादा मौतें'
अजय सिंह यादव ने कहा कि व्यापम मध्यप्रदेश का ही नहीं, बल्कि देश का सबसे बड़ा प्रवेश परीक्षा और भर्ती घोटाला है, जिसमें 50 से ज्यादा मौतें हुई हैं, एक पूरी पीढ़ी का भविष्य खराब हो गया है और उसके बाद भी आरोपियों का कोई पता नहीं है और ना ही उन पर कोई कार्रवाई हुई है. लेकिन इस दिशा में कमलनाथ सरकार गंभीर है, जो भी कार्रवाई जरूरी होगी, वह की जाएगी.

भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ई-टेंडर घोटाले के बाद व्यापम महाघोटाले की नए सिरे से जांच करने जा रही है. मध्यप्रदेश सरकार ने एसटीएफ को उन लंबित मामलों की जांच के आदेश दिए हैं, जिनकी जांच सीबीआई नहीं कर रही है. इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश की जनता ने उन्हें इसीलिए जनादेश दिया है कि वह व्यापम, ई-टेंडर और नर्मदा घोटाले जैसे भ्रष्टाचार को उजागर करे.

व्यापम घोटाले की जांच के लिए स्पेशल टीम तैयार

गृह विभाग के आदेश पर एमपी एसटीएफ की टीम यह जांच शुरू करने जा रही है. इसके लिए एमपी एसटीएफ की करीब 20 अफसरों की एक स्पेशल टीम तैयार की गई है, जो लंबित शिकायतों की जांच पड़ताल करेगी. सरकार ने इस टीम के लिए 3 महीने का समय दिया है. चर्चा है कि व्यापम घोटाले की लंबित 197 शिकायतों में से करीब 80 प्रकरण ऐसे हैं, जिनकी जांच होने पर कई रसूखदार सलाखों के पीछे पहुंच सकते हैं.

'आरोपियों के बेनकाब कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा'
सूत्रों की मानें तो इन मामलों में कई बड़े नेता अफसर और व्यापम घोटाले में दलाली का काम करने वाले लोग शामिल हैं. मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि व्यापमं, ई टेंडर और नर्मदा घोटाले जैसे सभी घोटालों की जांच कराई जाएगी और आरोपियों के बेनकाब कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा.

'व्यापम घोटाले में 50 से ज्यादा मौतें'
अजय सिंह यादव ने कहा कि व्यापम मध्यप्रदेश का ही नहीं, बल्कि देश का सबसे बड़ा प्रवेश परीक्षा और भर्ती घोटाला है, जिसमें 50 से ज्यादा मौतें हुई हैं, एक पूरी पीढ़ी का भविष्य खराब हो गया है और उसके बाद भी आरोपियों का कोई पता नहीं है और ना ही उन पर कोई कार्रवाई हुई है. लेकिन इस दिशा में कमलनाथ सरकार गंभीर है, जो भी कार्रवाई जरूरी होगी, वह की जाएगी.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार अभी टेंडर घोटाले के बाद व्यापमं महाघोटाले को नए सिरे से जांच करने जा रही है। दरअसल मध्यप्रदेश सरकार ने एसटीएफ को लंबित मामलों की जांच के आदेश दिए हैं,जिनकी जांच सीबीआई नहीं कर रही है। इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस का कहना है कि मध्य प्रदेश की जनता ने उन्हें इसी लिए जनादेश दिया है कि वह व्यापमं, ईटेंडर और नर्मदा घोटाले जैसे भ्रष्टाचार को उजागर करें और आरोपियों को बेनकाब कर सलाखों के पीछे भेजें। यह कमलनाथ सरकार यह जिम्मेदारी निभाने जा रही है


Body:दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार के गृह विभाग के आदेश पर एमपी एसटीएफ की टीम यह जांच शुरू करने जा रही है। इसके लिए एमपी एसटीएफ की करीब 20 अफसरों की एक स्पेशल टीम तैयार की गई है, जो लंबित शिकायतों की जांच पड़ताल करेगी। सरकार ने इस टीम के लिए 3 महीने का समय दिया है। चर्चा है कि व्यापम घोटाले की लंबित 197 शिकायतों में से करीब 80 प्रकरण ऐसे हैं, जिनकी जांच होने पर कई रसूखदार सलाखों के पीछे पहुंच सकते हैं। सूत्रों की मानें तो इन मामलों में कई बड़े नेता अफसर और व्यापम घोटाले में दलाली का काम करने वाले लोग शामिल हैं।


Conclusion:इस मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार प्रदेश की जनता से जनादेश लेकर आई थी कि व्यापमं, ई टेंडर और नर्मदा घोटाले जैसे सभी घोटालों की जांच कराएगी और आरोपियों को बेनकाब करके जेल के सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। व्यापमं मध्यप्रदेश का ही नहीं, बल्कि देश का सबसे बड़ा प्रवेश परीक्षा और भर्ती घोटाला है।जिसमें 50 से ज्यादा मौतें हुई हैं, एक पूरी पीढ़ी का भविष्य खराब हो गया है और उसके बाद भी आरोपियों का कोई पता नहीं है और ना ही उन पर कोई कार्यवाही हुई है। हमारी सरकार इस दिशा में गंभीर है,जो भी कार्रवाई जरूरी होगी, वह की जाएगी। मुख्य आरोपियों को बेनकाब किया जाएगा,जेल की सलाखों के पीछे डाला जाएगा,इसमें किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
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