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स्पेशल डीजी ने ब्लैक स्पॉट्स का किया भ्रमण, कहा- बनाना है जीरो एक्सीडेंट जोन

राजधानी भोपाल में स्पेशल डीजी डीसी सागर ने ब्लैक स्पॉट्स का भ्रमण किया. साथ ही अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें विशेष दिशा-निर्देश दिए गए. इस दौरान उन्होंने कहा कि, ब्लैक स्पॉट्स को जीरो एक्सीडेंट जोन में तब्दील करना है.

Special DG visited Black spots
स्पेशल डीजी ने ब्लैक स्पॉट्स का किया भ्रमण
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Published : Oct 13, 2020, 8:39 PM IST

भोपाल। राजधानी में सड़क हादसे और होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिसको लेकर पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के स्पेशल डीजी डीसी सागर ने ब्लैक स्पॉट्स का भ्रमण किया, साथ ही बैठक कर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए. इस दौरान स्पेशल डीजी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि, 'इन सभी ब्लैक स्पॉट्स को जीरो एक्सीडेंट जोन बनाने का हमारा लक्ष्य है.'

स्पेशल डीजी ने ब्लैक स्पॉट्स का किया भ्रमण
खास तौर पर शहर में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के स्पेशल डीजी डीसी सागर ने पुलिस अधिकारियों की बैठक ली. इसके अलावा ब्लैक स्पॉट का भ्रमण भी किया गया. इस दौरान स्पेशल डीजी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि, 'शहर में 16 ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित किए गए हैं, जहां प्रदेश भर में ऐसे ब्लैक स्पॉट्स की संख्या 255 है.' उन्होंने कहा कि, 'इन ब्लैक स्पॉट पर पूर्व में लगातार एक्सीडेंट हुए हैं, जिसके बाद लक्ष्य इन सभी ब्लैक स्पॉट को जीरो एक्सीडेंट जोन बनाना है.' उन्होंने बताया कि, 'सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी ट्रैफिक क्षेत्र का अध्ययन करती है और इन्हें निगरानी में रखती है. रोड सेफ्टी कमेटी के निर्देशों पर ही इन ब्लैक स्पॉट का अध्ययन किया जा रहा है. अध्ययन करने के बाद यहां पर जो भी कमियां मिलेंगी, उन्हें दूसरे विभागों के साथ मिलकर दूर किया जाएगा'. स्पेशल डीजी डीसी सागर ने बताया कि, 'ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ इन ब्लैक स्पॉट को सुधारने की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी और पीडब्ल्यूडी के पास भी है. ये विभाग ट्रैफिक मैनेजमेंट से जुड़े हुए हैं. ट्रैफिक को सुधारने और ब्लैक स्पॉट्स खत्म करने के लिए टेक्नोलॉजी का भी बहुत बड़ा योगदान है. इसलिए 'आई रेड' एप तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही जनता को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रम चलाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि, 'ब्लैक स्पॉट के सुधार के लिए जेब्रा क्रॉसिंग और अंधा मोड़ जैसी समस्याओं पर भी संबंधित विभाग अध्ययन कर रहे हैं, जिसके बाद इसमें जो भी भौतिक रूप से परिवर्तन करने होंगे, वो किए जाएंगे.'

भोपाल। राजधानी में सड़क हादसे और होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिसको लेकर पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के स्पेशल डीजी डीसी सागर ने ब्लैक स्पॉट्स का भ्रमण किया, साथ ही बैठक कर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए. इस दौरान स्पेशल डीजी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि, 'इन सभी ब्लैक स्पॉट्स को जीरो एक्सीडेंट जोन बनाने का हमारा लक्ष्य है.'

स्पेशल डीजी ने ब्लैक स्पॉट्स का किया भ्रमण
खास तौर पर शहर में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के स्पेशल डीजी डीसी सागर ने पुलिस अधिकारियों की बैठक ली. इसके अलावा ब्लैक स्पॉट का भ्रमण भी किया गया. इस दौरान स्पेशल डीजी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि, 'शहर में 16 ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित किए गए हैं, जहां प्रदेश भर में ऐसे ब्लैक स्पॉट्स की संख्या 255 है.' उन्होंने कहा कि, 'इन ब्लैक स्पॉट पर पूर्व में लगातार एक्सीडेंट हुए हैं, जिसके बाद लक्ष्य इन सभी ब्लैक स्पॉट को जीरो एक्सीडेंट जोन बनाना है.' उन्होंने बताया कि, 'सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी ट्रैफिक क्षेत्र का अध्ययन करती है और इन्हें निगरानी में रखती है. रोड सेफ्टी कमेटी के निर्देशों पर ही इन ब्लैक स्पॉट का अध्ययन किया जा रहा है. अध्ययन करने के बाद यहां पर जो भी कमियां मिलेंगी, उन्हें दूसरे विभागों के साथ मिलकर दूर किया जाएगा'. स्पेशल डीजी डीसी सागर ने बताया कि, 'ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ इन ब्लैक स्पॉट को सुधारने की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी और पीडब्ल्यूडी के पास भी है. ये विभाग ट्रैफिक मैनेजमेंट से जुड़े हुए हैं. ट्रैफिक को सुधारने और ब्लैक स्पॉट्स खत्म करने के लिए टेक्नोलॉजी का भी बहुत बड़ा योगदान है. इसलिए 'आई रेड' एप तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही जनता को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रम चलाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि, 'ब्लैक स्पॉट के सुधार के लिए जेब्रा क्रॉसिंग और अंधा मोड़ जैसी समस्याओं पर भी संबंधित विभाग अध्ययन कर रहे हैं, जिसके बाद इसमें जो भी भौतिक रूप से परिवर्तन करने होंगे, वो किए जाएंगे.'
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