भोपाल | नवरात्रि का पर्व सभी लोग मां जगदंबा की आराधना में लगे हुए है. राजधानी के बैरागढ़ स्थित सिंधी मेला समिति के द्वारा शारदीय नवरात्रि पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सांस्कृतिक गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में सिंधी समाज के लोगों ने हिस्सा लिया.
सिंधी समाज ने कराया गरबा महोत्सव, हजारों लोग हुए शामिल - सांस्कृतिक गरबा महोत्सव
राजधानी के बैरागढ़ में गरबा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है.जिसमें सिधी समाज के लोग बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं.
सिंधी समाज का गरबा महोत्सव
भोपाल | नवरात्रि का पर्व सभी लोग मां जगदंबा की आराधना में लगे हुए है. राजधानी के बैरागढ़ स्थित सिंधी मेला समिति के द्वारा शारदीय नवरात्रि पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सांस्कृतिक गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में सिंधी समाज के लोगों ने हिस्सा लिया.
Intro:सिंधी समाज के लोगों ने गुजराती धुन छोड़ सिंधी धुनों पर किया जमकर गरबा माता की आराधना में लीन हुए भक्त
भोपाल | नवरात्रि के पर्व पर सभी श्रद्धालु मां जगदंबा की आराधना में लगे हुए हैं लगातार हो रही बारिश की वजह से इस बार राजधानी में बहुत कम गरबे के आयोजन हुए हैं लेकिन राजधानी के बैरागढ़ स्थित सिंधी मेला समिति के द्वारा शारदीय नवरात्रि पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सांस्कृतिक गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में सिंधी समाज के लोगों ने हिस्सा लिया .
Body:
सिंधी मेला समिति द्वारा आयोजित सांस्कृतिक गरबा महोत्सव मैं सभी गरबा प्रेमियों ने अपने सजीले अंदाज में गरबा कर मां की स्तुति की . इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने अपनी ड्रेसेस में कई प्रकार की डिजाईन भी तैयार की थी .यहां आए श्रद्धालु स्वस्थ भारत और पर्यावरण को लेकर भी कई प्रकार के संदेश देते हुए गरबा खेल रहे थे .
हर दिन की तरह माँ अम्बे की महाआरती के साथ भगवान झूलेलाल की आराधना की गई . साथ ही सिंधी समाज की खुशहाली के लिए पल्लव साहब का भी आयोजन किया गया . इस अवसर पर विशेष रूप से अमरावती शिव धारा आश्रम से संत संतोष कुमार भी विशेष रूप से सभी गरबा प्रेमियों को आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित थे .Conclusion: गरबे की खास बात यह थी कि यहां पर गुजराती गाने की जगह सिंधी गानों पर गरबा किया जा रहा था सिंधी समाज के लोगों का कहना था कि सिंधी भाषा में भी काफी अच्छे गाने हैं जिन पर नवरात्र में गरबा किया जा सकता है इसीलिए सिंधी गाने इस सांस्कृतिक गरबा महोत्सव में इस्तेमाल किए गए यह आयोजन पिछले 13 वर्षों से लगातार किया जा रहा है इस आयोजन में सिंधी समाज के लोगों की जमकर भागीदारी होती है .3 दिनों तक चलने वाले इस गरबा महोत्सव में गरबा खेलने के लिए आने वाले प्रतिभागी तरह-तरह की वेशभूषा में नजर आते हैं कई प्रतिभागी यहां पर अपनी ड्रेस के माध्यम से लोगों को संदेश भी देते नजर आ जाते हैं लोगों का कहना है कि नवरात्र में गरबा खेलने की एक बड़ी पुरानी परंपरा रही है इसे मां की आराधना से जोड़कर देखा जाता है माना जाता है कि गरबा खेलने से मां अंबे प्रसन्न होती हैं और भक्तों के द्वारा मांगी गई हर मुराद को पूरा कर देती है .
भोपाल | नवरात्रि के पर्व पर सभी श्रद्धालु मां जगदंबा की आराधना में लगे हुए हैं लगातार हो रही बारिश की वजह से इस बार राजधानी में बहुत कम गरबे के आयोजन हुए हैं लेकिन राजधानी के बैरागढ़ स्थित सिंधी मेला समिति के द्वारा शारदीय नवरात्रि पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सांस्कृतिक गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में सिंधी समाज के लोगों ने हिस्सा लिया .
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सिंधी मेला समिति द्वारा आयोजित सांस्कृतिक गरबा महोत्सव मैं सभी गरबा प्रेमियों ने अपने सजीले अंदाज में गरबा कर मां की स्तुति की . इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने अपनी ड्रेसेस में कई प्रकार की डिजाईन भी तैयार की थी .यहां आए श्रद्धालु स्वस्थ भारत और पर्यावरण को लेकर भी कई प्रकार के संदेश देते हुए गरबा खेल रहे थे .
हर दिन की तरह माँ अम्बे की महाआरती के साथ भगवान झूलेलाल की आराधना की गई . साथ ही सिंधी समाज की खुशहाली के लिए पल्लव साहब का भी आयोजन किया गया . इस अवसर पर विशेष रूप से अमरावती शिव धारा आश्रम से संत संतोष कुमार भी विशेष रूप से सभी गरबा प्रेमियों को आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित थे .Conclusion: गरबे की खास बात यह थी कि यहां पर गुजराती गाने की जगह सिंधी गानों पर गरबा किया जा रहा था सिंधी समाज के लोगों का कहना था कि सिंधी भाषा में भी काफी अच्छे गाने हैं जिन पर नवरात्र में गरबा किया जा सकता है इसीलिए सिंधी गाने इस सांस्कृतिक गरबा महोत्सव में इस्तेमाल किए गए यह आयोजन पिछले 13 वर्षों से लगातार किया जा रहा है इस आयोजन में सिंधी समाज के लोगों की जमकर भागीदारी होती है .3 दिनों तक चलने वाले इस गरबा महोत्सव में गरबा खेलने के लिए आने वाले प्रतिभागी तरह-तरह की वेशभूषा में नजर आते हैं कई प्रतिभागी यहां पर अपनी ड्रेस के माध्यम से लोगों को संदेश भी देते नजर आ जाते हैं लोगों का कहना है कि नवरात्र में गरबा खेलने की एक बड़ी पुरानी परंपरा रही है इसे मां की आराधना से जोड़कर देखा जाता है माना जाता है कि गरबा खेलने से मां अंबे प्रसन्न होती हैं और भक्तों के द्वारा मांगी गई हर मुराद को पूरा कर देती है .
Last Updated : Oct 6, 2019, 3:29 PM IST