भोपाल। सीधी पेशाब कांड का वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में खूब सियासत हुई. एक तरफ जहां कांग्रेस लगातार आदिवासियों के अपमान का आरोप शिवराज सरकार पर लगा रही थी तो वहीं मुख्यमंत्री शिवराज ने पीड़ित को सीएम हाउस बुलाकर पैर पखारकर और माफी मांग कर अपना मास्टर स्ट्रोक खेला है. इतना ही सीएम ने रातों-रात पीड़ित आदिवासी दशमत को लखपति बना दिया. सीएम शिवराज ने पीड़ित दशमत को 5 लाख और आवास के लिए भी राशि स्वीकृत करने के आदेश जारी कर दिए हैं. सीएम के इस आर्थिक सहायता पर कांग्रेस ने तंज कसा है.
सीएम ने की आर्थिक मदद: एमपी सरकार पेशाब कांड पर बैकफुट पर थी, लेकिन सीएम शिवराज सिंह ने डैमेज कंट्रोल करने में देर नहीं की. पीड़ित आदिवासी को आर्थिक मदद के तौर पर 5 लाख नगद और साथ में मकान बनाने के लिए डेढ़ लाख रुपए की आर्थिक मदद भी की. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पीड़ित की भोपाल में मुलाकात के बाद चंद घंटे में उस परिवार को नकद राशि के साथ मकान बनाने के लिए आर्थिक मदद स्वीकृत भी हो गई थी.
क्या है मामला: बता दें मंगलवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था. जिसमें सीधी विधायक के प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला एक नशे में धुत होकर एक आदिवीस पर पेशाब कर रहा था. यह वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस ने जमकर एमपी सरकार को निशाने पर लिया और जुबानी हमला बोला. हालांकि सीएम शिवराज ने आरोपी को गिरफ्तार करने एनएसए के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए और सियासत गरमाने के साथ ही शिवराज ने एक्शल लेकर बीजेपी नेता के घर पर बुलडोजर चलवाया. साथ ही आरोपी को गिरफ्तार कर रीवा जेल में बंद रखा गया है. मामला यहीं शांत नहीं हुआ, गुरुवार को सीएम ने पीड़ित को सीएम हाउस बुलाकर उसके पैर धुले और प्रायश्चित करते हुए गलती की माफी भी मांगी.
कांग्रेस ने बोला हमला: सीएम द्वारा यह कदम उठाते ही पूरे देश में इसकी चर्चा होने लगी. वहीं सीएम की पीड़ित की पत्नी से बात कराई गई. जहां उन्होंने उस परिवार को मदद का आश्वासन दिया. इतना ही नहीं शाम होते सीएम ने पीड़ित को 5 लाख नगद और आवास के लिए राशि भी स्वीकृत कर दी. कलेक्टर ने अपने ट्विटर एकाउंट से आदिवासी परिवार को मकान व नकद आर्थिक मदद का ट्वीट किया. वहीं इस पर कांग्रेस ने हमला बोला है. कांग्रेस का कहना है कि आपकी सरकार पिछले 18 सालों से है, हजारों पीड़ित परिवार हैं, जो आपके नेताओं के सताए हुए हैं और पीड़ित हैं. अच्छा होता कि ऐसे आदिवासियों को भी 5 - 5 लाख की सहायता दें.