भोपाल। पेशाब से नहा चुके आदिवासी के ससम्मान पैर धुलाए जाने के पहले और बाद की तस्वीरें देखिए और जानिए कि हमारी पुलिस जो इंसाफ की कस्में लेकर ड्यूटी पर आती है. जो अपराधी में खौफ और बेगुनाह में भरोसे का डंका बजाती है. उसकी असलियत है क्या. सीधी पेशाब कांड अब सिर्फ एक रसूखदार नेता और बेबस आदिवासी के बीच का मामला नहीं रहा, देखिए तो सही इस कहानी में कितनी कितनी परतें हैं. देखिए तो सही कि इतनी शर्मनाक करतूत के बाद भी आरोपी शुक्ला ऐसे सम्मान के साथ लाए जा रहे हैं. पीठ थपथपाते हुए कि जैसे देशभक्ति जनसेवा की इबारत लिखकर आ रहे हों. देखिए इसी खबर में लगी पहली तस्वीर देखिए, पीठ थपथपाते सीधी पुलिस थाने के कर्मचारी को देखिए. शुक्ला की अकड़ और शुक्ला की पीठ पर पुलिस का हाथ और कुछ कहने को बाकी बचता है क्या, तीन तस्वीरें सियासत समाज और इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली इस घटना की असल कहानी कहती हैं.
इसे शाबाशी समझें क्या साहब: सीधी कांड में आरोपी प्रवेश शुक्ला को थाने के भीतर ले जाता ये वीडियो आपके मोबाईल में भी होगा. देखा भी होगा आपने कई बार. बेआवाज़ वीडियो में प्रवेश शुक्ला की दबंगई देखी होगी. अकड़ देखी होगी, ये देखा क्या ये हाथ, सीधी पुलिसकर्मी का ये हाथ देखिए किस अंदाज़ में प्रवेश शुक्ला की पीठ पर आया है. अब इसे प्रवेश शुक्ला की करतूत पर पुलिस की शाबाशी माना जाए या ये माना जाए कि ढांढस बंधाया जा रहा है कि घबराना मत मामला हम संभाल लेंगे. देखिए तस्वीर को फिर देखिए और समझिए कि इंसाफ का दरवाज़ा आम आदमी के लिए कितना दूर है और आरोपी कितना नज़दीक.
पांव धुलाए कि ज़ख्म मिट पाएं: पेशाब से नहा चुके पीड़ित आदिवासी के सीएम शिवराज ने पैर धुलाए, ये संकेतात्मक था. प्रयास कि अपमान के ज़ख्म कुछ भर सकें. आदिवासी को शाल ओढाकर ये अहसास दिलाया गया कि तुम भी इंसान हो. भले तुम्हारे साथ जानवरों सा बर्ताव हो गया. सीएम शिवराज ने पीड़ित आदिवासी से माफी भी मांगी. सीएम शिवराज ने आदिवासी के साथ की दो तस्वीरें साझा करते हुए आदिवासी को संबोधित करते हुए लिखा कि मन दुखी है. आपकी पीड़ा बांटने का यह प्रयास है. आपसे माफी भी मांगता हूं. मेरे लिए जनता ही भगवान है. शिवराज ने लिखा राज्य के हर नागरिक का सम्मान मेरा सम्मान है सीएम शिवराज की ये पहल नज़ीर बन पाएगी की नहीं, लेकिन असर वहां तक तो पहुंचा जहां इसका पहुंचना जरुरी था असर तीसरी तस्वीर में देखिए.
अब कैसे रवैया बदल गया साहब: अगर आपने थाने जाते आरोपी शुक्ला की पहली तस्वीरें देखी हैं तभी आप इस तीसरी तस्वीर का फर्क समझ पाएंगे. देखिए जब सीएम शिवराज ने आदिवासी से मांफी मांगी तो पुलिस को भी सरकार वाली पार्टी का छुट भैय्या नेता आरोपी दिखाई देने लगा. अब देखिए पुलिस का रवैया. जब जागे तब सवेरा मानिए और इस तस्वीर को सच जानिए को पुलिस ने जानवरों से बदतर बर्ताव करने वाले इंसानियत पर पेशाब कर देने वाले इस वहशी से आरोपी का सा बर्ताव तो किया. इस पांव धोने के प्रसंग पर कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा ने शायराना अंदाज में चुटकी ली. केके मिश्रा ने कहा कि फिर कोई ज़ख्म मिलेगा तैयार रह ए दिल कुछ लोग फिर पेश आ रहे हैं बहुत प्यार से.