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MP Mayor Overall Result : बीजेपी को झटका, 16 में से 7 महापौर हाथ से निकले, कांग्रेस को 5 मिले, एक-एक जगह AAP व निर्दलीय

मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के बाद सारे परिणाम आ चुके हैं. जो तस्वीर उभरकर सामने आई है, उसका लब्बोलुआब यह है कि ये चुनाव बीजेपी के लिए उत्साहजनक नहीं रहे. भले ही बीजेपी ने अधिकांश नगरपालिका व नगर परिषदों पर जीत हासिल की हो, लेकिन उसने 16 नगर निगमों में से 7 में अपनी सत्ता खो दी. इतना जोर लगाने के बाद भी इस बार बीजेपी सिर्फ 11 नगर निगमों में जीत दर्ज कर सकी तो वहीं कांग्रेस ने 5 नगर निगमों पर विजयश्री हासिल की. खास बात ये हैं सिंगरौली महापौर आम आदमी पार्टी के खाते में गया है. कटनी से निर्दलीय ने बाजी मारी. इन नगरीय निकाय चुनाव में आप व ओवैसी की पार्टी ने कई शहरों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है. (BJP 7 out of 16 mayors lost their hands) (Congress got 5 Mayor) (AAP and independents at one place)

BJP 7 out of 16 mayors lost their hands
बीजेपी 16 में से 7 महापौर हाथ से निकले
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Published : Jul 20, 2022, 5:31 PM IST

भोपाल। अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माने जा रहे नगरीय निकाय चुनावों के परिणाम अब सबके सामने हैं. पिछली बार प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा था. इस बार बीजेपी को घाटा उठाना पड़ा है. भले ही बीजेपी इन चुनावों के परिणामों को अपने पक्ष में बता रही है लेकिन उसे करारा झटका लगा है. प्रदेश के चार महानगरों में से केवल इंदौर और भोपाल में बीजेपी जीत सकी. ग्वालियर व जबलपुर में हुई करारी हार ने बीजेपी को गहरा जख्म दिया है तो वहीं, कांग्रेस इस प्रदर्शन से खुश दिख रही है. उसके लिए ये बूस्टर डोज माना जा रहा है.

कांग्रेस के पास पिछली बार एक भी महापौर नहीं था : बता दें कि पहले चरण में हुए चुनाव में से 11 नगर निगमों के रिजल्ट 17 जुलाई को आए थे. इसमें भोपाल, इंदौर, खंडवा, बुरहानपुर, उज्जैन, सागर और सतना में बीजेपी ने जीत दर्ज की. कांग्रेस ने जबलपुर, ग्वालियर और छिंदवाड़ा पर कब्जा किया. सिंगरौली से आम आदमी पार्टी की रानी अग्रवाल महापौर बनी. दूसरे चरण के 5 नगर निगम में से कटनी में बीजेपी की बागी निर्दलीय प्रत्याशी की जीत दर्ज की तो रतलाम और देवास में बीजेपी ने जीत दर्ज की. रीवा और मुरैना में कांग्रेस की शानदार जीत हुई है. इस प्रकार कांग्रेस के पास 5 नगर निगम हो गए. खास बात यह है कि कांग्रेस के पास पिछली बार एक भी निगम नहीं था.

BJP 7 out of 16 mayors lost their hands
बीजेपी 16 में से 7 महापौर हाथ से निकले

प्रदेश के 16 महापौर रिजल्ट का पूरा ब्यौरा

  • कटनी में निर्दलीय प्रीति सूरी
  • रतलाम में बीजेपी के प्रत्याशी प्रह्लाद पटेल
  • देवास में बीजेपी की गीता दुर्गेश अग्रवाल
  • रीवा में कांग्रेस के अजय मिश्रा
  • मुरैना में कांग्रेस की शारदा राजेन्द्र सोलंकी
  • बुरहानपुर में बीजेपी की माधुरी अतुल पटेल
  • सतना में बीजेपी के प्रत्याशी योगेश ताम्रकार
  • उज्जैन में बीजेपी के मुकेश टटवाल
  • सागर में बीजेपी की संगीता तिवारी
  • खंडवा में की बीजेपी अमृता यादव
  • सिंगरौली नगर निगम में आम आदमी पार्टी की रानी अग्रवाल
  • जबलपुर में कांग्रेस के जगत बहादुर
  • इंदौर में भाजपा के पुष्यमित्र भार्गव
  • ग्वालियर में कांग्रेस की शोभा सिकरवार

ये है प्रदेश की स्थिति :

  • 16 नगर निगम में से बीजेपी 9, कांग्रेस 5, आप 1, निर्दलीय 1
  • महाकौशल की 3 सीटों में से बीजेपी 0, कांग्रेस 2, निर्दलीय 1
  • विंध्य की 3 सीटों में से बीजेपी 1 , कांग्रेस 1 , आप 1
  • ग्वालियर-चंबल की 2 सीटों में से बीजेपी 0, कांग्रेस 2
  • मालवा की 4 सीटों में से बीजेपी 4, कांग्रेस 0
  • निमाड़ की 2 सीटों में से बीजेपी 2, कांग्रेस 0
  • ग्वालियर-चंबल और विध्य इलाके में बीजेपी को झटका
    BJP 7 out of 16 mayors lost their hands
    बीजेपी 16 में से 7 महापौर हाथ से निकले

बीजेपी को कहां-कहां नुकसान : ग्वालियर महापौर भी बीजेपी हार गई. उसके बाद मुरैना नगर निगम भी बीजेपी हार गई. खास बात यह है कि सिंधिया के बीजेपी में आनेके बाद माना जा रहा था कि ग्वालियर-चंबल इलाके में कांग्रेस साफ हो जाएगी लेकिन परिणाम बता रहे हैं कि हुआ इसके उलट है. विंध्य क्षेत्र में बीजेपी कमजोर हुई है. रीवा में कांग्रेस ने वापसी कर निगम पर कब्जा कर लिया है. वहीं, जबलपुर में भी कांग्रेस ने बीजेपी को गहरा जख्म दिया है. माना जा रहा है इन चुनावों का असर आने वाले विधानसबा चुनाव पर पड़ेगा.

BJP 7 out of 16 mayors lost their hands
बीजेपी 16 में से 7 महापौर हाथ से निकले

बुरहानपुर में AIMIM के कारण हारी कांग्रेस : मध्य प्रदेश की राजनीति में सपा-बसपा का प्रभाव कम हुआ है. लेकिन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) और आम आदमी पार्टी (AAP) नई क्षेत्रीय ताकत बनकर उभरी हैं. दोनों ही पाटियों ने BJP और Congress की चिंता को बढ़ा दिया है. AAP ने सिंगरौली में महापौर पद कब्जा जमा लिया, जबकि AIMIM के उम्मीदवार निकायों में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे हैं. बुरहानपुर में कांग्रेस की जीत पक्की मानी जा रही थी. जीत को पुख्ता करने के लिए कांग्रेस ने मुस्लिम बहुल इस सीट पर मुस्लिम कैंडीडेट शहनाज आलम को मैदान में उतारा, लेकिन ओवैसी और आप की एंट्री ने कांग्रेस की जीत का हार बीजेपी के गले में डाल दिया. बीजेपी की उम्मीदवार माधुरी पटेल को 52 हजार 823 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस की शहनाज बानो को 52281 वोट प्राप्त हुए. इस तरह दोनों के बीच हार- जीत का अंतर सिर्फ 542 वोटों का ही रहा.

ETV भारत SPECIAL : ग्वालियर-चंबल में क्यों कमजोर हुई BJP, सिंधिया-तोमर के वजूद पर कैसा खतरा, कांग्रेस को ऐसे मिला बूस्टर डोज

AIMIM और APP बिगाड़ सकती हैं BJP व Congress का गणित : कांग्रेस को बुरहानपुर का जख्म दिया : बुरहानपुर में एआईएमआईएम की उम्मीदवार शाईस्ता हाशमी को 10322 वोट मिले. यहां आम आदमी पार्टी की प्रतिभा दीक्षित 2908 वोट झटकने में कामयाब रहीं. जबकि नोटा पर स्थानीय लोगों ने 674 वोट डाले यानी यह वोट किसी के खाते में नहीं गया. बुरहानपुर में कांग्रेस की हार के पीछे एआईएमआईएम और आप को बड़ी वजह माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि एआईएमआईएम ने सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही पहुंचाया है. बीएसपी उम्मीदवार कविता गाढ़े ने भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. बीएसपी ने यहां 3185 वोट हासिल किए हैं. (BJP 7 out of 16 mayors lost their hands) (Congress got 5 Mayor) (AAP and independents at one place)

भोपाल। अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माने जा रहे नगरीय निकाय चुनावों के परिणाम अब सबके सामने हैं. पिछली बार प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा था. इस बार बीजेपी को घाटा उठाना पड़ा है. भले ही बीजेपी इन चुनावों के परिणामों को अपने पक्ष में बता रही है लेकिन उसे करारा झटका लगा है. प्रदेश के चार महानगरों में से केवल इंदौर और भोपाल में बीजेपी जीत सकी. ग्वालियर व जबलपुर में हुई करारी हार ने बीजेपी को गहरा जख्म दिया है तो वहीं, कांग्रेस इस प्रदर्शन से खुश दिख रही है. उसके लिए ये बूस्टर डोज माना जा रहा है.

कांग्रेस के पास पिछली बार एक भी महापौर नहीं था : बता दें कि पहले चरण में हुए चुनाव में से 11 नगर निगमों के रिजल्ट 17 जुलाई को आए थे. इसमें भोपाल, इंदौर, खंडवा, बुरहानपुर, उज्जैन, सागर और सतना में बीजेपी ने जीत दर्ज की. कांग्रेस ने जबलपुर, ग्वालियर और छिंदवाड़ा पर कब्जा किया. सिंगरौली से आम आदमी पार्टी की रानी अग्रवाल महापौर बनी. दूसरे चरण के 5 नगर निगम में से कटनी में बीजेपी की बागी निर्दलीय प्रत्याशी की जीत दर्ज की तो रतलाम और देवास में बीजेपी ने जीत दर्ज की. रीवा और मुरैना में कांग्रेस की शानदार जीत हुई है. इस प्रकार कांग्रेस के पास 5 नगर निगम हो गए. खास बात यह है कि कांग्रेस के पास पिछली बार एक भी निगम नहीं था.

BJP 7 out of 16 mayors lost their hands
बीजेपी 16 में से 7 महापौर हाथ से निकले

प्रदेश के 16 महापौर रिजल्ट का पूरा ब्यौरा

  • कटनी में निर्दलीय प्रीति सूरी
  • रतलाम में बीजेपी के प्रत्याशी प्रह्लाद पटेल
  • देवास में बीजेपी की गीता दुर्गेश अग्रवाल
  • रीवा में कांग्रेस के अजय मिश्रा
  • मुरैना में कांग्रेस की शारदा राजेन्द्र सोलंकी
  • बुरहानपुर में बीजेपी की माधुरी अतुल पटेल
  • सतना में बीजेपी के प्रत्याशी योगेश ताम्रकार
  • उज्जैन में बीजेपी के मुकेश टटवाल
  • सागर में बीजेपी की संगीता तिवारी
  • खंडवा में की बीजेपी अमृता यादव
  • सिंगरौली नगर निगम में आम आदमी पार्टी की रानी अग्रवाल
  • जबलपुर में कांग्रेस के जगत बहादुर
  • इंदौर में भाजपा के पुष्यमित्र भार्गव
  • ग्वालियर में कांग्रेस की शोभा सिकरवार

ये है प्रदेश की स्थिति :

  • 16 नगर निगम में से बीजेपी 9, कांग्रेस 5, आप 1, निर्दलीय 1
  • महाकौशल की 3 सीटों में से बीजेपी 0, कांग्रेस 2, निर्दलीय 1
  • विंध्य की 3 सीटों में से बीजेपी 1 , कांग्रेस 1 , आप 1
  • ग्वालियर-चंबल की 2 सीटों में से बीजेपी 0, कांग्रेस 2
  • मालवा की 4 सीटों में से बीजेपी 4, कांग्रेस 0
  • निमाड़ की 2 सीटों में से बीजेपी 2, कांग्रेस 0
  • ग्वालियर-चंबल और विध्य इलाके में बीजेपी को झटका
    BJP 7 out of 16 mayors lost their hands
    बीजेपी 16 में से 7 महापौर हाथ से निकले

बीजेपी को कहां-कहां नुकसान : ग्वालियर महापौर भी बीजेपी हार गई. उसके बाद मुरैना नगर निगम भी बीजेपी हार गई. खास बात यह है कि सिंधिया के बीजेपी में आनेके बाद माना जा रहा था कि ग्वालियर-चंबल इलाके में कांग्रेस साफ हो जाएगी लेकिन परिणाम बता रहे हैं कि हुआ इसके उलट है. विंध्य क्षेत्र में बीजेपी कमजोर हुई है. रीवा में कांग्रेस ने वापसी कर निगम पर कब्जा कर लिया है. वहीं, जबलपुर में भी कांग्रेस ने बीजेपी को गहरा जख्म दिया है. माना जा रहा है इन चुनावों का असर आने वाले विधानसबा चुनाव पर पड़ेगा.

BJP 7 out of 16 mayors lost their hands
बीजेपी 16 में से 7 महापौर हाथ से निकले

बुरहानपुर में AIMIM के कारण हारी कांग्रेस : मध्य प्रदेश की राजनीति में सपा-बसपा का प्रभाव कम हुआ है. लेकिन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) और आम आदमी पार्टी (AAP) नई क्षेत्रीय ताकत बनकर उभरी हैं. दोनों ही पाटियों ने BJP और Congress की चिंता को बढ़ा दिया है. AAP ने सिंगरौली में महापौर पद कब्जा जमा लिया, जबकि AIMIM के उम्मीदवार निकायों में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे हैं. बुरहानपुर में कांग्रेस की जीत पक्की मानी जा रही थी. जीत को पुख्ता करने के लिए कांग्रेस ने मुस्लिम बहुल इस सीट पर मुस्लिम कैंडीडेट शहनाज आलम को मैदान में उतारा, लेकिन ओवैसी और आप की एंट्री ने कांग्रेस की जीत का हार बीजेपी के गले में डाल दिया. बीजेपी की उम्मीदवार माधुरी पटेल को 52 हजार 823 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस की शहनाज बानो को 52281 वोट प्राप्त हुए. इस तरह दोनों के बीच हार- जीत का अंतर सिर्फ 542 वोटों का ही रहा.

ETV भारत SPECIAL : ग्वालियर-चंबल में क्यों कमजोर हुई BJP, सिंधिया-तोमर के वजूद पर कैसा खतरा, कांग्रेस को ऐसे मिला बूस्टर डोज

AIMIM और APP बिगाड़ सकती हैं BJP व Congress का गणित : कांग्रेस को बुरहानपुर का जख्म दिया : बुरहानपुर में एआईएमआईएम की उम्मीदवार शाईस्ता हाशमी को 10322 वोट मिले. यहां आम आदमी पार्टी की प्रतिभा दीक्षित 2908 वोट झटकने में कामयाब रहीं. जबकि नोटा पर स्थानीय लोगों ने 674 वोट डाले यानी यह वोट किसी के खाते में नहीं गया. बुरहानपुर में कांग्रेस की हार के पीछे एआईएमआईएम और आप को बड़ी वजह माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि एआईएमआईएम ने सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही पहुंचाया है. बीएसपी उम्मीदवार कविता गाढ़े ने भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. बीएसपी ने यहां 3185 वोट हासिल किए हैं. (BJP 7 out of 16 mayors lost their hands) (Congress got 5 Mayor) (AAP and independents at one place)

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