भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के 29 दिन बाद आखिरकार मंत्रिमंडल का गठन हो गया है. शिवराज के मिनी मंत्रिमंडल का गठन हुआ है. जिसमें पांच सदस्यों ने राजभवन पहुंचकर शपथ ली है.
शिवराज मंत्रिमंडल में शपथ लेने वाले पांच मंत्रियों में दो सिंधिया खेमे के हैं. सभी पांच सदस्य इस प्रकार हैं
- 1- नरोत्तम मिश्रा
- 2- तुलसी सिलावट
- 3- कमल पटेल
- 4- गोविंद सिंह
- 5- मीना सिंह
पांच नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है. कोरोना महामारी की विपदा के चलते अभी मिनी मंत्रिमंडल का गठन किया गया है.
स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदीरी संभाल सकते हैं 'संकटमोचक'
फिलहाल मंत्रियों को उन्हीं विभागों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जो जरूरी हैं. इसमें स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा, गृह राजस्व नगरीय विकास पंचायत, ग्रामीण विकास और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग शामिल हैं. जिन्हें मंत्री बना गया है, उनमें सबसे पहले नरोत्तम मिश्रा का नाम आता है. क्योंकि नरोत्तम मिश्रा केंद्र की पसंद की हैं और सरकार के संकटमोचक की भूमिका निभाते रहे हैं. मैनेजमेंट के महारथी और ऑपरेशन लोटस के तहत अपनी अहम भूमिका से इन्होंने अलग जगह बनाई है.
एक मात्र महिला मंत्री
इसके बाद मीना सिंह का नाम आता है, जो आदिवासी वर्ग की एक बड़ी महिला चेहरा हैं. इसके अलावा सीएम शिवराज सिंह चौहान की बड़ी समर्थक भी हैं. मीना सिंह पहले भी मंत्री रह चुकी हैं.
कमल पटेल को मिली जगह
बीजेपी में पूर्व मंत्री रहे कमल पटेल की एक बार फिर मंत्री पद पर वापसी हुई है. कमल पटेल ओबीसी वर्ग का एक बड़ा चेहरा माने जाते हैं.
तुलसी सिलावट हैं पसंद
इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने भी मंत्री पद की शपथ ली. सिंधिया कैंप के यह दोनों ही नेता कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं. सरकार में रहते हुए उन्होंने अपना मंत्री पद छोड़ दिया था. कमलनाथ सरकार को सत्ता से हटाने में इनकी प्रमुख भूमिका रही है. तुलसीराम सिलावट मालवा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करते हैं और पूर्व सरकार में स्वास्थ्य मंत्री का दायित्व संभाल चुके हैं.
गोविंद सिंह राजपूत बने मंत्री
वहीं दूसरी ओर बुंदेलखंड के बड़े नेता के रूप में गोविंद सिंह राजपूत का नाम सामने आता है, उन्होंने भी अपना मंत्री पद छोड़ दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए. हालांकि इसके अलावा सिंधिया समर्थकों में किसी और नेता को फिलहाल शिवराज के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है.
गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह पर संशय
मंत्रिमंडल के सबसे कद्दावर और दावेदार पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह का नाम मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है. बताया जा रहा है कि, सागर जिले से सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत का नाम फाइनल होने के बाद इन दोनों से कहा गया है कि, उन्हें 3 मई के बाद ही मंत्री बनाया जाएगा.
जातिगत समीकरण को साधने की कोशिश
शिवराज की मिनी कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की गई है. ग्वालियर, चंबल ,बुंदेलखंड ,मालवा, इंदौर ,मध्य क्षेत्र से 1- 1 जनप्रतिनिधि को शामिल किया गया है. सिंधिया कोटे से दो तो भाजपा से तीन चेहरे शामिल किए गए हैं. जातिगत समीकरण साधने के लिए ब्राह्मण, क्षत्रिय ,अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग से एक - एक नेता को मंत्री बनाया जा रहा है.