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अनाथ भांजी के मसीहा बने 'मामा' शिवराज, कहा- टॉपर बिटिया को IAS बनाने में करेंगे मदद

कोरोना की दूसरी लहर में अपने माता-पिता को खो देने के बाद बेटी वनीषा पाठक ने खुद को टूटने नहीं दिया, बल्कि अपने पिता के वादे को निभाने के लिए उन्होंने सीबीएसई 10th एग्जाम में 99.8% हासिल किए हैं. ऐसे में अब सीएम शिवराज ने कहा है कि बेटी की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार उठाएगी. सीएम के इस वादे के बाद वनीषा ने खुशी व्यक्त करते हुए सीएम को धन्यवाद कहा है.

shivraj singh chouhan
टॉपर बिटिया की पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार
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Published : Aug 16, 2021, 1:06 PM IST

भोपाल। राजधानी की वनीषा पाठक (Vanisha Pathak) ने सीबीएसई (CBSE) 10th एग्जाम में 99.8% हासिल किए हैं. इससे भी बड़ी बात यह है कि इस दौरान उन्होंने अपने माता-पिता को कोविड (Covid-19) में खो दिया. ऐसे में सीएम शिवराजसिंह चौहान (Shivraj singh chouhan) ने वनीषा पाठक के साथ पौधारोपण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वनीषा आईएएस (IAS) बनना चाहती हैं. ऐसे में उनकी पढ़ाई के खर्च में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी और सरकार ही वनीषा की पढ़ाई का खर्च उठाएगी. वनीषा ने इस पर प्रसन्नता जताते हुए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया.

टॉपर बिटिया की पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार
बेटी की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी- सीएम
वनीषा (Vanisha Pathak) बताती हैं कि जब उनके माता-पिता अस्पताल में भर्ती थे, उस दौरान भी वे एग्जाम की तैयारी कर रही थी. बेटी ने पिता से किए वादे को निभाने के लिए खूब मेहनत की और टॉप रैंकिंग में स्थान बनाया. फिलहाल, वनीषा अपने छोटे भाई के साथ मामा के घर में रह रही हैं. स्मार्ट सिटी पहुंचे मुख्यमंत्री ने वनीषा और उनके मामा मामी के साथ यहां पर पौधारोपण किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटी ने सिद्ध कर दिखाया है कि हौसले के आगे कोई हार नहीं सकता. कोरोना में अपने माता पिता को खोने के बाद बेटी ने हार नहीं मानी. ऐसे में उसकी पढ़ाई और खर्च में सरकार कोई कमी नहीं आने देगी.

कोरोना में खोया माता-पिता को
वनीषा (Vanisha Pathak) ने दसवीं के एग्जाम में भोपाल में टॉप किया है. बेटी ने 10th में 99.8% हासिल किए हैं. दरअसल, उन्होंने यह मुकाम तब हासिल किया है जब उनके माता पिता का निधन कोविड के दौरान हो गया था. दरअसल, जब वनीषा दसवीं सीबीएसई बोर्ड की तैयारी कर रही थी. उसी दौरान उनके माता-पिता सीमा पाठक और जितेंद्र पाठक अप्रैल में कोरोना संक्रमित हो गए थे. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. घर में एक छोटे भाई के साथ रहने वाली वनीषा इस दौरान बेहद परेशान हो गई. सबसे बड़ा झटका तब लगा जब उसने मई के पहले सप्ताह में ही अपने माता-पिता को खो दिया. इस मौत के दर्द के बाद भी वनीषा ने हार नहीं मानी और माता-पिता के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की.


पिता ने कहा था खूब ऊंचाइयों को हासिल करना

वनीषा (Vanisha Pathak) बताती हैं कि एक ओर जहां माता-पिता को खोने का दर्द है, तो वहीं दूसरी ओर उनके सपने को पूरा करना अब उनके जीवन का लक्ष्य बन गया है. माता-पिता से आखिरी बार फोन पर वीडियो कॉल के माध्यम से बात हुई, तो पिता ने कहा, जीवन में खूब ऊंचाइयों को हासिल करना. इस बीच वनीषा ने पिता के लिए एक कविता भी लिखी है.

माता-पिता की कोरोना से मौत! अनाथ वनीषा ने 99.8% मार्क्स के साथ टॉप कर पापा से किया वादा निभाया

छोटे भाई विवान की भी जिम्मेदारी
वनीषा (Vanisha Pathak) के कंधों पर अपनी पढ़ाई के साथ-साथ छोटे भाई विवान की भी जिम्मेदारी है. उन्होंने इस मार्ग पर आगे बढ़ते हुए खूब मेहनत कर अपने माता पिता के सपने को पूरा किया. वनीषा का छोटा भाई पांचवी कक्षा में है. वह भी बताते हैं कि जब माता-पिता की मौत हुई तो उसके बाद दीदी पढ़ाई में कमजोर ना हो जाए, इसके लिए वह खुद ही अपनी बहन के सामने नहीं रोते थे. वनीषा का सपना है कि अब वह अपने माता पिता के सपने को पूरा करें और आईआईटीजेईई में स्थान हासिल करे, और उसके बाद आईएएस बने.

भोपाल। राजधानी की वनीषा पाठक (Vanisha Pathak) ने सीबीएसई (CBSE) 10th एग्जाम में 99.8% हासिल किए हैं. इससे भी बड़ी बात यह है कि इस दौरान उन्होंने अपने माता-पिता को कोविड (Covid-19) में खो दिया. ऐसे में सीएम शिवराजसिंह चौहान (Shivraj singh chouhan) ने वनीषा पाठक के साथ पौधारोपण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वनीषा आईएएस (IAS) बनना चाहती हैं. ऐसे में उनकी पढ़ाई के खर्च में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी और सरकार ही वनीषा की पढ़ाई का खर्च उठाएगी. वनीषा ने इस पर प्रसन्नता जताते हुए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया.

टॉपर बिटिया की पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार
बेटी की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी- सीएम
वनीषा (Vanisha Pathak) बताती हैं कि जब उनके माता-पिता अस्पताल में भर्ती थे, उस दौरान भी वे एग्जाम की तैयारी कर रही थी. बेटी ने पिता से किए वादे को निभाने के लिए खूब मेहनत की और टॉप रैंकिंग में स्थान बनाया. फिलहाल, वनीषा अपने छोटे भाई के साथ मामा के घर में रह रही हैं. स्मार्ट सिटी पहुंचे मुख्यमंत्री ने वनीषा और उनके मामा मामी के साथ यहां पर पौधारोपण किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटी ने सिद्ध कर दिखाया है कि हौसले के आगे कोई हार नहीं सकता. कोरोना में अपने माता पिता को खोने के बाद बेटी ने हार नहीं मानी. ऐसे में उसकी पढ़ाई और खर्च में सरकार कोई कमी नहीं आने देगी.

कोरोना में खोया माता-पिता को
वनीषा (Vanisha Pathak) ने दसवीं के एग्जाम में भोपाल में टॉप किया है. बेटी ने 10th में 99.8% हासिल किए हैं. दरअसल, उन्होंने यह मुकाम तब हासिल किया है जब उनके माता पिता का निधन कोविड के दौरान हो गया था. दरअसल, जब वनीषा दसवीं सीबीएसई बोर्ड की तैयारी कर रही थी. उसी दौरान उनके माता-पिता सीमा पाठक और जितेंद्र पाठक अप्रैल में कोरोना संक्रमित हो गए थे. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. घर में एक छोटे भाई के साथ रहने वाली वनीषा इस दौरान बेहद परेशान हो गई. सबसे बड़ा झटका तब लगा जब उसने मई के पहले सप्ताह में ही अपने माता-पिता को खो दिया. इस मौत के दर्द के बाद भी वनीषा ने हार नहीं मानी और माता-पिता के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की.


पिता ने कहा था खूब ऊंचाइयों को हासिल करना

वनीषा (Vanisha Pathak) बताती हैं कि एक ओर जहां माता-पिता को खोने का दर्द है, तो वहीं दूसरी ओर उनके सपने को पूरा करना अब उनके जीवन का लक्ष्य बन गया है. माता-पिता से आखिरी बार फोन पर वीडियो कॉल के माध्यम से बात हुई, तो पिता ने कहा, जीवन में खूब ऊंचाइयों को हासिल करना. इस बीच वनीषा ने पिता के लिए एक कविता भी लिखी है.

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छोटे भाई विवान की भी जिम्मेदारी
वनीषा (Vanisha Pathak) के कंधों पर अपनी पढ़ाई के साथ-साथ छोटे भाई विवान की भी जिम्मेदारी है. उन्होंने इस मार्ग पर आगे बढ़ते हुए खूब मेहनत कर अपने माता पिता के सपने को पूरा किया. वनीषा का छोटा भाई पांचवी कक्षा में है. वह भी बताते हैं कि जब माता-पिता की मौत हुई तो उसके बाद दीदी पढ़ाई में कमजोर ना हो जाए, इसके लिए वह खुद ही अपनी बहन के सामने नहीं रोते थे. वनीषा का सपना है कि अब वह अपने माता पिता के सपने को पूरा करें और आईआईटीजेईई में स्थान हासिल करे, और उसके बाद आईएएस बने.

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