भोपाल। कमलनाथ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'जय किसान ऋण माफी' के नाम पर शासन स्तर से पैसा तो रिलीज हुआ, लेकिन किसानों तक यह राशि पहुंची ही नहीं. अब शिवराज सरकार इस मामले की जांच कराएगी. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि किसानों के नाम पर यह बड़ा घोटाला हुआ है. पूर्वर्ती सरकार ने कर्ज माफी के नाम पर कोरे चैक की तरह प्रमाण पत्र बांट दिए जो नियम विरुद्ध हैं.
कमलनाथ सरकार के पिछले 6 माह के निर्णय की जांच के लिए गठित मंत्री समूह की बैठक में किसान कर्ज माफी के नाम पर घोटाले का मामला सामने आया है. गृह और स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कर्ज माफी के प्रमाण पत्र दिखाते हुए कहा कि किसानों को मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर वाले खाली प्रमाण पत्र बांट दिए गए. यह किसान के नाम पर सबसे बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है. सिर्फ झाबुआ और छिंदवाड़ा के किसानों की ही कर्ज माफी की गई. बाकी प्रदेश में किसानों को इसका लाभ नहीं मिला.
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि किसान कर्ज माफी के नाम पर राशि तो जारी हुई, लेकिन यह राशि किसानों तक पहुंची ही नहीं. इस मामले की विस्तार से जांच कराई जाएगी. वहीं उन ग्वालियर में पेंट की दुकान में लगी आग की घटना पर दुख व्यक्त किया है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है.