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ओबीसी आरक्षण: 37 जिलों में सर्वे पूरा, सरकार तैयार कर रही है डाटा, जल्द मिलेगा रिजर्वेशन

एमपी में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा काफी समय से गरमाया हुआ है. अब प्रदेश सरकार ने ओबीसी को आरक्षण देने की तैयारी कर ली है. इसके लिए मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग सर्वे करा रहा है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. (survey for obc reservation in mp)

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एमपी आरक्षण
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Published : Jan 22, 2022, 6:51 PM IST

Updated : Jan 22, 2022, 7:20 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार पंचायत एवं नगरीय निकाय के चुनाव में ओबीसी आरक्षण (obc reservation in mp) देने के लिए तैयारियों में जुट गई है. पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की गणना जिलों में कराई जा रही है. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने जिलों के दौरे शुरू कर दिए हैं. प्रशासन और सामाजिक संगठनों के साथ बैठक कर आयोग सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति की जानकारी जुटा रहा है.

37 जिलों में पूरा किया दौरा
मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन के मुताबिक पिछड़ा वर्ग आयोग ने अब तक 37 जिलों में अपने दौरे पूरे कर लिए हैं. फरवरी के पहले सप्ताह तक शेष बचे जिलों में दौरे पूरे कर लिए जाएंगे. इसके बाद आयोग अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेगा.

जिलेवार तैयार हो रही है रिपोर्ट
आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने बताया कि जिलावार रिपोर्ट तैयार की जा रही है. जिलों को होमवर्क दिया गया है. पहली बार पिछड़े वर्ग की आर्थिक स्थिति का आकलन (survey for obc reservation in mp) किया जा रहा है. पूरी रिपोर्ट बनने में समय लगेगा. पहले आंतरिक प्रतिवेदन दिया जाएगा. उसके बाद फाइनल रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

आरक्षण को लेकर हो रहा सर्वे
मप्र पिछड़ा वर्ग आयोग आरक्षण को लेकर सर्वे करा रहा है. राज्य सरकार पिछड़े वर्ग को लेकर अपना डाटा तैयार कर रही है. आयोग ने जिलों से पिछड़ी जातियों की सूची बनाने के लिए कहा है.

पांच महीने पहले सरकार ने बनाया था आयोग
2 सितंबर 2021 को मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में पिछड़े वर्ग की स्थिति का अध्ययन करने के लिए मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग (Madhya Pradesh Backward Classes Welfare Commission) का गठन किया था. आयोग को जिन विषयों पर सुझाव एवं अन्य संस्थाएं राज्य सरकार को देनी हैं, उनमें सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा की स्थिति का अध्ययन शामिल है.

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मध्य प्रदेश में ओबीसी की राजनीति
मध्य प्रदेश में ओबीसी समुदाय की आबादी करीब 50 फीसदी से अधिक है. इस वर्ग को केवल 14 फीसदी आरक्षण मिलता है. 2019 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने इसे बढ़ाकर 27 फीसदी किया तो अदालत ने तत्काल इस पर रोक लगा दी थी. इसके बाद पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल ओबीसी आरक्षण को लेकर एक दूसरे पर राजनीति करने का आरोप लगाते रहे हैं. दोनों ही दल नहीं चाहते कि ओबीसी वर्ग आरक्षण के मामले को लेकर उनसे नाराज हो.

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार पंचायत एवं नगरीय निकाय के चुनाव में ओबीसी आरक्षण (obc reservation in mp) देने के लिए तैयारियों में जुट गई है. पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की गणना जिलों में कराई जा रही है. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने जिलों के दौरे शुरू कर दिए हैं. प्रशासन और सामाजिक संगठनों के साथ बैठक कर आयोग सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति की जानकारी जुटा रहा है.

37 जिलों में पूरा किया दौरा
मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन के मुताबिक पिछड़ा वर्ग आयोग ने अब तक 37 जिलों में अपने दौरे पूरे कर लिए हैं. फरवरी के पहले सप्ताह तक शेष बचे जिलों में दौरे पूरे कर लिए जाएंगे. इसके बाद आयोग अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेगा.

जिलेवार तैयार हो रही है रिपोर्ट
आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने बताया कि जिलावार रिपोर्ट तैयार की जा रही है. जिलों को होमवर्क दिया गया है. पहली बार पिछड़े वर्ग की आर्थिक स्थिति का आकलन (survey for obc reservation in mp) किया जा रहा है. पूरी रिपोर्ट बनने में समय लगेगा. पहले आंतरिक प्रतिवेदन दिया जाएगा. उसके बाद फाइनल रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

आरक्षण को लेकर हो रहा सर्वे
मप्र पिछड़ा वर्ग आयोग आरक्षण को लेकर सर्वे करा रहा है. राज्य सरकार पिछड़े वर्ग को लेकर अपना डाटा तैयार कर रही है. आयोग ने जिलों से पिछड़ी जातियों की सूची बनाने के लिए कहा है.

पांच महीने पहले सरकार ने बनाया था आयोग
2 सितंबर 2021 को मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में पिछड़े वर्ग की स्थिति का अध्ययन करने के लिए मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग (Madhya Pradesh Backward Classes Welfare Commission) का गठन किया था. आयोग को जिन विषयों पर सुझाव एवं अन्य संस्थाएं राज्य सरकार को देनी हैं, उनमें सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा की स्थिति का अध्ययन शामिल है.

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मध्य प्रदेश में ओबीसी की राजनीति
मध्य प्रदेश में ओबीसी समुदाय की आबादी करीब 50 फीसदी से अधिक है. इस वर्ग को केवल 14 फीसदी आरक्षण मिलता है. 2019 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने इसे बढ़ाकर 27 फीसदी किया तो अदालत ने तत्काल इस पर रोक लगा दी थी. इसके बाद पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल ओबीसी आरक्षण को लेकर एक दूसरे पर राजनीति करने का आरोप लगाते रहे हैं. दोनों ही दल नहीं चाहते कि ओबीसी वर्ग आरक्षण के मामले को लेकर उनसे नाराज हो.

Last Updated : Jan 22, 2022, 7:20 PM IST
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