भोपाल। प्रदेश के गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने के मामले में राज्य सरकार और राहत देने की तैयारी कर रही है. पंडित दीनदयाल अंत्योदय रसाई योजना के तहत रसोई केन्द्रों की संख्या 45 और बढ़ाई जाने के बाद अब राज्य सरकार थाली की कीमत को 10 रुपए से घटाकर 5 रुपए करने की तैयारी कर रही है. ताकि गरीबों को खाने के लिए और भार न आए. प्रदेश में अभी 104 रसोई केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है. इसकी संख्या में 45 रसोई की और बढोत्तरी की गई है.
अब तक 1 करोड़ 96 लाख गरीब ले चुके लाभ: मध्यप्रदेश में अभी 104 स्थानों पर दीन दयाल अंत्योदय रसोई केन्द्र संचालित हो रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार ने हाल ही में इसकी संख्या में 45 की और बढ़ोत्तरी की है. इसको लेकर पिछले दिनों शिवराज मंत्रीमंडल ने अपनी मुहर लगा दी है. इसके बाद अब राज्य सरकार इस योजना के तहत 25 चलित और 20 स्थाई केन्द्र और खोलने जा रही है. इनमें औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर, मंडीदीप जैसे क्षेत्र शामिल हैं, ताकि प्रदेश के दूर दराज से इन क्षेत्रों में आकर मजदूरी करने वाले गरीबों को सस्ते में भोपाल उपलब्ध कराया जा सके. इसके अलावा धार्मिक महत्व के क्षेत्र चित्रकूट, ओरछा, मैहर, अमरकंटक, महेश्वर में भी यह रसोई केन्द्र खोले जाएंगे.
फिर 5 रुपए में मिलेगी थाली: राज्य सरकार द्वारा प्रदेश भर में अभी 10 रुपए में गरीबों को भोजन की थाली उपलब्ध कराई जा रही है. हालांकि कोरोना के पहले तक यह थाली 5 रुपए में हुआ करती थी, लेकिन बाद में इसके दाम 10 रुपए कर दिए गए थे. अब राज्य सरकार एक बार फिर 5 रुपए में यह थाली उपलब्ध कराने जा रही है. नगरीय विकास एवं आवास विभाग एक बार फिर इसे 5 रुपए में उपलब्ध कराने जा रही है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी कहते हैं कि गरीब, पिछड़े हमेशा सरकार की प्राथमिकता में रहे हैं, इसलिए सरकार द्वारा हर वह कदम उठाया जा रहा है, जो गरीबों के जीवन को सरल कर सके.
अब तक 1 करोड़ 96 लाख हो चुके लाभांवित: राज्य सरकार की दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के तहत प्रदेश भर में 1 करोड़ 96 लाख गरीब लाभांवित हो चुके हैं. इसमें भोपाल जिले में 5 रसोई केन्द्र हैं, जिससे अभी तक 30 लाख 90 हजार लोग भोजन कर चुके हैं. इसके अलावा ग्वालियर में 29 लाख 52 हजार, इंदौर में 22 लाख 31 हजार, छिंदवाड़ा में 18 लाख 77 हजार, जबलपुर में 10 लाख 94 हजार लोग इस रसोई से भोजन कर चुके हैं. गौरतलब है कि पंडित दीनदयाल अंत्योदय रसाई योजना की शुरूआत प्रदेश में 2017 में हुई थी.