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शिव'राज' के मिनी कैबिनेट का गठन, पांच मंत्रियों को राज्यपाल ने दिलाई शपथ - तुलसी सिलावट

करीब 29 दिन बाद आज शिवराज के मिनी मंत्रिमंडल का गठन हो सकता है, मिनी कैबिनेट को आज राज्यपाल शपथ दिला सकते हैं, इस कैबिनेट में पांच सदस्य हो सकते हैं.

shivraj singh chauhan
शिवराज सिंह चौहान
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Published : Apr 21, 2020, 9:42 AM IST

Updated : Apr 21, 2020, 12:27 PM IST

भोपाल। शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री बनने के करीब एक महीने बाद आज मंत्रिमंडल गठन की उम्मीद है, पर ये कैबिनेट छोटी हो सकती है. पिछले कुछ दिनों से लगातार मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर विपक्ष लगातार सवाल कर रहा था. मंगलवार को शिवराज मंत्रिमंडल का गठन होने जा रहा है. पिछले 29 दिनों से बिना मंत्रिमंडल के वन मैन आर्मी की तरह सीएम अकेले ही मोर्चा संभाले हुए हैं. शिवराज सिंह चौहान बिना मंत्रिमंडल के 29 दिन पूरा करने का एक नया रिकॉर्ड भी बना चुके हैं. जिस तरह की विषम परिस्थितियां इस समय प्रदेश देश में बनी हुई है, उसे ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार किए जाने की मांग लगातार हो रही थी. यही वजह है कि आज मिनी कैबिनेट को शपथ दिलाई जा सकती है. जिसमें पांच विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी.

बताया जा रहा है कि कोविड-19 संक्रमण के कारण अभी पांच मंत्री ही बनाए जा रहे हैं. पांचों कैबिनेट मंत्री होंगे. हालांकि कुछ नेताओं के दबाव को देखते हुए 12 नाम आखिरी वक्त में जोड़े जा सकते हैं. सीएम ने सोमवार देर शाम राज्यपाल लालजी टंडन से भी बातचीत की थी. इसके बाद राजभवन ने तैयारियां शुरू कर दी है. यह शपथ कार्यक्रम आज दोपहर 12 बजे आयोजित किया जाएगा. दिल्ली से निर्देश के बाद मंत्रिमंडल गठन की तैयारियां शुरू हुई थी. जिसे लेकर पिछले 4 दिनों से समीक्षा की जा रही थी. आखिरकार जिन्हें मंत्री बनाया जाना है, उनके नाम फाइनल हो गए हैं.

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने देर शाम पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री से फोन पर चर्चा कर इन नामों को फाइनल किया है. वहीं प्रदेश बीजेपी कार्यालय में भी देर रात तक बैठक की गई है. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत, नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह मौजूद रहे है.

स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदीरी संभाल सकते हैं 'संकटमोचन'

शिवराज फिलहाल मंत्रियों को उन्हीं विभागों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जो जरूरी है. इसमें स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा, गृह राजस्व नगरीय विकास पंचायत, ग्रामीण विकास और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग शामिल हैं. शपथ के तुरंत बाद सीएम कोरोना वायरस बैठक भी मंत्रालय में करेंगे. जिन्हें मंत्री बनाया जाना है उनमें सबसे पहले नरोत्तम मिश्रा का नाम आता है. क्योंकि नरोत्तम मिश्रा केंद्र की पसंद की है और सरकार के संकटमोचक की भूमिका निभाते रहे हैं. मैनेजमेंट के महारथी और ऑपरेशन लोटस के तहत अपनी अहम भूमिका से इन्होंने अलग जगह बनाई है.

मीना सिंह भी हो सकती हैं शामिल

इसके बाद मीना सिंह का नाम आता है, जो आदिवासी वर्ग की एक बड़ी महिला चेहरा हैं.

कमल पटेल को मिल सकता है पद

इसके अलावा सीएम शिवराज सिंह चौहान की बड़ी समर्थक भी हैं. यह पहले भी मंत्री रह चुकी हैं. बीजेपी में पूर्व मंत्री रहे कमल पटेल की एक बार फिर मंत्री पद पर वापसी हो रही है. कमल पटेल ओबीसी वर्ग का एक बड़ा चेहरा माने जाते हैं.

तुलसी सिलावट हैं पसंद

इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत का नाम भी मंत्री पद के लिए फाइनल हुआ है. सिंधिया कैंप के यह दोनों ही नेता कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं. सरकार में रहते हुए उन्होंने अपना मंत्री पद छोड़ दिया था. कमलनाथ सरकार को सत्ता से हटाने में इनकी प्रमुख भूमिका रही है. तुलसीराम सिलावट मालवा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करते हैं और पूर्व सरकार में स्वास्थ्य मंत्री का दायित्व संभाल चुके हैं.

गोविंद सिंह राजपूत हो सकते हैं शामिल

वहीं दूसरी ओर बुंदेलखंड के बड़े नेता के रूप में गोविंद सिंह राजपूत का नाम सामने आता है, उन्होंने भी अपना मंत्री पद छोड़ दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए हैं. हालांकि इसके अलावा सिंधिया समर्थकों में और किसी भी नेता का नाम सामने नहीं आया है. जिसे मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. क्योंकि जिस तरह की परिस्थितियां चल रही हैं. उसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक छोटी कैबिनेट के तहत मात्र पांच मंत्रियों को ही शपथ दिलाने के मूड में है.

गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह पर संशय

लॉक डाउन खुल जाने के बाद ही पूर्ण रूप से मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. मंत्रिमंडल के सबसे कद्दावर और दावेदार पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के नाम पर फिलहाल संशय की स्थिति बनी हुई है. बताया जा रहा है कि सागर जिले से सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत का नाम फाइनल होने के बाद इन दोनों से कहा गया है कि उन्हें 3 मई के बाद ही मंत्री बनाया जाएगा.

जातिगत समीकरण को साधने की कोशिश

शिवराज की मिनी कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की गई है. ग्वालियर, चंबल ,बुंदेलखंड ,मालवा, इंदौर ,मध्य क्षेत्र से 1- 1 जनप्रतिनिधि को शामिल किया गया है. सिंधिया कोटे से दो तो भाजपा से तीन चेहरे शामिल किए गए हैं. तिगत समीकरण साधने के लिए ब्राह्मण, क्षत्रिय ,अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग से एक - एक नेता को मंत्री बनाया जा रहा है.

भोपाल। शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री बनने के करीब एक महीने बाद आज मंत्रिमंडल गठन की उम्मीद है, पर ये कैबिनेट छोटी हो सकती है. पिछले कुछ दिनों से लगातार मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर विपक्ष लगातार सवाल कर रहा था. मंगलवार को शिवराज मंत्रिमंडल का गठन होने जा रहा है. पिछले 29 दिनों से बिना मंत्रिमंडल के वन मैन आर्मी की तरह सीएम अकेले ही मोर्चा संभाले हुए हैं. शिवराज सिंह चौहान बिना मंत्रिमंडल के 29 दिन पूरा करने का एक नया रिकॉर्ड भी बना चुके हैं. जिस तरह की विषम परिस्थितियां इस समय प्रदेश देश में बनी हुई है, उसे ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार किए जाने की मांग लगातार हो रही थी. यही वजह है कि आज मिनी कैबिनेट को शपथ दिलाई जा सकती है. जिसमें पांच विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी.

बताया जा रहा है कि कोविड-19 संक्रमण के कारण अभी पांच मंत्री ही बनाए जा रहे हैं. पांचों कैबिनेट मंत्री होंगे. हालांकि कुछ नेताओं के दबाव को देखते हुए 12 नाम आखिरी वक्त में जोड़े जा सकते हैं. सीएम ने सोमवार देर शाम राज्यपाल लालजी टंडन से भी बातचीत की थी. इसके बाद राजभवन ने तैयारियां शुरू कर दी है. यह शपथ कार्यक्रम आज दोपहर 12 बजे आयोजित किया जाएगा. दिल्ली से निर्देश के बाद मंत्रिमंडल गठन की तैयारियां शुरू हुई थी. जिसे लेकर पिछले 4 दिनों से समीक्षा की जा रही थी. आखिरकार जिन्हें मंत्री बनाया जाना है, उनके नाम फाइनल हो गए हैं.

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने देर शाम पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री से फोन पर चर्चा कर इन नामों को फाइनल किया है. वहीं प्रदेश बीजेपी कार्यालय में भी देर रात तक बैठक की गई है. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत, नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह मौजूद रहे है.

स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदीरी संभाल सकते हैं 'संकटमोचन'

शिवराज फिलहाल मंत्रियों को उन्हीं विभागों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जो जरूरी है. इसमें स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा, गृह राजस्व नगरीय विकास पंचायत, ग्रामीण विकास और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग शामिल हैं. शपथ के तुरंत बाद सीएम कोरोना वायरस बैठक भी मंत्रालय में करेंगे. जिन्हें मंत्री बनाया जाना है उनमें सबसे पहले नरोत्तम मिश्रा का नाम आता है. क्योंकि नरोत्तम मिश्रा केंद्र की पसंद की है और सरकार के संकटमोचक की भूमिका निभाते रहे हैं. मैनेजमेंट के महारथी और ऑपरेशन लोटस के तहत अपनी अहम भूमिका से इन्होंने अलग जगह बनाई है.

मीना सिंह भी हो सकती हैं शामिल

इसके बाद मीना सिंह का नाम आता है, जो आदिवासी वर्ग की एक बड़ी महिला चेहरा हैं.

कमल पटेल को मिल सकता है पद

इसके अलावा सीएम शिवराज सिंह चौहान की बड़ी समर्थक भी हैं. यह पहले भी मंत्री रह चुकी हैं. बीजेपी में पूर्व मंत्री रहे कमल पटेल की एक बार फिर मंत्री पद पर वापसी हो रही है. कमल पटेल ओबीसी वर्ग का एक बड़ा चेहरा माने जाते हैं.

तुलसी सिलावट हैं पसंद

इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत का नाम भी मंत्री पद के लिए फाइनल हुआ है. सिंधिया कैंप के यह दोनों ही नेता कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं. सरकार में रहते हुए उन्होंने अपना मंत्री पद छोड़ दिया था. कमलनाथ सरकार को सत्ता से हटाने में इनकी प्रमुख भूमिका रही है. तुलसीराम सिलावट मालवा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करते हैं और पूर्व सरकार में स्वास्थ्य मंत्री का दायित्व संभाल चुके हैं.

गोविंद सिंह राजपूत हो सकते हैं शामिल

वहीं दूसरी ओर बुंदेलखंड के बड़े नेता के रूप में गोविंद सिंह राजपूत का नाम सामने आता है, उन्होंने भी अपना मंत्री पद छोड़ दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए हैं. हालांकि इसके अलावा सिंधिया समर्थकों में और किसी भी नेता का नाम सामने नहीं आया है. जिसे मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. क्योंकि जिस तरह की परिस्थितियां चल रही हैं. उसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक छोटी कैबिनेट के तहत मात्र पांच मंत्रियों को ही शपथ दिलाने के मूड में है.

गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह पर संशय

लॉक डाउन खुल जाने के बाद ही पूर्ण रूप से मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. मंत्रिमंडल के सबसे कद्दावर और दावेदार पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के नाम पर फिलहाल संशय की स्थिति बनी हुई है. बताया जा रहा है कि सागर जिले से सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत का नाम फाइनल होने के बाद इन दोनों से कहा गया है कि उन्हें 3 मई के बाद ही मंत्री बनाया जाएगा.

जातिगत समीकरण को साधने की कोशिश

शिवराज की मिनी कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की गई है. ग्वालियर, चंबल ,बुंदेलखंड ,मालवा, इंदौर ,मध्य क्षेत्र से 1- 1 जनप्रतिनिधि को शामिल किया गया है. सिंधिया कोटे से दो तो भाजपा से तीन चेहरे शामिल किए गए हैं. तिगत समीकरण साधने के लिए ब्राह्मण, क्षत्रिय ,अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग से एक - एक नेता को मंत्री बनाया जा रहा है.

Last Updated : Apr 21, 2020, 12:27 PM IST
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