भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए अलग-अलग समाजों को साधने की कोशिश की जा रही है. मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कीर समाज के सम्मेलन में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 11 दिसंबर को मां पूरी बाई जयंती को धूमधाम से मनाने और इस दिन ऐच्छिक अवकाश घोषित करने का ऐलान किया है. सीएम ने कहा कि कीर समाज को एसटी वर्ग में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को अनुशंसा के साथ फिर से प्रस्ताव भेजा जाएगा.
इसके साथ ही कीर समाज द्वारा लंबे समय से सरकारी रिकॉर्ड में व्यवसाय परिवर्तन की मांग की जा रही है, इस संबंध में जल्द सरकारी रिकॉर्ड में सुधार किया जाएगा. शिवराज ने कहा कि कीर समाज के व्यवसाय परिवर्तन का मामला विचाराधीन है, आपका जो व्यवसाय वर्तमान में लिखा है, वह नहीं है. कीर समाज कृषि, कृषि मजदूरी, तेंदूपत्ता संग्रहण, महुआ बीनने आदि का काम करता है, जाति के सामने उनका वास्तविक व्यवसाय लिखे जाने की कार्रवाई की जाएगी.
कीर समाज के साथ कदम मिला कर चलेंगे शिवराज: कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "कीर समाज के साथ मेरा बचपन से ही संबंध रहा है, इन्हीं लोगों के बीच में खेलकद कर बड़ा हुआ हूं. कीर समाज के कल्याण उत्थान और समाज के बच्चों को आगे बढ़ने के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. कीर समाज के प्रतिभाशाली बच्चों की पढ़ाई में पैसे की कमी बाधा नहीं बनने दी जाएगी, ऐसे बच्चे यदि इंजीनियरिंग, मेडिकल या दूसरे किसी उच्च शिक्षा में एडमिशन लेंगे तो उनकी फीस उनका मामा शिवराज भरवाएगा. हमारी कोशिश है कि ऐसे बच्चे परंपरागत व्यवसाय के अलावा उद्योग धंधों की तरफ भी अपने कदम आगे बढ़ाएं, राज्य सरकार द्वारा उद्धव क्रांति योजना संचालित की जा रही है. इसके तहत उद्योग व्यापार के क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवाओं को ₹1लाख से लेकर 50 लाख तक का लोन दिलाया जाता है, जिस की गारंटी सरकार स्वयं लेती है."
सीएम बोले रिकॉर्ड में व्यवसाय बदलने का सर्वे पूरा हुआ: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "पिछले साल दिसंबर माह में कीर समाज के प्रतिनिधि मंडल ने उनसे मुलाकात की थी और बताया था कि समाज के लोगों के व्यवसाय के आगे मछली पकड़ना घरों में पानी भरना बर्तन साफ करने जैसे काम का उल्लेख किया गया है. जबकि अब हमारे समाज का काम खेती-बाड़ी करना है, उसको लेकर सर्वे करा लिया गया है और सर्वे रिपोर्ट भी सबमिट की जा चुकी है. जल्द ही कीर समाज की जाति के सामने उनका वास्तविक व्यवसाय लिखे जाने की कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा फिर से सर्वे करके अनुशंसा के साथ अनुसूचित जनजाति में समाज को शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, कीर समाज प्रदेश के डेढ़ दर्जन से ज्यादा जिलों में निवासरत है."