भोपाल(पीटीआई)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 1 जून को गौरव दिवस मनाया जा रहा है. गुरुवार से शुरू होने वाला समारोह 4 जून तक आयोजित किया जाएगा. इसमें हर तरह की कला, संस्कृति, फूड स्टॉल और खेलों से जुड़े आयोजन किए जाएंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि "भोपाल के लोगों को 'भोपाल गौरव दिवस' समारोह के तहत अगले साल 1 जून को छुट्टी मिलेगी. 1 जून, 1949 को देश को आजादी मिलने के लगभग 2 साल बाद भोपाल को शेष भारत में मिला दिया गया था."
भोपाल में गौरव दिवस कार्यक्रम का आयोजन: राज्य की राजधानी के स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिए एक समारोह को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि "भोपाल के इतिहास पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक शोध केंद्र स्थापित किया जाएगा." बता दें कि इस कार्यक्रम के दौरान भोपाल गेट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और 100 सफाई कर्मियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "एक जून 1949 को देश को आजादी मिलने के 2 साल बाद असंख्य लोगों के बलिदान और बहादुर पुरुषों के संघर्ष के कारण भोपाल शेष भारत का एक अविभाज्य हिस्सा बन गया."
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आहुति देने वालों के सम्मान में एक मशाल जलाई: सीएम शिवराज ने विलय के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों के सम्मान में एक मशाल जलाई. सीएम ने कहा कि "नई पीढ़ी इस बात से अनजान थी कि 15 अगस्त, 1947 को भोपाल का भारत में विलय नहीं हुआ, क्योंकि तत्कालीन नवाब ने भारत में विलय को स्वीकार करने से इंकार कर दिया था. नवाब के खिलाफ नर्मदा के किनारे रायसेन जिले के उदयपुर के पास बोरस से विरोध शुरू हुआ, जिसकी परिणति 1 जून, 1949 को भोपाल राज्य के भारत में शामिल होने से हुई."
कार्यक्रम में सारंग समेत मालती राय शामिल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "उद्धव दास मेहता, बालकृष्ण गुप्ता और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा को उनके संघर्ष और बोरास में विरोध प्रदर्शन के दौरान शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की. भोपाल के इतिहास पर केंद्रित एक शोध केंद्र भी स्थापित किया जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ियां शहर की पृष्ठभूमि से अवगत हों." इस अवसर पर मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, भोपाल की महापौर मालती राय और पूर्व महापौर आलोक शर्मा उपस्थित थे.
(PTI)