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संविधान का निर्माण सिर्फ अंबेडकर ने नहीं बल्कि संविधान सभा के सदस्यों ने किया था: शंकराचार्य

भोपाल दौरे पर आए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर मुद्दे और नागरिकता संशोधन बिल को लेकर केंद्र सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया है साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान का निर्माण अंबेडकर ने नहीं बल्कि संविधान सभा द्वारा किया गया था. जिसमें कई लोगों की कमेटी शामिल थी

Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
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Published : Jan 4, 2020, 9:47 AM IST

Updated : Jan 4, 2020, 10:44 AM IST

भोपाल| शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर मुद्दे और नागरिकता संशोधन बिल को लेकर केंद्र सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया है. इसके साथ ही उन्होंने भीमराव अंबेडकर पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि केवल संविधान का निर्माण उन्होंने नहीं किया था संविधान का निर्माण तो संविधान सभा द्वारा किया गया था जिसमें कई लोगों की कमेटी शामिल थी.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि पिछले दिनों इलाहाबाद माघ मेले में एक होल्डिंग लगाया गया था. जिसमें भगवान श्रीराम, भीमराव अंबेडकर और विवेकानंद के फोटो एक साथ लगाए गए थे यह गलत परिपाटी है. अंबेडकर और विवेकानंद महापुरुष है लेकिन भगवान श्रीराम हमारे आराध्य हैं उनकी तस्वीर महापुरुषों के बीच में लगाना सही नहीं है.

उन्होंने कहा कि अंबेडकर महापुरुष थे लेकिन संविधान का निर्माण सिर्फ उन्होंने नहीं किया था संविधान का निर्माण तो संविधान सभा के द्वारा किया गया था जिसमें कई लोगों की कमेटी शामिल थी और अंबेडकर उसका एक हिस्सा थे संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में बहुत से लोगों की तो चर्चा तक नहीं होती है.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि भीमराव अंबेडकर अकेले संविधान के निर्माता नहीं थे बल्कि एक संविधान सभा हुआ करती थी जिसके सामने राजनीतिक प्रस्ताव रखे जाते थे उसमें प्रत्येक वाक्य संविधान से जुड़ा हुआ उनके सामने रखा जाता था. वह उसे मंजूर करते थे तभी संविधान बनता था और सच बात तो यह है कि अंबेडकर भी उसमें शामिल थे जो ड्राफ्ट बनाते थे उनका भी अपना कोई एक वाक्य नहीं है. अंबेडकर का भी इसमें कोई वाक्य नहीं है कुछ फ्रांस से कुछ जर्मनी से कुछ इंग्लैंड से से वाक्यों को लाया गया और फिर यहां पर संविधान में जोड़ा गया ऐसी स्थिति में वह निर्माता कैसे हो सकते हैं यदि कोई पुस्तक लिखता है या फिर वह कई विषयों का संकलन एक पुस्तक में करता है तो वह उसका निर्माता कैसे हो सकता है

भगवान राम की ऊंची प्रतिमा पर क्या बोले शंकराचार्य
शंकराचार्य ने राम जन्मभूमि पर भगवान राम की ऊंची प्रतिमा स्थापित किए जाने के सरकार के निर्णय को भी गलत बताया है. उन्होंने कहा कि प्रतिमाएं तो महापुरुषों की बनती है हमारे आराध्य का तो मंदिर बनाया जाना चाहिए उसमें उनकी प्रतिमा स्थापित हो प्राण प्रतिष्ठा की जाए और विधि विधान से पूजन भी हो प्रतिमा में भगवान राम बालस्वरूप में माता कौशल्या की गोद में बैठे होने चाहिए क्योंकि यह उनकी जन्मभूमि है.

राम मंदिर निर्माण पर बोले शंकराचार्य
उन्होंने कहा कि रामालय न्यास को भगवान राम मंदिर के निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. राम जन्मभूमि पर ओंकार वाट मंदिर की तर्ज पर मंदिर का निर्माण होना चाहिए. अयोध्या में राम जन्म स्थान के दर्शन करने से पुण्य मिलता है अयोध्या हमारा महान तीर्थ है उस स्थान पर राजा विक्रमादित्य ने एक मंदिर बनाया था वह मंदिर दौड़ने के पहले तक बना रहा मुसलमानों का शासन भारत में आया उन्होंने ऐसा उन्माद खड़ा किया कि वह मस्जिद बन गई इसीलिए मंदिर को तोड़ दिया गया. जैसे ही भारत आजाद हुआ लोगों में उम्मीद जागी के अब राम मंदिर बनेगा. उन्होंने बताया कि राम मंदिर को लेकर कुछ मामला बिगड़ रहा है इसीलिए हम ने गृह मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा है अगर अवसर मिला तो हम सरकार से एक पैसा नहीं लेंगे.

राम भारत के नहीं बल्कि दुनिया के आर्दश
जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद महाराज ने बताया कि भगवान राम को केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में माना जाता है और उनकी पूजा-अर्चना की जाती है.

नागरिकता संशोधन बिल पर उनकी राय
जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा कि यह पार्टी का अपना प्रचार का तरीका है इस तरह के बिल्कुल आने की कोई जरूरत नहीं थी फिलहाल इस देश में ऐसी कोई आवश्यकता दिखाई नहीं दे रही थी किस प्रकार के कानून को बनाया जाए भारत पहले से ही कानून बना हुआ है कि जो इस देश का नागरिक नहीं है वह इस देश में नहीं रह सकता है उन्होंने कहा कि यदि अन्य किसी देश से कोई घुसपैठिया भारत में आ गया है और वह वोटर कार्ड बनवा कर रह रहा है तो फिर सरकार क्या कर रही है सरकार ने ऐसे लोगों को क्यों बाहर नहीं किया जब बाहर से आए घुसपैठिए भारी संख्या में देश में आकर जम गए तब आप कह रहे हैं कि अब सब की नागरिकता को चेक किया जाएगा बल्कि इस प्रकार का कुछ करने की जरूरत ही नहीं थी. उन्हें पहले ही नहीं आने देना था.

भोपाल| शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर मुद्दे और नागरिकता संशोधन बिल को लेकर केंद्र सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया है. इसके साथ ही उन्होंने भीमराव अंबेडकर पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि केवल संविधान का निर्माण उन्होंने नहीं किया था संविधान का निर्माण तो संविधान सभा द्वारा किया गया था जिसमें कई लोगों की कमेटी शामिल थी.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि पिछले दिनों इलाहाबाद माघ मेले में एक होल्डिंग लगाया गया था. जिसमें भगवान श्रीराम, भीमराव अंबेडकर और विवेकानंद के फोटो एक साथ लगाए गए थे यह गलत परिपाटी है. अंबेडकर और विवेकानंद महापुरुष है लेकिन भगवान श्रीराम हमारे आराध्य हैं उनकी तस्वीर महापुरुषों के बीच में लगाना सही नहीं है.

उन्होंने कहा कि अंबेडकर महापुरुष थे लेकिन संविधान का निर्माण सिर्फ उन्होंने नहीं किया था संविधान का निर्माण तो संविधान सभा के द्वारा किया गया था जिसमें कई लोगों की कमेटी शामिल थी और अंबेडकर उसका एक हिस्सा थे संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में बहुत से लोगों की तो चर्चा तक नहीं होती है.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि भीमराव अंबेडकर अकेले संविधान के निर्माता नहीं थे बल्कि एक संविधान सभा हुआ करती थी जिसके सामने राजनीतिक प्रस्ताव रखे जाते थे उसमें प्रत्येक वाक्य संविधान से जुड़ा हुआ उनके सामने रखा जाता था. वह उसे मंजूर करते थे तभी संविधान बनता था और सच बात तो यह है कि अंबेडकर भी उसमें शामिल थे जो ड्राफ्ट बनाते थे उनका भी अपना कोई एक वाक्य नहीं है. अंबेडकर का भी इसमें कोई वाक्य नहीं है कुछ फ्रांस से कुछ जर्मनी से कुछ इंग्लैंड से से वाक्यों को लाया गया और फिर यहां पर संविधान में जोड़ा गया ऐसी स्थिति में वह निर्माता कैसे हो सकते हैं यदि कोई पुस्तक लिखता है या फिर वह कई विषयों का संकलन एक पुस्तक में करता है तो वह उसका निर्माता कैसे हो सकता है

भगवान राम की ऊंची प्रतिमा पर क्या बोले शंकराचार्य
शंकराचार्य ने राम जन्मभूमि पर भगवान राम की ऊंची प्रतिमा स्थापित किए जाने के सरकार के निर्णय को भी गलत बताया है. उन्होंने कहा कि प्रतिमाएं तो महापुरुषों की बनती है हमारे आराध्य का तो मंदिर बनाया जाना चाहिए उसमें उनकी प्रतिमा स्थापित हो प्राण प्रतिष्ठा की जाए और विधि विधान से पूजन भी हो प्रतिमा में भगवान राम बालस्वरूप में माता कौशल्या की गोद में बैठे होने चाहिए क्योंकि यह उनकी जन्मभूमि है.

राम मंदिर निर्माण पर बोले शंकराचार्य
उन्होंने कहा कि रामालय न्यास को भगवान राम मंदिर के निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. राम जन्मभूमि पर ओंकार वाट मंदिर की तर्ज पर मंदिर का निर्माण होना चाहिए. अयोध्या में राम जन्म स्थान के दर्शन करने से पुण्य मिलता है अयोध्या हमारा महान तीर्थ है उस स्थान पर राजा विक्रमादित्य ने एक मंदिर बनाया था वह मंदिर दौड़ने के पहले तक बना रहा मुसलमानों का शासन भारत में आया उन्होंने ऐसा उन्माद खड़ा किया कि वह मस्जिद बन गई इसीलिए मंदिर को तोड़ दिया गया. जैसे ही भारत आजाद हुआ लोगों में उम्मीद जागी के अब राम मंदिर बनेगा. उन्होंने बताया कि राम मंदिर को लेकर कुछ मामला बिगड़ रहा है इसीलिए हम ने गृह मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा है अगर अवसर मिला तो हम सरकार से एक पैसा नहीं लेंगे.

राम भारत के नहीं बल्कि दुनिया के आर्दश
जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद महाराज ने बताया कि भगवान राम को केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में माना जाता है और उनकी पूजा-अर्चना की जाती है.

नागरिकता संशोधन बिल पर उनकी राय
जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा कि यह पार्टी का अपना प्रचार का तरीका है इस तरह के बिल्कुल आने की कोई जरूरत नहीं थी फिलहाल इस देश में ऐसी कोई आवश्यकता दिखाई नहीं दे रही थी किस प्रकार के कानून को बनाया जाए भारत पहले से ही कानून बना हुआ है कि जो इस देश का नागरिक नहीं है वह इस देश में नहीं रह सकता है उन्होंने कहा कि यदि अन्य किसी देश से कोई घुसपैठिया भारत में आ गया है और वह वोटर कार्ड बनवा कर रह रहा है तो फिर सरकार क्या कर रही है सरकार ने ऐसे लोगों को क्यों बाहर नहीं किया जब बाहर से आए घुसपैठिए भारी संख्या में देश में आकर जम गए तब आप कह रहे हैं कि अब सब की नागरिकता को चेक किया जाएगा बल्कि इस प्रकार का कुछ करने की जरूरत ही नहीं थी. उन्हें पहले ही नहीं आने देना था.

Intro:संविधान का निर्माण सिर्फ अंबेडकर ने नहीं किया था संविधान सभा से हुआ था निर्माण - शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती



भोपाल | भोपाल दौरे पर आए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर मुद्दे और नागरिकता संशोधन बिल को लेकर केंद्र सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया है तो वहीं उन्होंने भीमराव अंबेडकर पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि केवल संविधान का निर्माण उन्होंने नहीं किया था संविधान का निर्माण तो संविधान सभा के द्वारा किया गया था जिसमें कई लोगों की कमेटी शामिल थी


Body:मीडिया से बातचीत करते हुए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि पिछले दिनों इलाहाबाद माघ मेले में एक होल्डिंग लगाया गया था जिसमें भगवान श्री राम भीमराव अंबेडकर और विवेकानंद के फोटो एक साथ लगाए गए थे यह गलत परिपाटी है अंबेडकर और विवेकानंद महापुरुष है लेकिन भगवान श्रीराम हमारे आराध्य हैं उनकी तस्वीर महापुरुषों के बीच में लगाना सही नहीं है .
उन्होंने कहा कि अंबेडकर महापुरुष थे लेकिन संविधान का निर्माण सिर्फ उन्होंने नहीं किया था संविधान का निर्माण तो संविधान सभा के द्वारा किया गया था जिसमें कई लोगों की कमेटी शामिल थी और अंबेडकर उसका एक हिस्सा थे संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में बहुत से लोगों की तो चर्चा तक नहीं होती है . उन्होंने कहा कि भीमराव अंबेडकर अकेले संविधान के निर्माता नहीं है बल्कि एक संविधान सभा हुआ करती थी जिसके सामने राजनीतिक प्रस्ताव रखे जाते थे उसमें प्रत्येक वाक्य संविधान से जुड़ा हुआ उनके सामने रखा जाता था वह उसे मंजूर करते थे तभी संविधान बनता था और सच बात तो यह है कि अंबेडकर भी उसमें शामिल थे जो ड्राफ्ट बनाते थे उनका भी अपना कोई एक वाक्य नहीं है अंबेडकर का भी इसमें कोई वाक्य नहीं है कुछ फ्रांस से कुछ जर्मनी से कुछ इंग्लैंड से से वाक्यों को लाया गया और फिर यहां पर संविधान में जोड़ा गया ऐसी स्थिति में वह निर्माता कैसे हो सकते हैं यदि कोई पुस्तक लिखता है या फिर वह कई विषयों का संकलन एक पुस्तक में करता है तो वह उसका निर्माता कैसे हो सकता है


शंकराचार्य ने राम जन्मभूमि पर भगवान राम की ऊंची प्रतिमा स्थापित किए जाने के सरकार के निर्णय को भी गलत बताया उन्होंने कहा कि प्रतिमाएं तो महापुरुषों की बनती है हमारे आराध्य का तो मंदिर बनाया जाना चाहिए उसमें उनकी प्रतिमा स्थापित हो प्राण प्रतिष्ठा की जाए और विधि विधान से पूजन भी हो प्रतिमा में भगवान राम बालस्वरूप में माता कौशल्या की गोद में बैठे होने चाहिए क्योंकि यह उनकी जन्मभूमि है

राम मंदिर के निर्माण की सवाल पर उन्होंने कहा कि रामालय न्यास को भगवान राम मंदिर के निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए . राम जन्मभूमि पर ओंकार वाट मंदिर की तर्ज पर मंदिर का निर्माण होना चाहिए . अयोध्या में राम जन्म स्थान के दर्शन करने से पुण्य मिलता है अयोध्या हमारा महान तीर्थ है उस स्थान पर राजा विक्रमादित्य ने एक मंदिर बनाया था वह मंदिरदौड़ने के पहले तक बना रहा मुसलमानों का शासन भारत में आया उन्होंने ऐसा उन्माद खड़ा किया कि वह मस्जिद बन गई इसीलिए मंदिर को तोड दिया गया जैसे ही भारत आजाद हुआ लोगों में उम्मीद जागी के अब राम मंदिर बनेगा . उन्होंने बताया कि राम मंदिर को लेकर कुछ मामला बिगड़ रहा है इसीलिए हम ने गृह मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा है अगर अवसर मिला तो हम सरकार से एक पैसा नहीं लेंगे . .
जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद महाराज ने कहा कि भगवान राम को केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में माना जाता है और उनकी पूजा-अर्चना की जाती है . जिस तरह से राम के अस्तित्व को लेकर बातचीत की गई है वह गलत है , क्योंकि यदि राम नहीं होते तो फिर देश में रामनवमी पर छुट्टी घोषित क्यों की गई होती , फिर देश भर में दशहरा क्यों मनाया जाता इससे जाहिर होता है कि राम का अतीत इस देश से जुड़ा हुआ है .
वहीं सावरकर को लेकर उन्होंने साफ कर दिया कि हमारा उनसे कोई लेना देना नहीं है सावरकर हिंदूओ के प्रवक्ता या धर्माचार्य नहीं थे .

Conclusion:वही नागरिकता संशोधन बिल को लेकर उन्होंने कहा कि यह पार्टी का अपना प्रचार का तरीका है इस तरह के बिल्कुल आने की कोई जरूरत नहीं थी फिलहाल इस देश में ऐसी कोई आवश्यकता दिखाई नहीं दे रही थी किस प्रकार के कानून को बनाया जाए भारतपहले से ही कानून बना हुआ है कि जो इस देश का नागरिक नहीं है वह इस देश में नहीं रह सकता है उन्होंने कहा कि यदि अन्य किसी देश से कोई घुसपैठिया भारत में आ गया है और वह वोटर कार्ड बनवा कर रह रहा है तो फिर सरकार क्या कर रही है सरकार ने ऐसे लोगों को क्यों बाहर नहीं किया जब बाहर से आए घुसपैठिए भारी संख्या में देश में आकर जम गए तब आप कह रहे हैं कि अब सब की नागरिकता को चेक किया जाएगा बल्कि इस प्रकार का कुछ करने की जरूरत ही नहीं थी उन्हें पहले ही नहीं आने देना थाउन्होंने कहा कि कोई भी कानून हो लेकिन यदि उसे राजनीतिक रंग दे दिया जाए तो फिर बात बिगड़ जाती है .
वहीं उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ,अफगानिस्तान या बांग्लादेश में जो हिंदू लगातार प्रताड़ित हो रहे हैं और आप उन्हें इस कानून के तहत नागरिकता देना चाहते हैं तो यह तो आप पहले भी कर सकते थे आपको किसी ने नहीं रोका था . उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर सीधी सी बात यही है कि नागरिकता अलग है और धर्म अलग है उन्होंने कहा कि भारत में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं और सभी को नागरिकता का अधिकार प्राप्त हैयदि इसके बाद भी हम यह कहें कि हिंदू ही यहां का केवल नागरिक है तो यह ठीक नहीं है इस देश के संविधान के अनुसार देश में रहने वाला नागरिक अपने विचारों को व्यक्त कर सकता है इसमें कोई नई बात नहीं है .


उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून लाकर सरकार अब खुद जगह-जगह जाकर सफाई पेश कर रही है प्रधानमंत्री को भी जाकर सफाई देना पड़ रही है वह जगह-जगह जाकर बता रहे हैं कि यह सब झूठ है जो बात आपके द्वारा कही गई है अब जरूरत है कि आप उसका समाधान करें और इसके अलावा अन्य प्रदेशों में जहां इस कानून को लेकर लगातार विरोध हो रहा है उसमें बातचीत के द्वारा इन चीजों को हल किया जाए .उन्होंने कहा कि जब आपको मामला संभालना चाहिए था जब आपने मामला संभाला नहीं जब देश में चारों तरफ आग लगने लगी तब आप सफाई देते फिर रहे यह राजनीति नहीं है .
Last Updated : Jan 4, 2020, 10:44 AM IST
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