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राजधानी भोपाल में 150 साल पुरानी जर्जर इमारत गिरी, कई वाहन दबे

राजधानी भोपाल में सोमवार सुबह एक हादसा हो गया. जिसमें 6 से ज्यादा कारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. हादसे के बाद नगर निगम जांच की बात कर रहा है.

Half a dozen cars suppressed due to illegal recovery
150 साल पुरानी इमारत गिरी
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Published : Aug 31, 2020, 11:17 AM IST

भोपाल। राजधानी में 150 साल पुरानी नवाब कालिन मोती महल का एक हिस्सा सोमवार सुबह भरभरा कर गिर गया. हादसे में करीब 6 से ज्यादा कारें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. बताया जा रहा है कि यह कारें पार्किंग के नाम पर यहां खड़ी कराई गई थी. कार मालिकों से इसके लिए वसूली भी की गई थी.

150 साल पुरानी इमारत गिरी

भोपाल का मोती महल जो सदर मंजिल इमारत के सामने स्थित है. यहां पर नवाब काल के समय अदालत लगाई जाती थी. समय के साथ यह इमारत जर्जर हालात में आ गई. नगर निगम मोती महल के सामने खाली वाले हिस्से में बीते कुछ समय से पार्किंग चला रहा है.

जिसके चलते मोती महल के सामने बड़ी संख्या में गाड़ियां खड़ी होती हैं. हादसे के बाद इस पूरे मामले में अवैध पार्किंग का गोरखधंधा सामने आया है. बताया जा रहा है जिस कंपनी को नगर निगम ने ठेका दिया था, वह ठेका काफी पहले खत्म हो चुका है. इसके बाद भी यहां अवैध रूप से वसूली की जा रही थी.

गाड़ी मालिकों ने बताया कि यहां गाड़ी खड़ी करने के लिए 1000 से 1200 तक का भुगतान करना पड़ता है, उसके बदले में रसीद भी नहीं दी जाती थी. वहीं मामले को लेकर अपर आयुक्त शाश्वत मीणा का कहना है कि अवैध वसूली की जानकारी लगी है. इसमें जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि शहर में कई जर्जर इमारतें हैं, जो कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

भोपाल। राजधानी में 150 साल पुरानी नवाब कालिन मोती महल का एक हिस्सा सोमवार सुबह भरभरा कर गिर गया. हादसे में करीब 6 से ज्यादा कारें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. बताया जा रहा है कि यह कारें पार्किंग के नाम पर यहां खड़ी कराई गई थी. कार मालिकों से इसके लिए वसूली भी की गई थी.

150 साल पुरानी इमारत गिरी

भोपाल का मोती महल जो सदर मंजिल इमारत के सामने स्थित है. यहां पर नवाब काल के समय अदालत लगाई जाती थी. समय के साथ यह इमारत जर्जर हालात में आ गई. नगर निगम मोती महल के सामने खाली वाले हिस्से में बीते कुछ समय से पार्किंग चला रहा है.

जिसके चलते मोती महल के सामने बड़ी संख्या में गाड़ियां खड़ी होती हैं. हादसे के बाद इस पूरे मामले में अवैध पार्किंग का गोरखधंधा सामने आया है. बताया जा रहा है जिस कंपनी को नगर निगम ने ठेका दिया था, वह ठेका काफी पहले खत्म हो चुका है. इसके बाद भी यहां अवैध रूप से वसूली की जा रही थी.

गाड़ी मालिकों ने बताया कि यहां गाड़ी खड़ी करने के लिए 1000 से 1200 तक का भुगतान करना पड़ता है, उसके बदले में रसीद भी नहीं दी जाती थी. वहीं मामले को लेकर अपर आयुक्त शाश्वत मीणा का कहना है कि अवैध वसूली की जानकारी लगी है. इसमें जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि शहर में कई जर्जर इमारतें हैं, जो कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

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