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शासन के आदेश को डीजी ने बना दिया रद्दी, संविदाकर्मियों से कहा- कल से काम पर मत आना - गृह मंत्री बाला बच्चन

मुख्यमंत्री और सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों को SDRF के DG ने रद्दी की टोकरी में डाल दी, उन्होंने संविदा कर्मचारियों को एक सितंबर से काम पर नहीं आने का मौखिक आदेश दे दिया है.

संविदाकर्मी
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Published : Aug 31, 2019, 11:51 PM IST

भोपाल। अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने वाले संविदा कर्मचारियों की नौकरी पर संकट छा गया है. मुख्यमंत्री और सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों के बावजूद SDRF के DG नें संविदा कर्मचारियों को एक सितंबर से काम पर नहीं आने का मौखिक आदेश दे दिया है.

शासन के आदेश को डीजी ने बना दिया रद्दी

मौखिक आदेश से नाराज संविदाकर्मी गृह मंत्री बाला बच्चन के निवास पर पहुंचे और उन्हें संविदा अवधि बढा़ने के लिए ज्ञापन सौंपा. साथ ही उन्होंने शिकायत की है कि जबसे बरसात का मौसम आया है, उनसे जमकर काम कराया जा रहा है, पर पिछले 5 माह से वेतन नहीं दिया गया.


SDRF के गजट में स्पष्ट रुप से उल्लेख है कि तीन वर्ष की नौकरी के बाद दो वर्ष के लिए और बढ़ाया जायेगा, लेकिन महानिदेशक अपनी मन मर्जी से काम कर रहे हैं. 5 महीने से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है और न ही संविदा की अवधि बढा़ई जा रही है. 38 में से 11 कर्मचारियों की संविदा अवधि बढा़ दी गई है, बाकी 28 संविदा की अवधि समाप्त करने के मौखिक निर्देश दिये गये हैं.

सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश की अवहेलना
म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग ने 5 जून 2018 को एक संविदा नीति का आदेश जारी किया था, जिसमें उल्लेख था कि किसी भी संविदा कर्मचारी को हटाया नहीं जायेगा और सभी को नियमित किया जायेगा.

मुख्यमंत्री के निर्देशों की अवहेलना
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक अगस्त 2019 को मंत्रालय में सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक ली गई थी, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये गये थे कि किसी भी संविदा कर्मचारी को हटाया नहीं जायेगा.

मामले में गृह मंत्री बाला बच्चन ने संविदा कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात कर कोई रास्ता निकालेंगे.

भोपाल। अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने वाले संविदा कर्मचारियों की नौकरी पर संकट छा गया है. मुख्यमंत्री और सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों के बावजूद SDRF के DG नें संविदा कर्मचारियों को एक सितंबर से काम पर नहीं आने का मौखिक आदेश दे दिया है.

शासन के आदेश को डीजी ने बना दिया रद्दी

मौखिक आदेश से नाराज संविदाकर्मी गृह मंत्री बाला बच्चन के निवास पर पहुंचे और उन्हें संविदा अवधि बढा़ने के लिए ज्ञापन सौंपा. साथ ही उन्होंने शिकायत की है कि जबसे बरसात का मौसम आया है, उनसे जमकर काम कराया जा रहा है, पर पिछले 5 माह से वेतन नहीं दिया गया.


SDRF के गजट में स्पष्ट रुप से उल्लेख है कि तीन वर्ष की नौकरी के बाद दो वर्ष के लिए और बढ़ाया जायेगा, लेकिन महानिदेशक अपनी मन मर्जी से काम कर रहे हैं. 5 महीने से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है और न ही संविदा की अवधि बढा़ई जा रही है. 38 में से 11 कर्मचारियों की संविदा अवधि बढा़ दी गई है, बाकी 28 संविदा की अवधि समाप्त करने के मौखिक निर्देश दिये गये हैं.

सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश की अवहेलना
म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग ने 5 जून 2018 को एक संविदा नीति का आदेश जारी किया था, जिसमें उल्लेख था कि किसी भी संविदा कर्मचारी को हटाया नहीं जायेगा और सभी को नियमित किया जायेगा.

मुख्यमंत्री के निर्देशों की अवहेलना
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक अगस्त 2019 को मंत्रालय में सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक ली गई थी, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये गये थे कि किसी भी संविदा कर्मचारी को हटाया नहीं जायेगा.

मामले में गृह मंत्री बाला बच्चन ने संविदा कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात कर कोई रास्ता निकालेंगे.

Intro:भोपाल। भीषण प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भूकम्प,भूस्लखन जैसी आपदाओं में अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने वाले संविदा कर्मचारियों की नौकरी पर संकट आ गया है। इन संविदा कर्मचारियों को SDRF के अधिकारियों ने मौखिक रुप से बोल दिया गया है कि आपको 1 सितम्बर से आफिस नहीं आना है।जिससे नाराज होकर संविदा कर्मचारी गृहमंत्री बाला बच्चन के निवास पर पहुंचे और उन्हें संविदा बढा़ने के लिए ज्ञापन सौंपा। इन संविदा कर्मचारियों को पिछले 5 माह से वेतन नहीं मिला है, उसके बावजूद इन संविदा कर्मचारियों से जबसे बरसात आई है, तबसे दिन रात काम करवाया जा रहा है।लेकिन वेतन नहीं दिया जा रहा है,ना ही संविदा बढाई जा रही है ।

Body:राज्य आपदा आपातकालीन मोचनबल में 38 संविदा कर्मचारियों की भर्ती विधिवत् समाचार पत्रों में विज्ञापन निकालकर प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित कर वर्ष 2016 में भर्ती की गई थी ।
आपातकालीन मोचन बल का गठन विधिवत गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से किया गया था । गजट में स्पष्ट रुप से उल्लेख है कि इन संविदा कर्मचारियों की संविदा अवधि तीन वर्ष की नौकरी के बाद दो वर्ष के लिए और बढाई जायेगी । लेकिन आपदा मोचन बल के महानिदेशक अपनी मन मर्जी से कार्य करते हुये 5 महीने से संविदा कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे रहे हैं और संविदा भी नहीं बढा़ रहे हैं । 38 संविदा कर्मचारियों मे से 11 संविदा कर्मचारियों की संविदा बढा़ दी है शेष 28 संविदा कर्मचारियों की संविदा समाप्त करने के मौखिक निर्देश दे दिये गये हैं ।

जीएडी का आदेश की अवहेलना

म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने 5 जून 2018 को एक संविदा नीति का आदेश जारी किया था जिसमें उल्लेख था कि किसी भी संविदा कर्मचारी को हटाया नहीं जायेगा और नियमित किया जायेगा लेकिन आपदा मोचन बल के संविदा कर्मचारियों को जीएडी के आदेश का उल्लंघन कर हटाया जा रहा है ।


Conclusion:मुख्यमंत्री के निर्देशों की अवहेलना

मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा 1 अगस्त 2019 को मंत्रालय में सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक ली गई थी।जिसमें उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये गये थे कि किसी भी संविदा कर्मचारियों को हटाया नहीं जायेगा।उसके बावजूद संविदा कर्मचारियों को हटाने का फरमान SDRF के डीजी ने सुना दिया।गृहमंत्री बाला बच्चन ने संविदा कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि इस संबंध में वो मुख्यमंत्री से बात करेंगे ।
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