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प्रशासन के कई नियमों से परेशान मूर्तिकार, CM ने ट्वीट कर कहा 'शासन ने नहीं लगाई कोई पाबंदी'

प्रशासन ने कई तरह की शर्तें मूर्तिकार और झांकी स्थापना करने वालों के सामने रख दी हैं. जिसकी वजह से इन लोगों को कई तरह की परेशानी भी उठानी पड़ रही है.

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Published : Sep 25, 2019, 9:27 AM IST

प्रशासन के कई नियमों से परेशान मूर्तिकार

भोपाल| राजधानी के खटलापुरा घाट पर हुए हादसे के बाद प्रशासन ने कई तरह की शर्तें मूर्तिकार और झांकी स्थापना करने वालों के सामने रख दी हैं. जिसकी वजह से इन लोगों को कई तरह की परेशानी भी उठानी पड़ रही है. मूर्तिकारों को बार-बार प्रशासन की ओर से बैठक में बुलाया जा रहा है. उनसे कई तरह के फॉर्म भी भरवाए जा रहे हैं. जिसकी वजह से उन्हें मूर्ति का काम छोड़ कर जाना पड़ता है. वहीं प्रशासन ने झांकी बिठा रहे लोगों को भी कई तरह के फॉर्म दिए हैं, जिसमें उन्हें विभिन्न जानकारियां अपने संबंधित थाने को देनी है, लेकिन इस तरह की कसावट से लोगों में नाराजगी भी है.

प्रशासन के कई नियमों से परेशान मूर्तिकार

नवरात्रि शुरू होने में अब कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. ऐसी स्थिति में मूर्तिकार मूर्ति को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. वहीं प्रशासन ने एक दिन पहले ही मां दुर्गा की मूर्ति बना रहे मूर्तिकारों के साथ बैठक करते हुए कई तरह की हिदायत दी है. मूर्ति की ऊंचाई को लेकर प्रशासन ने पहले 6 फीट करने की बात कही थी, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के हस्तक्षेप के बाद अब इस विषय में कोई भी बात नहीं कर रहा है, लेकिन बैठक के दौरान मूर्ति बनाने वालों को जरूर राय दी गई थी कि बड़ी मूर्ति ना बनाएं. हालांकि मूर्तिकारों ने साफ कर दिया है कि मूर्तियां तो बनकर तैयार हो चुकी हैं, अब कुछ नहीं हो सकता. मूर्ति बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि इतनी महंगाई में लागत भी नहीं निकल पाती है और उसके बाद प्रशासन इस तरह के नए-नए नियम लेकर आ रहा है, जिससे उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है.

मूर्तिकार भारत सिंह प्रजापति का कहना है कि प्रशासन ने एक दिन पहले ही भोपाल में मूर्ति बनाने वाले सभी कारीगरों को बुलाया था और हिदायत दी थी कि 6 फीट से ज्यादा बड़ी मूर्ति ना बनाई जाए. मूर्तिकारों ने उन्हें पहले ही अपनी परेशानी बता दी है, उन्होंने कहा है कि कोशिश कीजिए कि ज्यादा बड़ी मूर्ति ना बने. अब जो बन चुकी है उसके लिए कुछ किया नहीं जा सकता है. मूर्तिकारों को इस बात की जानकारी नहीं है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मूर्ति की ऊंचाई को लेकर ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने सफाई दी है कि ऐसी कोई भी पाबंदी शासन ने नहीं लगाई है.

भोपाल| राजधानी के खटलापुरा घाट पर हुए हादसे के बाद प्रशासन ने कई तरह की शर्तें मूर्तिकार और झांकी स्थापना करने वालों के सामने रख दी हैं. जिसकी वजह से इन लोगों को कई तरह की परेशानी भी उठानी पड़ रही है. मूर्तिकारों को बार-बार प्रशासन की ओर से बैठक में बुलाया जा रहा है. उनसे कई तरह के फॉर्म भी भरवाए जा रहे हैं. जिसकी वजह से उन्हें मूर्ति का काम छोड़ कर जाना पड़ता है. वहीं प्रशासन ने झांकी बिठा रहे लोगों को भी कई तरह के फॉर्म दिए हैं, जिसमें उन्हें विभिन्न जानकारियां अपने संबंधित थाने को देनी है, लेकिन इस तरह की कसावट से लोगों में नाराजगी भी है.

प्रशासन के कई नियमों से परेशान मूर्तिकार

नवरात्रि शुरू होने में अब कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. ऐसी स्थिति में मूर्तिकार मूर्ति को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. वहीं प्रशासन ने एक दिन पहले ही मां दुर्गा की मूर्ति बना रहे मूर्तिकारों के साथ बैठक करते हुए कई तरह की हिदायत दी है. मूर्ति की ऊंचाई को लेकर प्रशासन ने पहले 6 फीट करने की बात कही थी, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के हस्तक्षेप के बाद अब इस विषय में कोई भी बात नहीं कर रहा है, लेकिन बैठक के दौरान मूर्ति बनाने वालों को जरूर राय दी गई थी कि बड़ी मूर्ति ना बनाएं. हालांकि मूर्तिकारों ने साफ कर दिया है कि मूर्तियां तो बनकर तैयार हो चुकी हैं, अब कुछ नहीं हो सकता. मूर्ति बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि इतनी महंगाई में लागत भी नहीं निकल पाती है और उसके बाद प्रशासन इस तरह के नए-नए नियम लेकर आ रहा है, जिससे उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है.

मूर्तिकार भारत सिंह प्रजापति का कहना है कि प्रशासन ने एक दिन पहले ही भोपाल में मूर्ति बनाने वाले सभी कारीगरों को बुलाया था और हिदायत दी थी कि 6 फीट से ज्यादा बड़ी मूर्ति ना बनाई जाए. मूर्तिकारों ने उन्हें पहले ही अपनी परेशानी बता दी है, उन्होंने कहा है कि कोशिश कीजिए कि ज्यादा बड़ी मूर्ति ना बने. अब जो बन चुकी है उसके लिए कुछ किया नहीं जा सकता है. मूर्तिकारों को इस बात की जानकारी नहीं है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मूर्ति की ऊंचाई को लेकर ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने सफाई दी है कि ऐसी कोई भी पाबंदी शासन ने नहीं लगाई है.

Intro:प्रशासन के कई नियमों से मूर्तिकार हो रहे हैं परेशान दिया जा रहा है मां दुर्गा को अंतिम रूप


भोपाल | राजधानी के खटला पुरा घाट पर हुए हादसे के बाद प्रशासन ने कई तरह की शर्तें मूर्तिकार और झांकी स्थापना करने वालों के सामने रख दी है जिसकी वजह से इन लोगों को कई तरह की परेशानी भी उठाना पड़ रही है मूर्ति कारों को बार-बार प्रशासन की ओर से बैठक में बुलाया जा रहा है उनसे कई तरह के फॉर्म भी भरवाए जा रहे हैं जिसकी वजह से उन्हें मूर्ति का काम छोड़ कर जाना पड़ता है वही प्रशासन ने झांकी बिठा रहे लोगों को भी कई तरह के फॉर्म दिए हैं जिसमें उन्हें विभिन्न जानकारियां अपने संबंधित थाने को देनी है लेकिन इस तरह की कसावट से लोगों में नाराजगी भी है


Body:नवदुर्गा को शुरू होने में अब कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं ऐसी स्थिति में मूर्तिकार मूर्ति को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है वहीं प्रशासन ने एक दिन पहले ही मां दुर्गा की मूर्ति बना रहे मूर्ति कारों के साथ बैठक करते हुए कई तरह के हिदायत दी हैं हालांकि मूर्ति की ऊंचाई को लेकर प्रशासन ने पहले 6 फीट करने की बात कही थी लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के हस्तक्षेप के बाद अब इस विषय में कोई भी बात नहीं कर रहा है लेकिन बैठक के दौरान मूर्ति बनाने वालों को जरूर ही राय दी गई थी कि बड़ी मूर्ति ना बनाएं लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि मूर्तियां तो बनकर तैयार हो चुके हैं अब कुछ नहीं हो सकता है मूर्ति बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि इतनी महंगाई में लागत भी नहीं निकल पाती है और उसके बाद प्रशासन इस तरह के नए नए नियम लेकर आ रहा है जिससे हम जैसे लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है


Conclusion:मूर्तिकार भारत सिंह प्रजापति का कहना है कि प्रशासन ने एक दिन पहले ही भोपाल में मूर्ति बनाने वाले सभी कारीगरों को बुलाया था और हिदायत दी थी कि 6 फीट से ज्यादा बड़ी मूर्ति ना बनाई जाए हालांकि हमने उन्हें पहले ही अपनी परेशानी बता दी है उन्होंने कहा है कि कोशिश कीजिए कि ज्यादा बड़ी मूर्ति ना बने अब जो बन चुकी हैं उसके लिए कुछ किया नहीं जा सकता है .


उन्होंने कहा कि प्रशासन को यदि किसी प्रकार का नियम लेकर आना भी है तो इसके लिए उसे 6 महीने का समय देना चाहिए क्योंकि मां दुर्गा की मूर्तियों का काम हम सभी कारीगरों के द्वारा जून के महीने से ही शुरू कर दिया जाता है ऐसी स्थिति में अब तो सभी मूर्तियां बनकर तैयार हो चुके हैं हालांकि हमने प्रशासन के सामने प्रस्ताव रखा है कि यदि मूर्तियों को लेकर किसी प्रकार की व्यवस्था बनानी भी है तो इसको अगले वर्ष तक के लिए स्थगित किया जाए . उन्होंने कहा कि हम तो छोटी मूर्तियां बनाने के लिए तैयार हैं लेकिन लोग बड़ी मूर्तियों की मांग करते हैं करीब 15 से 20 फीट तक की मूर्तियां दुर्गा उत्सव में बनाई जाती हैं यदि हम नहीं बनाएंगे तो फिर समिति के लोग दूसरी जगह से मूर्ति लेकर आ जाएंगे इससे कहीं ना कहीं हमारे ही नुकसान होगा यही वजह है कि मजबूरी में हमें बड़ी मूर्तियां बनाना ही पड़ती हैं .


हालांकि मूर्ति कारों को इस बात की जानकारी नहीं है कि मुख्यमंत्री के द्वारा मूर्ति की ऊंचाई को लेकर ट्वीट किया गया है जिसमें उन्होंने सफाई दी है कि ऐसी कोई भी पाबंदी शासन ने नहीं लगाई है .
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