भोपाल| राजधानी के खटलापुरा घाट पर हुए हादसे के बाद प्रशासन ने कई तरह की शर्तें मूर्तिकार और झांकी स्थापना करने वालों के सामने रख दी हैं. जिसकी वजह से इन लोगों को कई तरह की परेशानी भी उठानी पड़ रही है. मूर्तिकारों को बार-बार प्रशासन की ओर से बैठक में बुलाया जा रहा है. उनसे कई तरह के फॉर्म भी भरवाए जा रहे हैं. जिसकी वजह से उन्हें मूर्ति का काम छोड़ कर जाना पड़ता है. वहीं प्रशासन ने झांकी बिठा रहे लोगों को भी कई तरह के फॉर्म दिए हैं, जिसमें उन्हें विभिन्न जानकारियां अपने संबंधित थाने को देनी है, लेकिन इस तरह की कसावट से लोगों में नाराजगी भी है.
नवरात्रि शुरू होने में अब कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. ऐसी स्थिति में मूर्तिकार मूर्ति को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. वहीं प्रशासन ने एक दिन पहले ही मां दुर्गा की मूर्ति बना रहे मूर्तिकारों के साथ बैठक करते हुए कई तरह की हिदायत दी है. मूर्ति की ऊंचाई को लेकर प्रशासन ने पहले 6 फीट करने की बात कही थी, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के हस्तक्षेप के बाद अब इस विषय में कोई भी बात नहीं कर रहा है, लेकिन बैठक के दौरान मूर्ति बनाने वालों को जरूर राय दी गई थी कि बड़ी मूर्ति ना बनाएं. हालांकि मूर्तिकारों ने साफ कर दिया है कि मूर्तियां तो बनकर तैयार हो चुकी हैं, अब कुछ नहीं हो सकता. मूर्ति बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि इतनी महंगाई में लागत भी नहीं निकल पाती है और उसके बाद प्रशासन इस तरह के नए-नए नियम लेकर आ रहा है, जिससे उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है.
मूर्तिकार भारत सिंह प्रजापति का कहना है कि प्रशासन ने एक दिन पहले ही भोपाल में मूर्ति बनाने वाले सभी कारीगरों को बुलाया था और हिदायत दी थी कि 6 फीट से ज्यादा बड़ी मूर्ति ना बनाई जाए. मूर्तिकारों ने उन्हें पहले ही अपनी परेशानी बता दी है, उन्होंने कहा है कि कोशिश कीजिए कि ज्यादा बड़ी मूर्ति ना बने. अब जो बन चुकी है उसके लिए कुछ किया नहीं जा सकता है. मूर्तिकारों को इस बात की जानकारी नहीं है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मूर्ति की ऊंचाई को लेकर ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने सफाई दी है कि ऐसी कोई भी पाबंदी शासन ने नहीं लगाई है.