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MP में कोविड, ब्लैक फंगस और डेंगू के बाद अब स्क्रब टाइफस का खतरा, छह साल के बच्चे की मौत, जानें इससे बचाव के उपाय - स्क्रब टाइफस की वैक्सीन

एमपी में स्क्रब टाइफस से एक छह साल के बच्चे की मौत हो गई है. ब्लैक फंगस, कोविड और डेंगू के बाद एमपी के लोगों पर अब स्क्रब टाइफस का खतरा मंडरा रहा है.

scrub typhus
स्क्रब टाइफस
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Published : Sep 5, 2021, 8:59 AM IST

Updated : Sep 5, 2021, 10:24 AM IST

भोपाल। कोविड (Covid), ब्लैक फंगस (Black fungus) और डेंगू (Dengue) के बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पर अब स्क्रब टाइफस (scrub typhus) बीमारी का खतरा मंडरा रहा है. इस बीमारी का शिकार हुए एक 6 साल के बच्चे भूपेंद्र नोरिया की जबलपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई. रायसेन के इस बच्चे ने 15 अगस्त को अस्पताल में दम तोड़ा था. नोरिया में स्क्रब टायफस की पुष्टि हुई है. इस बीमारी में व्यक्ति को पहले ठंड लगती है और फिर बुखार आता है. समय पर इलाज न कराने पर यह बिगड़ जाता है.

इनसे फैलता है स्क्रब टाइफस (Spreading of Scrub Typhus)

स्क्रब टाइफस जिला प्रभारी डॉक्टर गुंजन सिंह के अनुसार यह लगभग 200 साल पुरानी बीमारी है, जो चूहा, छछून्दर, गिलहरी और खरगोश से फैलती है. इस बीमारी के लक्षण में मरीज को तेज बुखार इसके अलावा सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस फूलना, खांसी आना और उल्टी होना हैं. कुछ मामलों में शरीर पर सूखे चकते भी हो सकते हैं. चिकित्सकों के अनुसार इससे बचने के लिए खेतों में काम करते समय हाथ-पैर को ढक कर रखना चाहिए, साफ सफाई का पालन करना चाहिए. वहीं सीएमएचओ का कहना है कि लोगों को इसके प्रति जागरूक रहना चाहिए ताकि इस बीमारी से बचा जा सके.

क्या होता है स्क्रब टाइफस ? (What is Scrub Typhus)

स्क्रब टाइफस एक जीवाणुजनित संक्रमण है जो लोगों की मौत की वजह बनता है, जिसके लक्षण कुछ-कुछ चिकनगुनिया जैसे ही होते हैं. स्क्रब टाइफस पिस्सुओं के काटने से फैलता है. पिस्सू चूहे छछून्दर गिलहरी और खरगोश के शरीर पर चिपककर इंसानों के घरों में पहुंचते हैं. पिस्सुओं के इंसानों को काटते ही उसके लार में मौजूद जीवाणु रक्त में फैल जाता है. इसकी वजह से लीवर, दिमाग और फेफड़ों में कई तरह के संक्रमण होने लगते हैं.

स्क्रब टाइफस के लक्षण (Symptoms of Scrub Typhus)

स्क्रब टाइफस होने से मरीज को तेज बुखार आता है, जिसमें शरीर का तापमान 104 से 105 तक जा सकता है. तेज बुखार के साथ- साथ जोड़ों में दर्द, शरीर में ऐंठन और शरीर टूटना जैसे लक्षण पाए जाते हैं. इसके साथ ही संक्रमण बढ़ने पर बाजू और कूल्हों के नीचे गिल्टिंयां हो जाती हैं.

क्या स्क्रब टाइफस की वैक्सीन है? (Vaccine of Scrub Typhus)

अभी तक इस बीमारी से बचाने के लिए टीका नहीं बन पाया है. पीड़ित को एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन दी जाती हैं. शुरुआत में ही डॉक्सीसाइक्लिन से इलाज कराने वाले मरीज आमतौर पर जल्दी ठीक हो जाते हैं. यदि बच्चों के साथ रहते हैं, तो उनके हाथ-पैरों को ढंक कर रखें. छोटे बच्चों को मच्छरदानी में रखें. बच्चों के चेहरे पर कीड़े भगाने वाली क्रीम भी लगा सकते हैं. यदि आपको कोई भी कीड़ा काट ले, तो तुरंत साफ पानी से उस हिस्से को धोकर एंटीबायोटिक दवा लगा लें।

मप्र में अब 'स्क्रब टाइफस' की दस्तक, पन्ना में 4 मरीज मिले

कैसे बचे स्क्रब टाइफस से ? (Protection Against Scrub Typhus)

  • संक्रमित घुन और पिस्सुओं से बचाव के लिए शरीर पर लगाने वाली क्रीम रिपेलेन्ट का उपयोग करें.
  • खेत, जंगल, झाडिय़ों में जब भी जाएं पूरे कपड़े पहन कर जाएं. खुले स्थान पर घुन या पिस्सू न काट सकें, इसके लिए संबंधित क्रीम लगाएं.
  • प्रभावित क्षेत्रों में घास फूस और झाड़ियों पर बैठें या सोएं नहीं.
  • घर के आसपास की घास फूस और झाड़ियों को काट कर जला दें.
  • घर मे साफ साफाई रखे, खाने को खुला न रखें.
  • शरीर को साबुन से धोएं और मोटे कपड़े से रगड़कर साफ करें.
  • चूहों से दूरी बना कर रखें.

भोपाल। कोविड (Covid), ब्लैक फंगस (Black fungus) और डेंगू (Dengue) के बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पर अब स्क्रब टाइफस (scrub typhus) बीमारी का खतरा मंडरा रहा है. इस बीमारी का शिकार हुए एक 6 साल के बच्चे भूपेंद्र नोरिया की जबलपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई. रायसेन के इस बच्चे ने 15 अगस्त को अस्पताल में दम तोड़ा था. नोरिया में स्क्रब टायफस की पुष्टि हुई है. इस बीमारी में व्यक्ति को पहले ठंड लगती है और फिर बुखार आता है. समय पर इलाज न कराने पर यह बिगड़ जाता है.

इनसे फैलता है स्क्रब टाइफस (Spreading of Scrub Typhus)

स्क्रब टाइफस जिला प्रभारी डॉक्टर गुंजन सिंह के अनुसार यह लगभग 200 साल पुरानी बीमारी है, जो चूहा, छछून्दर, गिलहरी और खरगोश से फैलती है. इस बीमारी के लक्षण में मरीज को तेज बुखार इसके अलावा सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस फूलना, खांसी आना और उल्टी होना हैं. कुछ मामलों में शरीर पर सूखे चकते भी हो सकते हैं. चिकित्सकों के अनुसार इससे बचने के लिए खेतों में काम करते समय हाथ-पैर को ढक कर रखना चाहिए, साफ सफाई का पालन करना चाहिए. वहीं सीएमएचओ का कहना है कि लोगों को इसके प्रति जागरूक रहना चाहिए ताकि इस बीमारी से बचा जा सके.

क्या होता है स्क्रब टाइफस ? (What is Scrub Typhus)

स्क्रब टाइफस एक जीवाणुजनित संक्रमण है जो लोगों की मौत की वजह बनता है, जिसके लक्षण कुछ-कुछ चिकनगुनिया जैसे ही होते हैं. स्क्रब टाइफस पिस्सुओं के काटने से फैलता है. पिस्सू चूहे छछून्दर गिलहरी और खरगोश के शरीर पर चिपककर इंसानों के घरों में पहुंचते हैं. पिस्सुओं के इंसानों को काटते ही उसके लार में मौजूद जीवाणु रक्त में फैल जाता है. इसकी वजह से लीवर, दिमाग और फेफड़ों में कई तरह के संक्रमण होने लगते हैं.

स्क्रब टाइफस के लक्षण (Symptoms of Scrub Typhus)

स्क्रब टाइफस होने से मरीज को तेज बुखार आता है, जिसमें शरीर का तापमान 104 से 105 तक जा सकता है. तेज बुखार के साथ- साथ जोड़ों में दर्द, शरीर में ऐंठन और शरीर टूटना जैसे लक्षण पाए जाते हैं. इसके साथ ही संक्रमण बढ़ने पर बाजू और कूल्हों के नीचे गिल्टिंयां हो जाती हैं.

क्या स्क्रब टाइफस की वैक्सीन है? (Vaccine of Scrub Typhus)

अभी तक इस बीमारी से बचाने के लिए टीका नहीं बन पाया है. पीड़ित को एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन दी जाती हैं. शुरुआत में ही डॉक्सीसाइक्लिन से इलाज कराने वाले मरीज आमतौर पर जल्दी ठीक हो जाते हैं. यदि बच्चों के साथ रहते हैं, तो उनके हाथ-पैरों को ढंक कर रखें. छोटे बच्चों को मच्छरदानी में रखें. बच्चों के चेहरे पर कीड़े भगाने वाली क्रीम भी लगा सकते हैं. यदि आपको कोई भी कीड़ा काट ले, तो तुरंत साफ पानी से उस हिस्से को धोकर एंटीबायोटिक दवा लगा लें।

मप्र में अब 'स्क्रब टाइफस' की दस्तक, पन्ना में 4 मरीज मिले

कैसे बचे स्क्रब टाइफस से ? (Protection Against Scrub Typhus)

  • संक्रमित घुन और पिस्सुओं से बचाव के लिए शरीर पर लगाने वाली क्रीम रिपेलेन्ट का उपयोग करें.
  • खेत, जंगल, झाडिय़ों में जब भी जाएं पूरे कपड़े पहन कर जाएं. खुले स्थान पर घुन या पिस्सू न काट सकें, इसके लिए संबंधित क्रीम लगाएं.
  • प्रभावित क्षेत्रों में घास फूस और झाड़ियों पर बैठें या सोएं नहीं.
  • घर के आसपास की घास फूस और झाड़ियों को काट कर जला दें.
  • घर मे साफ साफाई रखे, खाने को खुला न रखें.
  • शरीर को साबुन से धोएं और मोटे कपड़े से रगड़कर साफ करें.
  • चूहों से दूरी बना कर रखें.
Last Updated : Sep 5, 2021, 10:24 AM IST
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