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पहले दिन सरकारी स्कूलों में उदासीनता, निजी स्कूलों में दिखा उत्साह, 'एक दिन-एक क्लास-50% छात्र' का फॉर्मूला

मध्य प्रदेश में सोमवार से फिर से स्कूल खोल दिए गए हैं. शुरुआत में 11वीं और 12वीं क्लास के बच्चों के लिए स्कूल खोले गए. एक दिन में एक ही क्लास और 50 फीसदी बच्चों के फॉर्मूले के साथ एमपी में स्कूल खोले गए हैं.

मध्य प्रदेश में खुले स्कूल
मध्य प्रदेश में खुले स्कूल
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Published : Jul 26, 2021, 8:43 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना के दूसरी लहर के बाद बंद हुए स्कूल सोमवार से फिर खोल दिए गए हैं. स्कूल खुलने के बाद पहले दिन प्रदेश के स्कूलों में कहीं भीड़ तो कहीं सन्नाटा नजर आया. ज्यादतर निजी स्कूलों में बच्चों की भीड़ दिखाई दी, तो सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या कम या न की बराबर ही रही. राजधानी भोपाल में कलेक्टर अविनाश लवानिया पुराने सुभाष एक्सीलेंस स्कूल पहुंचे और तैयारियों की निरीक्षण किया. इस दौरान कलेक्टर ने बच्चों के माता-पिता द्वारा दिए गए अनुमति पत्र भी देखे.

भोपाल में कलेक्टर ने लिया स्कूल का जायजा

इंदौर में कम बच्चे पहुंचे स्कूल

इंदौर में पहले दिन कम ही बच्चे स्कूल पहुंचे. इंदौर में बारिश के कारण कई स्कूलों में पहले दिन बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही. शहर के निजी स्कूलों में छात्र कम नजर आए. तो वहीं सरकारी स्कूलों में छात्र न के बराबर ही नजर आए. शहर के शासकीय संयोगितागंज बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य नीलम दीक्षित ने बताया कि बच्चों को 12 बजे उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन पहले दिन बच्चों की संख्या काफी कम रही.

इंदौर में पूरी तैयारी के साथ खुले स्कूल, कम बच्चे आए नजर

ग्वालियर में बच्चे नजर आए उत्साहित

इधर ग्वालियर में स्कूल पहुंचे बच्चे काफी उत्साहित नजर आए. शहर के शासकीय जीवाजी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पहले दिन कम छात्र ही नजर आए. स्कूल में कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाया गया. छात्रों के आने से पहले क्लासरूम को सैनेटाइज करवाया गया. छात्रों का कहना था कि ऑनलाइन क्लास में कई बार नेटवर्क की दिक्कतों की वजह से अच्छे से पढ़ाई नहीं हो पाती थी. बच्चों ने स्कूल फिर से खुलने पर खुशी जाहिर की.

ग्वालियर में कम बच्चे पहुंचे स्कूल

जबलपुर में शिक्षकों में नहीं दिखा उत्साह

इधर जबलपुर में स्कूल खुलने के पहले दिन बच्चे काफी उत्साहित नजर आए. हालांकि स्कूल खोलने की तैयारियां कमजोर नजर आई. शहर के पंडित लज्जा शंकर झा मॉडल हाईस्कूल में पहले दिन बच्चे स्कूल खुलने से पहले ही पहुंच गए, जबकि कई शिक्षक लेटलतीफी करते हुए स्कूल खुलने के बाद पहुंचे. स्कूल में बच्चों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करवाया गया. ऐसा ही हाल शहर के इस्लामिया स्कूल में भी देखने को मिला.

जबलपुर में दिखा मिलाजुला असर

छिंदवाड़ा के एक स्कूल में नहीं आया कोई छात्र

छिंदवाड़ा में सरकारी स्कूल में पहले दिन बच्चों की संख्या काफी कम रही. शहर के शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक भी छात्र नहीं आया, जबकि इस स्कूल में 600 बच्चे रजिस्टर्ड है. वहीं उत्कृष्ट स्कूल छिंदवाड़ा सिर्फ 25 बच्चे ही स्कूल पहुंचे. पहले दिन निजी स्कूलों में जरूर बच्चों की संख्या ज्यादा नजर आई.

छिंदवाड़ा में भी कम बच्चे पहुंचे स्कूल

स्कूल चले हम! MP में 11वीं और 12वीं के स्कूल खुले, बच्चों का मास्क और सैनिटाइजर से हुआ स्वागत

एक दिन में सिर्फ एक क्लास, 50 फीसदी छात्र

मध्य प्रदेश में स्कूलों को खोलने के लिए सरकार ने गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत शुरुआत में 11वीं और 12वीं के स्कूलों को खोला गया है. गाइडलाइन के अनुसार एक छात्र हफ्ते में एक ही दिन स्कूल आएगा. इसमें 12वीं के 50 फीसदी छात्रों को सोमवार को और 50 फीसदी छात्रों को गुरुवार को बुलाया जाएगा. वहीं 11वीं के 50 फीसदी छात्रों को मंगलवार और 50 फीसदी छात्रों को शुक्रवार को बुलाया गया है.

क्या-क्या है नियम ?

सरकार के आदेश के अनुसार स्कूल में थर्मल स्कैनिंग, पल्स ऑक्सीमीटर, सैनेटाइजर की व्यवस्था करना अनिवार्य है. स्कूल परिसर में इधर-उधर थूकने पर पाबंदी है. एक बेंच पर एक छात्र को बैठाया जाएगा. दो बेंच के बीच में कम से कम 6 फीट की दूरी रखी जाएगी. बच्चे खाने-पीने की चीजे एक दूसरे से नहीं बांट पाएंगे. स्कूलों में बायोमैट्रिक अटेंडेंस नहीं होगी.

भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना के दूसरी लहर के बाद बंद हुए स्कूल सोमवार से फिर खोल दिए गए हैं. स्कूल खुलने के बाद पहले दिन प्रदेश के स्कूलों में कहीं भीड़ तो कहीं सन्नाटा नजर आया. ज्यादतर निजी स्कूलों में बच्चों की भीड़ दिखाई दी, तो सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या कम या न की बराबर ही रही. राजधानी भोपाल में कलेक्टर अविनाश लवानिया पुराने सुभाष एक्सीलेंस स्कूल पहुंचे और तैयारियों की निरीक्षण किया. इस दौरान कलेक्टर ने बच्चों के माता-पिता द्वारा दिए गए अनुमति पत्र भी देखे.

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इंदौर में कम बच्चे पहुंचे स्कूल

इंदौर में पहले दिन कम ही बच्चे स्कूल पहुंचे. इंदौर में बारिश के कारण कई स्कूलों में पहले दिन बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही. शहर के निजी स्कूलों में छात्र कम नजर आए. तो वहीं सरकारी स्कूलों में छात्र न के बराबर ही नजर आए. शहर के शासकीय संयोगितागंज बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य नीलम दीक्षित ने बताया कि बच्चों को 12 बजे उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन पहले दिन बच्चों की संख्या काफी कम रही.

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ग्वालियर में बच्चे नजर आए उत्साहित

इधर ग्वालियर में स्कूल पहुंचे बच्चे काफी उत्साहित नजर आए. शहर के शासकीय जीवाजी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पहले दिन कम छात्र ही नजर आए. स्कूल में कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाया गया. छात्रों के आने से पहले क्लासरूम को सैनेटाइज करवाया गया. छात्रों का कहना था कि ऑनलाइन क्लास में कई बार नेटवर्क की दिक्कतों की वजह से अच्छे से पढ़ाई नहीं हो पाती थी. बच्चों ने स्कूल फिर से खुलने पर खुशी जाहिर की.

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जबलपुर में शिक्षकों में नहीं दिखा उत्साह

इधर जबलपुर में स्कूल खुलने के पहले दिन बच्चे काफी उत्साहित नजर आए. हालांकि स्कूल खोलने की तैयारियां कमजोर नजर आई. शहर के पंडित लज्जा शंकर झा मॉडल हाईस्कूल में पहले दिन बच्चे स्कूल खुलने से पहले ही पहुंच गए, जबकि कई शिक्षक लेटलतीफी करते हुए स्कूल खुलने के बाद पहुंचे. स्कूल में बच्चों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करवाया गया. ऐसा ही हाल शहर के इस्लामिया स्कूल में भी देखने को मिला.

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छिंदवाड़ा के एक स्कूल में नहीं आया कोई छात्र

छिंदवाड़ा में सरकारी स्कूल में पहले दिन बच्चों की संख्या काफी कम रही. शहर के शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक भी छात्र नहीं आया, जबकि इस स्कूल में 600 बच्चे रजिस्टर्ड है. वहीं उत्कृष्ट स्कूल छिंदवाड़ा सिर्फ 25 बच्चे ही स्कूल पहुंचे. पहले दिन निजी स्कूलों में जरूर बच्चों की संख्या ज्यादा नजर आई.

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एक दिन में सिर्फ एक क्लास, 50 फीसदी छात्र

मध्य प्रदेश में स्कूलों को खोलने के लिए सरकार ने गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत शुरुआत में 11वीं और 12वीं के स्कूलों को खोला गया है. गाइडलाइन के अनुसार एक छात्र हफ्ते में एक ही दिन स्कूल आएगा. इसमें 12वीं के 50 फीसदी छात्रों को सोमवार को और 50 फीसदी छात्रों को गुरुवार को बुलाया जाएगा. वहीं 11वीं के 50 फीसदी छात्रों को मंगलवार और 50 फीसदी छात्रों को शुक्रवार को बुलाया गया है.

क्या-क्या है नियम ?

सरकार के आदेश के अनुसार स्कूल में थर्मल स्कैनिंग, पल्स ऑक्सीमीटर, सैनेटाइजर की व्यवस्था करना अनिवार्य है. स्कूल परिसर में इधर-उधर थूकने पर पाबंदी है. एक बेंच पर एक छात्र को बैठाया जाएगा. दो बेंच के बीच में कम से कम 6 फीट की दूरी रखी जाएगी. बच्चे खाने-पीने की चीजे एक दूसरे से नहीं बांट पाएंगे. स्कूलों में बायोमैट्रिक अटेंडेंस नहीं होगी.

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