भोपाल। लॉकडाउन के बाद जैसे-जैसे अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई, वैसे-वैसे हर जगह जीवन सुचारु रुप से शुरू होने लगा. लेकिन तीसरी लहर और डेल्टा प्लस के खतरे को लेकर अभी भी सरकार स्कूलों को खोलने के निर्णय पर मुहर नहीं लगा पाई है. मध्य प्रदेश में स्कूल कॉलेज अभी भी बंद है और ऐसे में जुलाई के पहले सप्ताह में इनको खोले जाने की उम्मीद जताई जा रही है. इसकी मांग को लेकर तमाम Private School Association भी एकजुट है. प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन जल्द से जल्द स्कूल खोलने की मांग कर रही है, तो शिक्षक पालक संघ का भी कहना है कि स्कूल खोले जाएं लेकिन कुछ नियमों के साथ.
- कुछ नियमों के साथ खुल सकते है स्कूल
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है कि उन्होंने 1 जुलाई से स्कूल खोलने को लेकर पहले भी शिक्षा मंत्री और तमाम लोगों से मुलाकात की है. अजीत सिंह का कहना है कि एक ओर करोना काल में प्राइवेट स्कूलों को कई तरह से हानि हुई है और अब बच्चों की पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है. ऐसे में जल्द से जल्द स्कूल खोले जाने की मांग की है. सरकार से हुई चर्चा में पिछले दिनों यह सहमति बनी थी की कुछ नियमों के साथ स्कूल खोले जा सकते हैं.
- पालक संघ का सुझाव खोले जाए स्कूल
करोना की तीसरी लहर का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों पर है, ऐसे में पालक संघ सावधानी के साथ स्कूल खोले जाने की मांग कर रहा है. इन्होंने सरकार को कई सुझाव भी दिए हैं. जिसके तहत पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन ही की जानी चाहिए. जबकि छठवीं से लेकर आठवीं तक के बच्चों को सप्ताह में एक या दो दिन ही स्कूल बुलाया जाना चाहिए. वहीं 9वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों को सप्ताह में 1 दिन छोड़कर यानी की सिर्फ 3 दिन ही सप्ताह में स्कूल बुलाने की अनुशंसा पालक संघ ने सरकार के सामने की है.
- बैठक में होगा स्कूल खोलने का निर्णय
सरकार भी नहीं चाहती कि कोरोना के कारण बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो. लेकिन सरकार करोना की तीसरी लहर को देखते हुए अपने दायित्व से पीछे भी नहीं हटना चाह रही. स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि सरकार ने इसको लेकर तमाम सुझाव मांगे थे. प्राइवेट स्कूल और पालक संघ से भी चर्चा हुई है, लेकिन इसका निर्णय 1 जुलाई के बाद ही बैठक कर लिया जाएगा. जिस तरह से कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बच्चों पर ज्यादा है, ऐसे में मुख्यमंत्री और मंत्रियों की कमेटी ही आने वाले दिनों में इस पर निर्णय लेगी.
- एक करोड़ 56 बच्चों की चिंता
मध्य प्रदेश की जाए तो प्रदेश में 99 हजार सरकारी स्कूल है. जो कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक संचालित होते हैं. वहीं प्राइवेट स्कूलों की संख्या 44 हजार है. इसमें कुल बच्चों की संख्या एक करोड़ 56 हजार है. 96 लाख बच्चे सरकारी स्कूलों में हैं, तो प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की संख्या 60 लाख के करीब है. ऐसे में इन बच्चों के भविष्य को लेकर सभी की चिंता है.