भोपाल। सरपंचों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है. अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रीय सरपंच संघ के नेतृत्व में पंचायत पदाधिकारी भोपाल के गांधी भवन में जुटेंगे और सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेंगे. सरपंच संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक सीएम द्वारा बुलाई गई पंचायत महा सम्मेलन में किए गए ऐलान पर दो माह बाद भी अमल नहीं हो सका. मनरेगा के पैसों का भुगतान भी पिछले दो माह से किसानों को नहीं हो सका. पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती तो पूरे प्रदेश में 31 जनवरी से पंचायतों में किसी तरह का काम नहीं किया जाएगा.
सरपंच की तानाशाही, मजदूरी मांगने गए मजदूर की पिटाई
मनरेगा का सॉफ्टवेयर बना मुसीबतः राष्ट्रीय सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष निर्भय सिंह यादव ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा मनरेगा के कामों की निगरानी के लिए एएमएमएस सॉफ्टवेयर पर काम शुरू किया गया है. जिसमें मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों की सुबह और शाम की फोटो खींचकर भेजनी होती है. नेटवर्क और सॉफ्टवेयर में परेशानी आने से कई बार मजदूर का डाटा ही अपडेट नहीं हो पाता है. ऐसे में मजदूर का भुगतान नहीं किया जाता. इस तरह की कई और समस्याओं को लेकर सरपंच संघ लगातार सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी बात सुनने को भी तैयार नहीं है.
दो माह से नहीं मिला मनरेगा का पैसाः राष्ट्रीय सरपंच संघ के पदाधिकारी रंजीत यादव के मुताबिक सरकार द्वारा मनरेगा की राशि के रूप में 202 रुपए दिन की मजदूरी दी जा रही है. इतनी कम राशि पर मजदूर काम करता है, लेकिन उसे दो माह तक भुगतान नहीं किया जा रहा. पंचायतों में पिछले 2 माह से मनरेगा का भुगतान नहीं किया गया है. इसी तरह सरपंचों को अधिकार देने सहित सीएम द्वारा कई घोषणाएं की गई थी, लेकिन इस संबंध में आज तक कोई आदेश जारी नहीं किए गए.