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डीजीपी की एडवाइजरी पर सपाक्स ने खड़े किए सवाल, कहा- वर्ग विशेष के लिए एडवाइजरी क्यों

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Published : Nov 6, 2019, 10:55 PM IST

एससी एसटी वर्ग पर बड़ी कार्रवाई ना करने के फैसले के बाद से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. गृहमंत्री बाला बच्चन ने खुद इस मामले को अनुच्छेद बताते हुए कहा है कि वह डीजीपी से बात करेंगे.

एडवाइजरी को लेकर सपाक्स ने खड़े किए सवाल

भोपाल। डीजीपी के SC-ST वर्ग के लिए दिए गए बयान पर बवाल खड़ा हो गया है. सपाक्स पार्टी ने डीजीपी के आदेश पर अपना विरोध जताते हुए कहा है कि कमलनाथ सरकार तो शिवराज सरकार से दो कदम आगे निकल गई. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार सिर्फ आप फायदे के लिए इस तरीके के आदेश जारी करा रहे हैं.

डीजीपी की एडवाइजरी पर सपाक्स ने खड़े किए सवाल

डीजीपी वीके सिंह ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए आदेश दिया है कि एससी एसटी वर्ग पर ज्यादा कड़ी कार्रवाई ना की जाए, साथ ही पुलिस अभिरक्षा में उनके साथ किसी भी प्रकार का अभद्र व्यवहार या मारपीट ना कि जाए. पुलिस की एक प्रकार की एडवाइजरी पर कई संगठन सवाल खड़े कर रहे हैं और पुलिस से पूछा जा रहा है कि एमपी पुलिस को इस तरीके से एडवाइजरी क्यों जारी करनी पड़ रही है.

वर्ग विशेष के लिए एडवाइजरी क्यों
वर्ग विशेष के लिए पुलिस थानों में इस तरीके के एडवाइजरी जारी करने का क्या मतलब है एमपी पुलिस का जाति वाला यह फैसला वर्ग विशेष को खुश कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ इस फैसले को लेकर मजाक भी उड़ाया जा रहा है.

सपाक्स पार्टी के संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी का साफ तौर पर कहना है कि अधिकारी अपने निजी फायदे के लिए इस तरीके के आदेश जारी कर रहे हैं. अपराधी अपराधी होता है अपराधी की कोई जाति नहीं होती. जिस तरीके से डीजीपी ने यह आदेश जारी किया है वह वाकई न्याय संगत नहीं है. वह इस मामले का विरोध करते हैं और मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.

भोपाल। डीजीपी के SC-ST वर्ग के लिए दिए गए बयान पर बवाल खड़ा हो गया है. सपाक्स पार्टी ने डीजीपी के आदेश पर अपना विरोध जताते हुए कहा है कि कमलनाथ सरकार तो शिवराज सरकार से दो कदम आगे निकल गई. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार सिर्फ आप फायदे के लिए इस तरीके के आदेश जारी करा रहे हैं.

डीजीपी की एडवाइजरी पर सपाक्स ने खड़े किए सवाल

डीजीपी वीके सिंह ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए आदेश दिया है कि एससी एसटी वर्ग पर ज्यादा कड़ी कार्रवाई ना की जाए, साथ ही पुलिस अभिरक्षा में उनके साथ किसी भी प्रकार का अभद्र व्यवहार या मारपीट ना कि जाए. पुलिस की एक प्रकार की एडवाइजरी पर कई संगठन सवाल खड़े कर रहे हैं और पुलिस से पूछा जा रहा है कि एमपी पुलिस को इस तरीके से एडवाइजरी क्यों जारी करनी पड़ रही है.

वर्ग विशेष के लिए एडवाइजरी क्यों
वर्ग विशेष के लिए पुलिस थानों में इस तरीके के एडवाइजरी जारी करने का क्या मतलब है एमपी पुलिस का जाति वाला यह फैसला वर्ग विशेष को खुश कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ इस फैसले को लेकर मजाक भी उड़ाया जा रहा है.

सपाक्स पार्टी के संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी का साफ तौर पर कहना है कि अधिकारी अपने निजी फायदे के लिए इस तरीके के आदेश जारी कर रहे हैं. अपराधी अपराधी होता है अपराधी की कोई जाति नहीं होती. जिस तरीके से डीजीपी ने यह आदेश जारी किया है वह वाकई न्याय संगत नहीं है. वह इस मामले का विरोध करते हैं और मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.

Intro:प्रदेश के डीजे पी के sc-st के व्यक्तियों पर बड़ी कार्यवाही ना करने के फैसले के बाद से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है गृहमंत्री बाला बच्चन ने खुद इस मामले को अनुच्छेद बताते हुए कहा है कि वह डीजीपी से बात करेंगे तो उसके बाद सपाक्स पार्टी ने भी डीसी के आदेश पर अपना विरोध जताया है समाज के संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी का कहना है सोनू को प्रताड़ित करने में शिवराज सरकार से दो कदम आगे निकल गई है कमलनाथ सरकार और अधिकारी सिर्फ आप ही अपने निजी फायदे को देखते हुए इस तरीके के आदेश जारी कर रहे हैं


Body:डीजीपी वीके सिंह ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए आदेश में लिखा है कि ऐसी एचडी के व्यक्तियों पर ज्यादा कड़ी कार्यवाही ना की जाए साथ ही पुलिस अभिरक्षा में उनके साथ कोई अभद्र व्यवहार एवं मारपीट ना किए जाए जीके सा देश के बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा बनी हुई है कि आकर एमपी पुलिस इस तरीके एडवाइजरी क्यों जारी कर रही है वर्ग विशेष के लिए पुलिस थानों में इस तरीके के एडवाइजरी जारी करने का क्या मतलब है वाकई एमपी पुलिस का जाति वाला यह फैसला वर्ग विशेष को खुश कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ इस फैसले को लेकर मजाक भी उड़ाया जा रहा है


Conclusion:सपाक्स पार्टी के संरक्षक और पूर्व आईएएस हीरालाल त्रिवेदी का साफ तौर पर कहना है कि अधिकारी अपने निजी फायदे के लिए इस तरीके के आदेश जारी कर रहे हैं अपराधी अपराधी होता है अपराधी की कोई जाति नहीं होती और जिस तरीके से Dgp ने ने यह आदेश जारी किया है वह वाकई न्याय संगत नहीं है वह इस मामले का विरोध करते हैं और मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए

बाइट - हीरालाल त्रिवेदी, संरक्षक spaks, पूर्व ias
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