भोपाल| प्रदेश में गर्मी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है और तापमान में भी लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में एक बार फिर से पानी का संकट गहरा सकता है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन ने संबंधित विभागों को पहले ही निर्देश जारी कर दिए थे कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था बाधित नहीं होनी चाहिए.
पेयजल व्यवस्था की नियमित की जा रही समीक्षा
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का अमला ग्रीष्मकालीन पेयजल समस्याओं के निराकरण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ जुटा हुआ है. इसके लिए सभी स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं और पेयजल व्यवस्था को लेकर प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है.
शिकायतों का हुआ निराकरण
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता ने जारी जानकारी देते हुए बताया कि भोपाल परिक्षेत्र के 8 जिलों में 10 अप्रैल से 14 अप्रैल तक प्राप्त 1791 शिकायतों में से 1693 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है. इसके अलावा सभी पेयजल स्रोतों के निर्जीवीकरण का कार्य भी किया जा रहा है. कोरोना के विषय में ग्रामों में जागरूकता और व्यक्तिगत दूरी बनाए रखने का संदेश भी दिया जा रहा है.
5 हजार एक सौ 33 हेण्डपम्प हुए चालू
प्रथम लॉकडाउन अवधि में 14 अप्रैल तक विभाग द्वारा 8 जिलों में 5 हजार एक सौ 33 हेण्डपम्पों को सुधारकर चालू कराए जाने के साथ ही इनके आसपास क्षेत्र को सेनिटाइज भी किया गया. भोपाल संभाग के भोपाल, सीहोर, रायसेन, राजगढ़, विदिशा और नर्मदापुरम संभाग के होशंगाबाद, हरदा और बैतूल जिले में बिगड़े हेण्डपम्पों को सुधारकर चालू करवाए गए हैं.