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गर्मी बढ़ने के साथ ही पेयजल आपूर्ति की नियमित की जा रही समीक्षा, कोरोना का भी असर

प्रदेश में गर्मी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है और तापमान में भी लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. वहीं कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए पेयजल स्त्रोतों के आसपास को सेनिटाइज किया जा रहा है, साथ ही प्रतिदिन पेयजल की समीक्षा की जा रही है.

Sanitizing around drinking water sources, Regular review of drinking water supply
गर्मी बढ़ने के साथ ही पेयजल आपूर्ति की नियमित की जा रही समीक्षा
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Published : Apr 16, 2020, 5:45 PM IST

भोपाल| प्रदेश में गर्मी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है और तापमान में भी लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में एक बार फिर से पानी का संकट गहरा सकता है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन ने संबंधित विभागों को पहले ही निर्देश जारी कर दिए थे कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था बाधित नहीं होनी चाहिए.

Sanitizing around drinking water sources, Regular review of drinking water supply
गर्मी बढ़ने के साथ ही पेयजल आपूर्ति की नियमित की जा रही समीक्षा

पेयजल व्यवस्था की नियमित की जा रही समीक्षा

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का अमला ग्रीष्मकालीन पेयजल समस्याओं के निराकरण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ जुटा हुआ है. इसके लिए सभी स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं और पेयजल व्यवस्था को लेकर प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है.

शिकायतों का हुआ निराकरण

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता ने जारी जानकारी देते हुए बताया कि भोपाल परिक्षेत्र के 8 जिलों में 10 अप्रैल से 14 अप्रैल तक प्राप्त 1791 शिकायतों में से 1693 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है. इसके अलावा सभी पेयजल स्रोतों के निर्जीवीकरण का कार्य भी किया जा रहा है. कोरोना के विषय में ग्रामों में जागरूकता और व्यक्तिगत दूरी बनाए रखने का संदेश भी दिया जा रहा है.

5 हजार एक सौ 33 हेण्डपम्प हुए चालू

प्रथम लॉकडाउन अवधि में 14 अप्रैल तक विभाग द्वारा 8 जिलों में 5 हजार एक सौ 33 हेण्डपम्पों को सुधारकर चालू कराए जाने के साथ ही इनके आसपास क्षेत्र को सेनिटाइज भी किया गया. भोपाल संभाग के भोपाल, सीहोर, रायसेन, राजगढ़, विदिशा और नर्मदापुरम संभाग के होशंगाबाद, हरदा और बैतूल जिले में बिगड़े हेण्डपम्पों को सुधारकर चालू करवाए गए हैं.

भोपाल| प्रदेश में गर्मी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है और तापमान में भी लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में एक बार फिर से पानी का संकट गहरा सकता है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन ने संबंधित विभागों को पहले ही निर्देश जारी कर दिए थे कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था बाधित नहीं होनी चाहिए.

Sanitizing around drinking water sources, Regular review of drinking water supply
गर्मी बढ़ने के साथ ही पेयजल आपूर्ति की नियमित की जा रही समीक्षा

पेयजल व्यवस्था की नियमित की जा रही समीक्षा

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का अमला ग्रीष्मकालीन पेयजल समस्याओं के निराकरण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ जुटा हुआ है. इसके लिए सभी स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं और पेयजल व्यवस्था को लेकर प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है.

शिकायतों का हुआ निराकरण

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता ने जारी जानकारी देते हुए बताया कि भोपाल परिक्षेत्र के 8 जिलों में 10 अप्रैल से 14 अप्रैल तक प्राप्त 1791 शिकायतों में से 1693 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है. इसके अलावा सभी पेयजल स्रोतों के निर्जीवीकरण का कार्य भी किया जा रहा है. कोरोना के विषय में ग्रामों में जागरूकता और व्यक्तिगत दूरी बनाए रखने का संदेश भी दिया जा रहा है.

5 हजार एक सौ 33 हेण्डपम्प हुए चालू

प्रथम लॉकडाउन अवधि में 14 अप्रैल तक विभाग द्वारा 8 जिलों में 5 हजार एक सौ 33 हेण्डपम्पों को सुधारकर चालू कराए जाने के साथ ही इनके आसपास क्षेत्र को सेनिटाइज भी किया गया. भोपाल संभाग के भोपाल, सीहोर, रायसेन, राजगढ़, विदिशा और नर्मदापुरम संभाग के होशंगाबाद, हरदा और बैतूल जिले में बिगड़े हेण्डपम्पों को सुधारकर चालू करवाए गए हैं.

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