भोपाल। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए देशभर में सर्वे किए जा रहे हैं. इस सर्वे के दौरान सभी शहरों को अंकों में नंबर भी दिए जा रहे हैं. इसके बाद ही फाइनल रिपोर्ट तैयार हो सकेगी. स्वच्छता सर्वेक्षण के तीन चरणों में होने वाले सर्वे में भोपाल दूसरी तिमाही क्वार्टर की परीक्षा में एक बार फिर से पिछड़ गया है. देश में इंदौर एक बार फिर से अपने प्रथम स्थान पर काबिज है. भोपाल पहले रिपोर्ट में दूसरे स्थान से खिसककर पांचवें स्थान पर आ गया है, जबकि पहली तिमाही में किए गए सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भोपाल दूसरे स्थान पर था, लेकिन दूसरी तिमाही की रिपोर्ट में भोपाल काफी पीछे हो गया है और अन्य शहर भोपाल से आगे निकल गए हैं, जो भोपाल नगर निगम के लिए चिंता का विषय है.
- बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण को तीन-तीन माह में बांटा गया है, हालांकि दोनों सर्वे के अंकों के आधार पर भोपाल देश में दूसरे स्थान पर है.
- स्वच्छता सर्वेक्षण में केंद्र सरकार ने अप्रैल से जून तक पहली तिमाही, जुलाई से सितंबर तक दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही अक्टूबर से दिसंबर तक तय की है.
- इस आधार पर केंद्र ने देर शाम पहली अप्रैल से जून और दूसरे क्वार्टर जुलाई से सितंबर के आंकड़े जारी किए हैं. इस रैकिंग में 10 लाख आबादी वाले शहरों को शामिल किया गया है. यह रैंकिंग भी घरों से कचरा कलेक्शन, कचरा से सेग्रीगेशन (कचरा पृथकीकरण), कचरे का परिवहन और फोन पर लिए गए फीडबैक के आधार पर जारी की गई है.
- जनवरी में सर्वेक्षण में शहर की बड़ी परीक्षा होगी. इसके तहत गार्बेज फ्री सिटी, शहर की सफाई-व्यवस्था, ओडीएफ की हकीकत और ठोस अपशिष्ट नियमों के तहत पैरामीटर के आधार पर स्टार रैकिंग पर कुल 4500 अंक हासिल करने होंगे. बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण कुल 6 हजार अंकों पर आधारित है.
- नगर निगम के अधिकारियों का अनुमान है कि टेलिफोनिक फीडबैक के कारण दूसरे से पांचवें स्थान पर आए हैं, हालांकि निगम द्वारा लगातार सफाई-व्यवस्था की जा रही है, लिहाजा सर्वे के दौरान शहर में सफाई-व्यवस्था में कोई अंतर संभव नहीं है. इसके अलावा दस्तावेज अपलोड करने को लेकर भी सावधानी बरती जा रही है.
- देश के दूसरे पायदान पर आने के लिए निगम को कुछ स्तर पर सुधार करने की बेहद जरूरत है. डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, गीले-सूखे कचरे को अलग-अलग करना, लोगों में सफाई को लेकर जागरूकता लाना, बाजारों की सफाई-व्यवस्था को और तेज करना और शहर में की जा रही सफाई-व्यवस्था को थोड़ी और कसावट लाने की जरूरत है, तभी भोपाल फिर से देश में दूसरे स्थान पर आ सकता है.
नगर निगम भोपाल के लिए स्वच्छता अभियान की वॉलिंटियर सिमरन रायकवार का कहना है कि हमारे द्वारा लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जिसका असर अब दिखाई देने लगा है लोग गीला और सूखा कचरा अलग अलग नगर निगम के कर्मचारियों को दे रहे हैं. पिछले 3 माह में लोगों के अंदर काफी जागरूकता आई है. हम लोगों से लगातार संपर्क में हैं और उनकी समस्याओं को भी हल कर रहे हैं. निश्चित रूप से आने वाले समय में जब सर्वे रिपोर्ट आएगी तो भोपाल की स्थिति काफी बेहतर होगी हमें पूरी उम्मीद है. कि भोपाल देश में स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम स्थान हासिल करेगा .
तिमाही अप्रैल से जून में देश के अव्वल शहर और उनके अंक कुछ इस प्रकार हैं
- इंदौर अंक 1632
- भोपाल अंक 1523.31
- सूरत (गुजरात )अंक 1497
- नासिक (महाराष्ट्र) अंक 1468
- राजकोट (गुजरात )अंक 1442
वहीं दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर में देश में अव्वल शहर और उनके अंक इस प्रकार है
- इंदौर अंक 1653
- राजकोट (गुजरात) 1592
- थाणे( महाराष्ट्र )1515
- बड़ोदरा (गुजरात )1514
- भोपाल 1499.23