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फाइलों में दम तोड़ रही समग्र कृषि विकास योजना, 10 माह में 10 कदम भी नहीं चला विभाग

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Published : Dec 6, 2021, 11:35 AM IST

मध्यप्रदेश में अधिकारियों की लापरवाही के कारण समग्र कृषि विकास योजना (Samagra Krishi Vikas Yojana failed in mp) और आत्मनिर्भर ग्राम योजना (self reliant village scheme failed in MP) विफल हो रही है, केंद्र के दिशानिर्देश के बावजूद पिछले 10 महीनों में संबंधित विभाग वहीं का वहीं अब तक खड़ा है.

plan for self reliant villages
अधर में गांवों का विकास प्लान

भोपाल। खेती को लाभ का धंधा बनाने और गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य और केन्द्र सरकार योजनाएं (plan for self reliant villages) तो बना रही हैं, लेकिन निचले स्तर पर अधिकारी इसको अमलीजामा (Plan For Make Self Reliant Villages Failed in Madhya Pradesh) पहनाने में रूचि ही नहीं दिखा रहे हैं. केंद्र सरकार ने गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गांवों का समग्र कृषि विकास योजना तैयार करने के निर्देश दिए थे, लेकिन छोटी इकाई स्तर के स्टाफ की लापरवाही से 10 माह में अधिकांश गांवों का प्लाान ही तैयार नहीं हो सका है.

गद्दार कौन राजा या महाराजा! गद्दारी पर फिर आमने-सामने दिग्विजय-सिंधिया

केंद्र ने दिए थे निर्देश

केंद्र सरकार ने एक साल पहले कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों को विस्तार देने के लिए इस साल फरवरी-माह तक कंप्रिहेंसिव डिस्ट्रक्ट एग्रीकल्चर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए थे, इसके बाद गांवों का प्लान बनाकर भेजने के निर्देश दिए गए थे. इसके लिए कृषि संचालनालय ने 9 दिसंबर 2020 को पत्र जारी किया था, इसमें आगामी पांच सालों के लिए जिला वार समग्र कृषि विकास प्लान बनाने के निर्देश दिए गए थे. इसमें अलग-अलग प्रपत्र भेजे जाने थे, जिसमें किसानों की संख्या, सिंचित और असंचित क्षेत्र, कृषि भूमि, मिट्टी का प्रकार, उगाई जा रही फसलें, उत्पादन की स्थिति, उद्यानिकी के क्षेत्र में संभावनाएं, जैविक खेती की स्थिति, नई फसलों की संभावनाएं, उद्यानिकी को लेकर किसानों का रुझान, मिट्टी परीक्षण की स्थिति आदि.

संचालक को प्लान का पता नहीं

बताया जाता है कि अधिकांश गांवों का प्लान ही तैयार (No Plan For Make Self Reliant Villages) नहीं किया गया है, न प्लान तैयार किया गया और न ही जिम्मेदारों ने इसकी सुध ली, जबकि करीब 10 माह का समय बीत चुका है. इसको लेकर जब उद्यानिकी विभाग के संचालक मनोज अग्रवाल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसको लेकर पत्र तो जारी किया गया था तो प्लान भी जरूर (Samagra Krishi Vikas Yojana failed in mp) बना होगा. इसको दिखवाना पड़ेगा.

अधर में गांवों का मास्टर प्लान

ग्रामीण विकास प्लान (self reliant village scheme failed in MP) ही नहीं, बल्कि गांवों का मास्टर प्लान बनाने का काम भी अधर में लटका है, दो साल पहले प्रदेश के सभी गांवों का मास्टर प्लान बनाने का निर्णय किया गया था, इसमें भविष्य की योजना के हिसाब से गांवों का विकास योजना तैयार करने के लिए कहा गया था, ताकि इसका विकास सुव्यस्थित तरीके से हो सके, लेकिन इसे गति ही नहीं मिल सकी.

भोपाल। खेती को लाभ का धंधा बनाने और गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य और केन्द्र सरकार योजनाएं (plan for self reliant villages) तो बना रही हैं, लेकिन निचले स्तर पर अधिकारी इसको अमलीजामा (Plan For Make Self Reliant Villages Failed in Madhya Pradesh) पहनाने में रूचि ही नहीं दिखा रहे हैं. केंद्र सरकार ने गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गांवों का समग्र कृषि विकास योजना तैयार करने के निर्देश दिए थे, लेकिन छोटी इकाई स्तर के स्टाफ की लापरवाही से 10 माह में अधिकांश गांवों का प्लाान ही तैयार नहीं हो सका है.

गद्दार कौन राजा या महाराजा! गद्दारी पर फिर आमने-सामने दिग्विजय-सिंधिया

केंद्र ने दिए थे निर्देश

केंद्र सरकार ने एक साल पहले कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों को विस्तार देने के लिए इस साल फरवरी-माह तक कंप्रिहेंसिव डिस्ट्रक्ट एग्रीकल्चर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए थे, इसके बाद गांवों का प्लान बनाकर भेजने के निर्देश दिए गए थे. इसके लिए कृषि संचालनालय ने 9 दिसंबर 2020 को पत्र जारी किया था, इसमें आगामी पांच सालों के लिए जिला वार समग्र कृषि विकास प्लान बनाने के निर्देश दिए गए थे. इसमें अलग-अलग प्रपत्र भेजे जाने थे, जिसमें किसानों की संख्या, सिंचित और असंचित क्षेत्र, कृषि भूमि, मिट्टी का प्रकार, उगाई जा रही फसलें, उत्पादन की स्थिति, उद्यानिकी के क्षेत्र में संभावनाएं, जैविक खेती की स्थिति, नई फसलों की संभावनाएं, उद्यानिकी को लेकर किसानों का रुझान, मिट्टी परीक्षण की स्थिति आदि.

संचालक को प्लान का पता नहीं

बताया जाता है कि अधिकांश गांवों का प्लान ही तैयार (No Plan For Make Self Reliant Villages) नहीं किया गया है, न प्लान तैयार किया गया और न ही जिम्मेदारों ने इसकी सुध ली, जबकि करीब 10 माह का समय बीत चुका है. इसको लेकर जब उद्यानिकी विभाग के संचालक मनोज अग्रवाल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसको लेकर पत्र तो जारी किया गया था तो प्लान भी जरूर (Samagra Krishi Vikas Yojana failed in mp) बना होगा. इसको दिखवाना पड़ेगा.

अधर में गांवों का मास्टर प्लान

ग्रामीण विकास प्लान (self reliant village scheme failed in MP) ही नहीं, बल्कि गांवों का मास्टर प्लान बनाने का काम भी अधर में लटका है, दो साल पहले प्रदेश के सभी गांवों का मास्टर प्लान बनाने का निर्णय किया गया था, इसमें भविष्य की योजना के हिसाब से गांवों का विकास योजना तैयार करने के लिए कहा गया था, ताकि इसका विकास सुव्यस्थित तरीके से हो सके, लेकिन इसे गति ही नहीं मिल सकी.

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